Genesis - उत्पत्ति 18 | View All

1. इब्राहीम मम्रे के बांजो के बीच कड़ी धूप के समय तम्बू के द्वार पर बैठा हुआ था, तब यहोवा ने उसे दर्शन दिया :
इब्रानियों 13:2

1. And the LORD appeared unto him in the oak grove of Mamre as he sat in his tent door in the heat of the day.

2. और उस ने आंख उठाकर दृष्टि की तो क्या देखा, कि तीन पुरूष उसके साम्हने खड़े हैं : जब उस ने उन्हे देखा तब वह उन से भेंट करने के लिये तम्बू के द्वार से दौड़ा, और भूमि पर गिरकर दण्डवत् की और कहने लगा,

2. And he lift up his eyes and looked: and lo, three men stood not far from him. And when he saw them, he ran against(to meet) them from the tent door, and fell to the ground

3. हे प्रभु, यदि मुझ पर तेरी अनुग्रह की दृष्टि है तो मैं बिनती करता हूं, कि अपने दास के पास से चले न जाना।

3. and said: Lord(LORde) if I have found favour in thy sight, go not by thy servant.

4. मैं थोड़ा सा जल लाता हूं और आप अपने पांव धोकर इस वृक्ष के तले विश्राम करें।
लूका 7:44

4. Let a little water be fetched, and wash your feet, and rest your selves under the tree:

5. फिर मैं एक टुकड़ा रोटी ले आऊं और उस से आप अपने जीव को तृप्त करें; तब उसके पश्चात् आगे बढें : क्योंकि आप अपने दास के पास इसी लिये पधारे हैं। उन्हों ने कहा, जैसा तू कहता है वैसा ही कर।

5. And I will fetch a morsel of bread, to comfort your hearts withal. And then go your ways, for even therefore are ye come to your servant. And they answered: Do even so as thou hast said.

6. सो इब्राहीम ने तम्बू में सारा के पास फुर्ती से जाकर कहा, तीन सआ मैदा फुर्ती से गून्ध, और फुलके बना।

6. And Abraham went a pace into his tent unto Sara and said: make ready at once three pecks of fine meal, knead it, and make cakes.

7. फिर इब्राहीम गाय बैल के झुण्ड में दौड़ा, और एक कोमल और अच्छा बछड़ा लेकर अपने सेवक को दिया, और उसने फुर्ती से उसको पकाया।

7. And Abraham ran unto his beasts and fetched a calf that was tender and good, and gave it unto a young man which made it ready at once.

8. तब उस ने मक्खन, और दूध, और वह बछड़ा, जो उस ने पकवाया था, लेकर उनके आगे परोस दिया; और आप वृक्ष के तले उनके पास खड़ा रहा, और वे खाने लगे।

8. And he took butter and milk and the calf which he had prepared, and set it before them, and stood himself by them under the tree: and they ate.

9. उन्हों ने उस से पूछा, तेरी पत्नी सारा कहां है? उस ने कहा, वह तो तम्बू में है।

9. And they said unto him: Where is Sara thy wife? And he said: in the tent.

10. उस ने कहा मैं वसन्त ऋतु में निश्चय तेरे पास फिर आऊंगा; और तब तेरी पत्नी सारा के एक पुत्रा उत्पन्न होगा। और सारा तम्बू के द्वार पर जो इब्राहीम के पीछे था सुन रही थी।
रोमियों 9:9

10. And he said: I will come again unto thee as soon as the fruit can live. And lo: Sara thy wife shall have a son. That heard Sara, out of the tent door which was behind his back.

11. इब्राहीम और सारा दोनो बहुत बूढ़े थे; और सारा का स्त्रीधर्म बन्द हो गया था
लूका 1:18, इब्रानियों 11:11

11. Abraham and Sara were both old and well stricken in age, and it ceased to be with Sara after the manner as it is with wives.

12. सो सारा मन में हंस कर कहने लगी, मैं तो बूढ़ी हूं, और मेरा पति भी बूढ़ा है, तो क्या मुझे यह सुख होगा?
1 पतरस 3:6

12. And Sara laughed in her self saying: Now I am waxed old, shall I give my self to lust, and my lord old also?

13. तब यहोवा ने इब्राहीम से कहा, सारा यह कहकर कयों हंसी, कि क्या मेरे, जो ऐसी बुढ़िया हो गई हूं, सचमुच एक पुत्रा उत्पन्न होगा?

13. Then said the LORD unto Abraha: wherefore doth Sara laugh saying: shall I of a surety bear a child, now when I am old?

14. क्या यहोवा के लिये कोई काम कठिन है? नियत समय में, अर्थात् वसन्त ऋतु में, मैं तेरे पास फिर आऊंगा, और सारा के पुत्रा उत्पन्न होगा।
मत्ती 19:26, मरकुस 10:27, लूका 1:37, रोमियों 9:9

14. is the thing too hard for the LORD to do? In the time appointed will I return unto thee, as soon as the fruit can have life. And Sara shall have a son.

15. तब सारा डर के मारे यह कहकर मुकर गई, कि मैं नहीं हंसी। उस ने कहा, नहीं; तू हंसी तो थी।।
1 पतरस 3:6

15. Then Sara denied it saying: I laughed not, for she was afraid. But he said: yes thou laughtest.

16. फिर वे पुरूष वहां से चलकर, सदोम की ओर ताकने लगे : और इब्राहीम उन्हें विदा करने के लिये उनके संग संग चला।

16. Then the men stood up from thence and looked toward Sodom. And Abraham went with them to bring them on the way.

17. तब यहोवा ने कहा, यह जो मैं करता हूं सो क्या इब्राहीम से छिपा रखूं ?

17. And the LORD said: Can I hide from Abraham that thing which I am about to do,

18. इब्राहीम से तो निश्चय एक बड़ी और सामर्थी जाति उपजेगी, और पृथ्वी की सारी जातियां उसके द्वारा आशीष पाएंगी।
प्रेरितों के काम 3:25, रोमियों 4:13, गलातियों 3:8

18. seeing that Abraham shall be a great and a mighty people, and all the nations of the earth shall be blessed in him?

19. क्योंकि मैं जानता हूं, कि वह अपने पुत्रों और परिवार को जो उसके पीछे रह जाएंगे आज्ञा देगा कि वे यहोवा के मार्ग में अटल बने रहें, और धर्म और न्याय करते रहें, इसलिये कि जो कुछ यहोवा ने इब्राहीम के विषय में कहा है उसे पूरा करे।

19. For I know him that he will command his children and his household after him, that they keep the way of the LORD, to do after right and conscience, that the LORD may bring upon Abraham that he hath promised him.

20. क्योंकि मैं जानता हूं, कि वह अपने पुत्रों और परिवार को जो उसके पीछे रह जाएंगे आज्ञा देगा कि वे यहोवा के मार्ग में अटल बने रहें, और धर्म और न्याय करते रहें, इसलिये कि जो कुछ यहोवा ने इब्राहीम के विषय में कहा है उसे पूरा करे।
लूका 17:28, मत्ती 10:15

20. And the LORD said: The cry of Sodom and Gomorra is great, and their sin is exceeding grievous.

21. इसलिये मैं उतरकर देखूंगा, कि उसकी जैसी चिल्लाहट मेरे कान तक पहुंची है, उन्हों ने ठीक वैसा ही काम किया है कि नहीं : और न किया हो तो मैं उसे जान लूंगा।
प्रकाशितवाक्य 18:5, लूका 17:28

21. I will go down and see whether they have done altogether according to that cry which is come unto me or not, that I may know.

22. सो वे पुरूष वहां से मुड़ के सदोम की ओर जाने लगे : पर इब्राहीम यहोवा के आगे खड़ा रह गया।

22. And the men departed thence and went to Sodomward. But Abraham stood yet before the LORD,

23. तब इब्राहीम उसके समीप जाकर कहने लगा, क्या सचमुच दुष्ट के संग धर्मी को भी नाश करेगा ?

23. and drew near and said Wilt thou destroy the righteous with the wicked?

24. कदाचित् उस नगर में पचास धर्मी हों : तो क्या तू सचमुच उस स्थान को नाश करेगा और उन पचास धर्मियों के कारण जो उस में हो न छोड़ेगा ?

24. If there be fifty righteous within the city, wilt thou destroy it and not spare the place for the sake of fifty righteous that are therein?

25. इस प्रकार का काम करना तुझ से दूर रहे कि दुष्ट के संग धर्मी को भी मार डाले और धर्मी और दुष्ट दोनों की एक ही दशा हो।
इब्रानियों 12:23

25. That be far from thee, that thou shouldest do after this manner, to slay the righteous with the wicked, and that the righteous should be as the wicked: that be far from thee. Should not the Judge of all the world do according to right?

26. यहोवा ने कहा यदि मुझे सदोम में पचास धर्मी मिलें, तो उनके कारण उस सारे स्थान को छोडूंगा।

26. And the LORD said: If I find in Sodom fifty righteous within the city, I will spare all the place for their sakes.

27. फिर इब्राहीम ने कहा, हे प्रभु, सुन मैं तो मिट्टी और राख हूं; तौभी मैं ने इतनी ढिठाई की कि तुझ से बातें करूं।

27. And Abraham answered and said: behold I have taken upon me to speak unto the Lord,(LORde) and yet am but dust and ashes.

28. कदाचित् उन पचास धर्मियों मे पांच घट जाए : तो क्या तू पांच ही के घटने के कारण उस सारे नगर का नाश करेगा ? उस ने कहा, यदि मुझे उस में पैंतालीस भी मिलें, तौभी उसका नाश न करूंगा।

28. What though there lack five of fifty righteous, wilt thou destroy all the city for lack of five? And he said: If I find there forty and five I will not destroy them.

29. फिर उस ने उस से यह भी कहा, कदाचित् वहां चालीस मिलें। उस ने कहा, तो मैं चालीस के कारण भी ऐसा ने करूंगा।

29. And he spake unto him yet again and said: what if there be forty found there: And he said: I will not do it for forty's sake.

30. फिर उस ने कहा, हे प्रभु, क्रोध न कर, तो मैं कुछ और कहूं : कदाचित् वहां तीस मिलें। उस ने कहा यदि मुझे वहां तीस भी मिलें, तौभी ऐसा न करूंगा।

30. And he said: O let not my Lord(LORde) be angry, that I speak. What if there be found thirty there? And he said: I will not do it, if I find thirty there.

31. फिर उस ने कहा, हे प्रभु, सुन, मैं ने इतनी ढिठाई तो की है कि तुझ से बातें करूं : कदाचित् उस में बीस मिलें। उस ने कहा, मैं बीस के कारण भी उसका नाश न करूंगा।

31. And he said: Oh, see, I have begun to speak unto my Lord,(LORde) what if there be twenty found there? And he said: I will not destroy them for twenty's sake.

32. फिर उस ने कहा, हे प्रभु, क्रोध न कर, मैं एक ही बार और कहूंगा : कदाचित् उस में दस मिलें। उस ने कहा, तो मैं दस के कारण भी उसका नाश न करूंगा।

32. And he said: O let not my Lord(LORde) be angry, that I speak yet, but even once more only. What if ten be found there? And he said: I will not destroy them for ten's sake.

33. जब यहोवा इब्राहीम से बातें कर चुका, तब चला गया : और इब्राहीम अपने घर को लौट गया।।

33. And the LORD went his way as soon as he had left communing with Abraham. And Abraham returned unto his place.



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