2 Samuel - 2 शमूएल 2 | View All

1. इसके बाद दाऊद ने यहोवा से पूछा, कि क्या मैं यहूदा के किसी नगर में जाऊं? यहोवा ने उस से कहा, हां, जा। दाऊद ने फिर पूछा़, किस नगर में जाऊं? उस ने कहा, हेब्रोन में।

1. After this David inquired of the LORD, 'Shall I go up into one of the cities of Judah?' The LORD replied to him, 'Yes.' Then David asked, 'Where shall I go?' He replied, 'To Hebron.'

2. तब दाऊद यिज्रेली अहीनोअम, और कमेंली नाबाल की स्त्री अबीगैल नाम, अपनी दोनों पत्नियों समेत वहाँ गया।

2. So David went up there accompanied by his two wives, Ahinoam of Jezreel and Abigail, the widow of Nabal of Carmel.

3. और दाऊद अपने साथियों को भी एक एक के घराने समेत वहां ले गया; और वे हेब्रोन के गांवों में रहने लगे।

3. David also brought up his men with their families, and they dwelt in the cities near Hebron.

4. और यहूदी लोग गए, और वहां दाऊद का अभिषेक किया कि वह यहूदा के घराने का राजा हो।

4. Then the men of Judah came there and anointed David king of the Judahites.A report reached David that the men of Jabesh-gilead had buried Saul.

5. और दाऊद को यह समाचार मिला, कि जिन्हों ने शाऊल को मिट्टी दी वे गिलाद के याबेश नगर के लोग हैं। तब दाऊद ने दूतों से गिलाद के याबेश के लोगों के पास यह कहला भेजा, कि यहोवा की आशिष तुम पर हो, क्योंकि तुम ने अपने प्रभु शाऊल पर यह कृपा करके उसको मिट्टी दी।

5. So David sent messengers to the men of Jabesh-gilead and said to them: 'May you be blessed by the LORD for having done this kindness to your lord Saul in burying him.

6. इसलिये अब यहोवा तुम से कृपा और सच्चाई का बर्त्ताव करे; और मैं भी तुम्हारी इस भलाई का बदला तुम को दूंगा, क्योंकि तुम ने यह काम किया है।

6. And now may the LORD be kind and faithful to you. I, too, will be generous to you for having done this.

7. और अब हियाव बान्धो, और पुरूषार्थ करो; क्योंकि तुम्हारा प्रभु शाऊल मर गया, और यहूदा के घराने ने अपने ऊपर राजा होने को मेरा अभिष्ेाक किया है।

7. Take courage, therefore, and prove yourselves valiant men, for though your lord Saul is dead, the Judahites have anointed me their king.'

8. परन्तु नेर का पुत्रा अब्नेर जो शाऊल का प्रधान सेनापति था, उस ने शाऊल के पुत्रा ईशबोशेत को संग ले पार जाकर महनैम में पहुंचाया;

8. Abner, son of Ner, Saul's general, took Ishbaal, son of Saul, and brought him over to Mahanaim,

9. और उसे गिलाद अशूरियों के देश यिज्रेल, एप्रैम, बिन्यामीन, वरन समस्त इस्राएल के देश पर राजा नियुक्त किया।

9. where he made him king over Gilead, the Ashurites, Jezreel, Ephraim, Benjamin, and the rest of Israel.

10. शाऊल का पुत्रा ईशबोशेत चालीस वर्ष का था जब वह इस्राएल पर राज्य करने लगा, और दो वर्ष तक राज्य करता रहा। परन्तु यहूदा का घराना दाऊद के पक्ष में रहा।

10. Ishbaal, son of Saul, was forty years old when he became king over Israel, and he reigned for two years. The Judahites alone followed David.

11. और दाऊद के हेब्रोन में यहूदा के घराने पर राज्य करने का समय साढे सात वर्ष था।

11. In all, David spent seven years and six months in Hebron as king of the Judahites.

12. और नेर का पुत्रा अब्नेर, और शाऊल के पुत्रा ईशबोशेत के जन, महनैम से गिबोन को आए।

12. Now Abner, son of Ner, and the servants of Ishbaal, Saul's son, left Mahanaim for Gibeon.

13. तब सरूयाह का पुत्रा योआब, और दाऊद के जन, हेब्रोन से निकलकर उन से गिबोन के पोखरे के पास मिले; और दोनों दल उस पोखरे की एक एक ओर बैठ गए।

13. Joab, son of Zeruiah, and David's servants also set out and met them at the pool of Gibeon. And they sat down, one group on one side of the pool and the other on the opposite side.

14. तब अब्नेर ने योआब से कहा, जवान लोग उठकर हमारे साम्हने खेलें। योआब ने कहा, वे उठें।

14. Then Abner said to Joab, 'Let the young men rise and perform for us.' Joab replied, 'All right!'

15. तब वे उठे, और बिन्यामीन, अर्थात् शाऊल के पुत्रा ईशबोशेत के पक्ष के लिये बारह जन गिनकर निकले, और दाऊद के जनों में से भी बारह निकले।

15. So they rose and were counted off: twelve of the Benjaminites of Ishbaal, son of Saul, and twelve of David's servants.

16. और उन्हों ने एक दूसरे का सिर पकड़कर अपनी अपनी तलवार एक दूसरे के पांजर में भोंक दी; और वे एक ही संग मरे। इस से उस स्थान का नाम हेल्कथस्सूरीम पड़ा, वह गिबोन में है।

16. Then each one grasped his opponent's head and thrust his sword into his opponent's side, and all fell down together. And so that place, which is in Gideon, was named the Field of the Sides.

17. और उस दिन बड़ा घोर से युद्ध हुआ; और अब्नेर और इस्राएल के पुरूष दाऊद के जनों से हार गए।

17. After a very fierce battle that day, Abner and the men of Israel were defeated by David's servants.

18. वहां तो योआब, अबीशै, और असाहेल नाम सरूयाह के तीनों पुत्रा थे। और असाहेल बनैले चिकारे के समान वेग दौड़नेवाला़ था।

18. The three sons of Zeruiah were there-- Joab, Abishai, and Asahel. Asahel, who was as fleet of foot as a gazelle in the open field,

19. तब असाहेल अब्नेर का पीछा करने लगा, और उसका पीछा करते हुए न तो दाहिनी ओर मुड़ा न बाई ओर।

19. set out after Abner, turning neither right nor left in his pursuit.

20. अब्नेर ने पीछे फिरके पूछा, क्या तू असाहेल है? उस ने कहा, हां मैं वही हूँ।

20. Abner turned around and said, 'Is that you, Asahel?' He replied, 'Yes.'

21. अब्नेर ने उस से कहा, चाहे दाहिनी, चाहे बाई ओर मुड़, किसी जवान को पकड़कर उसका बकतर ले ले। परन्तु असाहेल ने उसका पीछा न छोड़ा।

21. Abner said to him, 'Turn right or left; seize one of the young men and take what you can strip from him.' But Asahel would not desist from his pursuit.

22. अब्नेर ने असाहेल से फिर कहा, मेरा पीछा छोड़ दे; मुझ को क्यों तुझे मारके मिट्टी में मिला देना पड़े? ऐसा करके मैं तेरे भाई योआब को अपना मुख कैसे दिखाऊंगा?

22. Once more Abner said to Asahel: 'Stop pursuing me! Why must I strike you to the ground? How could I face your brother Joab?'

23. तौभी उस ने हट जाने को नकारा; तब अब्नेर ने अपने भाले की पिछाड़ी उसके पेट में ऐसे मारी, कि भाला आरपार होकर पीछे निकला; और वह वहीं गिरके मर गया। और जितने लोग उस स्थान पर आए जहां असाहेल गिरके मर गया, वहां वे सब खढ़े रहे।

23. Still he refused to stop. So Abner struck him in the abdomen with the heel of his javelin, and the weapon protruded from his back. He fell there and died on the spot. And all who came to the place where Asahel had fallen and died, came to a halt.

24. परन्तु योआब और अबीशै अब्नेर का पीछा करते रहे; और सूर्य डूबते डूबते वे अम्मा नाम उस पहाड़ी तक पहुंचे, जो गिबोन के जंगल के मार्ग में गीह के साम्हने है।

24. Joab and Abishai, however, continued the pursuit of Abner. The sun had gone down when they came to the hill of Ammah which lies east of the valley toward the desert near Geba.

25. और बिन्यामीनी अबब्नेर के पीछे होकर एक दल हो गए, और एक पहाड़ी की चोटी पर खड़े हुए।

25. Here the Benjaminites rallied around Abner, forming a single group, and made a stand on the hilltop.

26. तब अब्नेर योआब को पुकारके कहने लगा, क्या तलवार सदा मारती रहे? क्या तू नहीं जानता कि इसका फल दु:खदाई होगा? तू कब तक अपने लोगों को आज्ञा न देगा, कि अपने भाइयों का पीछा छोड़कर लौटो?

26. Then Abner called to Joab and said: 'Must the sword destroy to the utmost? Do you not know that afterward there will be bitterness? How much longer will you refrain from ordering the people to stop the pursuit of their brothers?'

27. योआब ने कहा, परमेश्वर के जीवन की शपथ, कि यदि तू न बोला होता, तो निेसन्देह लोग सवेरे ही चले जाते, और अपने अपने भाई का पीछा न करते।

27. Joab replied, 'As God lives, if you had not spoken, the soldiers would not have been withdrawn from the pursuit of their brothers until morning.'

28. तब योआब ने नरसिंगा फूंका; और सब लोग ठहर गए, और फिर इस्राएलियों का पीछा न किया, और लड़ाई फिर न की।

28. Joab then sounded the horn, and all the soldiers came to a halt, pursuing Israel no farther and fighting no more.

29. और अब्नेर अपने जनों समेत उसी दिन रातोंरात अराबा से होकर गया; और यरदन के पार हो समस्त बित्रोन देश में होकर महनैम में पहुंचा।

29. Abner and his men marched all night long through the Arabah, crossed the Jordan, marched all through the morning, and came to Mahanaim.

30. और योआब अब्नेर का पीछा छोड़कर लौटा; और जब उस ने सब लोगों को इकट्टा किया, तब क्या देखा, कि दाऊद के जनों में से उन्नीस पुरूष और असाहेल भी नहीं हैं।

30. Joab, after interrupting the pursuit of Abner, assembled all the men. Besides Asahel, nineteen other servants of David were missing.

31. परन्तु दाऊद के जनों ने बिन्यामीनियों और अब्नेर के जनों को ऐसा मारा कि उन में से तीन सौ साठ जन मर गए।

31. But David's servants had fatally wounded three hundred and sixty men of Benjamin, followers of Abner.

32. और उन्हों ने असाहेल को उठाकर उसके पिता के क़ब्रिस्तान में, जो बेतलेहेम में था, मिट्टी दी। तब योआब अपने जनों समेत रात भर चलकर पह फटते हेब्रोन में पहुंचा।

32. They took up Asahel and buried him in his father's tomb in Bethlehem. Joab and his men made an all-night march, and dawn found them in Hebron.



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