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1. यों आकाश और पृथ्वी और उनकी सारी सेना का बनाना समाप्त हो गया।
1. Thus the heavens and the earth were finished, and all their multitude.
2. और परमेश्वर ने अपना काम जिसे वह करता था सातवें दिन समाप्त किया। और उस ने अपने किए हुए सारे काम से सातवें दिन विश्राम किया।इब्रानियों 4:4-10
2. And on the seventh day God finished the work that he had done, and he rested on the seventh day from all the work that he had done.
3. और परमेश्वर ने सातवें दिन को आशीष दी और पवित्रा ठहराया; क्योंकि उस में उस ने अपनी सृष्टि की रचना के सारे काम से विश्राम लिया।मत्ती 12:8
3. So God blessed the seventh day and hallowed it, because on it God rested from all the work that he had done in creation.
4. आकाश और पृथ्वी की उत्पत्ति का वृत्तान्त यह है कि जब वे उत्पन्न हुए अर्थात् जिस दिन यहोवा परमेश्वर ने पृथ्वी और आकाश को बनाया:
4. These are the generations of the heavens and the earth when they were created. In the day that the LORD God made the earth and the heavens,
5. तब मैदान का कोई पौधा भूमि पर न था, और न मैदान का कोई छोटा पेड़ उगा था, क्योंकि यहोवा परमेश्वर ने पृथ्वी पर जल नहीं बरसाया था, और भूमि पर खेती करने के लिये मनुष्य भी नहीं था;
5. when no plant of the field was yet in the earth and no herb of the field had yet sprung up-- for the LORD God had not caused it to rain upon the earth, and there was no one to till the ground;
6. तौभी कुहरा पृथ्वी से उठता था जिस से सारी भूमि सिंच जाती थी
6. but a stream would rise from the earth, and water the whole face of the ground--
7. और यहोवा परमेश्वर ने आदम को भूमि की मिट्टी से रचा और उसके नथनो में जीवन का श्वास फूंक दिया; और आदम जीवता प्राणी बन गया।1 कुरिन्थियों 15:45-47, 1 तीमुथियुस 2:13
7. then the LORD God formed man from the dust of the ground, and breathed into his nostrils the breath of life; and the man became a living being.
8. और यहोवा परमेश्वर ने पूर्व की ओर अदन देश में एक बाटिका लगाई; और वहां आदम को जिसे उस ने रचा था, रख दिया।प्रकाशितवाक्य 2:7
8. And the LORD God planted a garden in Eden, in the east; and there he put the man whom he had formed.
9. और यहोवा परमेश्वर ने भूमि से सब भांति के वृक्ष, जो देखने में मनोहर और जिनके फल खाने में अच्छे हैं उगाए, और बाटिका के बीच में जीवन के वृक्ष को और भले या बुरे के ज्ञान के वृक्ष को भी लगाया।प्रकाशितवाक्य 2:7, प्रकाशितवाक्य 22:14-19, प्रकाशितवाक्य 22:2
9. Out of the ground the LORD God made to grow every tree that is pleasant to the sight and good for food, the tree of life also in the midst of the garden, and the tree of the knowledge of good and evil.
10. और उस बाटिका को सींचने के लिये एक महानदी अदन से निकली और वहां से आगे बहकर चार धारा में हो गई।
10. A river flows out of Eden to water the garden, and from there it divides and becomes four branches.
11. पहिली धारा का नाम पीशोन् है, यह वही है जो हवीला नाम के सारे देश को जहां सोना मिलता है घेरे हुए है।
11. The name of the first is Pishon; it is the one that flows around the whole land of Havilah, where there is gold;
12. उस देश का सोना चोखा होता है, वहां मोती और सुलैमानी पत्थर भी मिलते हैं।
12. and the gold of that land is good; bdellium and onyx stone are there.
13. और दूसरी नदी का नाम गीहोन् है, यह वही है जो कूश के सारे देश को घेरे हुए है।
13. The name of the second river is Gihon; it is the one that flows around the whole land of Cush.
14. और तीसरी नदी का नाम हि :केल् है, यह वही है जो अश्शूर् के पूर्व की ओर बहती है। और चौथी नदी का नाम फरात है।
14. The name of the third river is Tigris, which flows east of Assyria. And the fourth river is the Euphrates.
15. जब यहोवा परमेश्वर ने आदम को लेकर अदन की बाटिका में रख दिया, कि वह उस में काम करे और उसकी रक्षा करे,
15. The LORD God took the man and put him in the garden of Eden to till it and keep it.
16. तब यहोवा परमेश्वर ने आदम को यह आज्ञा दी, कि तू बाटिका के सब वृक्षों का फल बिना खटके खा सकता है:
16. And the LORD God commanded the man, You may freely eat of every tree of the garden;
17. पर भले या बुरे के ज्ञान का जो वृक्ष है, उसका फल तू कभी न खाना : क्योंकि जिस दिन तू उसका फल खाए उसी दिन अवश्य मर जाएगा।।रोमियों 5:12
17. but of the tree of the knowledge of good and evil you shall not eat, for in the day that you eat of it you shall die.
18. फिर यहोवा परमेश्वर ने कहा, आदम का अकेला रहना अच्छा नहीं; मै उसके लिये एक ऐसा सहायक बनाऊंगा जो उस से मेल खाए।1 कुरिन्थियों 11:9
18. Then the LORD God said, It is not good that the man should be alone; I will make him a helper as his partner.
19. और यहोवा परमेश्वर भूमि में से सब जाति के बनैले पशुओं, और आकाश के सब भँाति के पक्षियों को रचकर आदम के पास ले आया कि देखे, कि वह उनका क्या क्या नाम रखता है; और जिस जिस जीवित प्राणी का जो जो नाम आदम ने रखा वही उसका नाम हो गया।
19. So out of the ground the LORD God formed every animal of the field and every bird of the air, and brought them to the man to see what he would call them; and whatever the man called every living creature, that was its name.
20. सो आदम ने सब जाति के घरेलू पशुओं, और आकाश के पक्षियों, और सब जाति के बनैले पशुओं के नाम रखे; परन्तु आदम के लिये कोई ऐसा सहायक न मिला जो उस से मेल खा सके।
20. The man gave names to all cattle, and to the birds of the air, and to every animal of the field; but for the man there was not found a helper as his partner.
21. तब यहोवा परमेश्वर ने आदम को भारी नीन्द में डाल दिया, और जब वह सो गया तब उस ने उसकी एक पसुली निकालकर उसकी सन्ती मांस भर दिया।1 कुरिन्थियों 11:8
21. So the LORD God caused a deep sleep to fall upon the man, and he slept; then he took one of his ribs and closed up its place with flesh.
22. और यहोवा परमेश्वर ने उस पसुली को जो उस ने आदम में से निकाली थी, स्त्री बना दिया; और उसको आदम के पास ले आया।1 तीमुथियुस 2:13
22. And the rib that the LORD God had taken from the man he made into a woman and brought her to the man.
23. और आदम ने कहा अब यह मेरी हडि्डयों में की हड्डी और मेरे मांस में का मांस है : सो इसका नाम नारी होगा, क्योंकि यह नर में से निकाली गई है।
23. Then the man said, This at last is bone of my bones and flesh of my flesh; this one shall be called Woman, for out of Man this one was taken.
24. इस कारण पुरूष अपने माता पिता को छोड़कर अपनी पत्नी से मिला रहेगा और वे एक तन बनें रहेंगे।मत्ती 19:5, मरकुस 10:7-8, 1 कुरिन्थियों 6:16, इफिसियों 5:31
24. Therefore a man leaves his father and his mother and clings to his wife, and they become one flesh.
25. और आदम और उसकी पत्नी दोनों नंगे थे, पर लजाते न थे।।
25. And the man and his wife were both naked, and were not ashamed.