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1. इब्राहीम मम्रे के बांजो के बीच कड़ी धूप के समय तम्बू के द्वार पर बैठा हुआ था, तब यहोवा ने उसे दर्शन दिया :इब्रानियों 13:2
1. পরে সদাপ্রভু মম্রির এলোন বনের নিকটে তাঁহাকে দর্শন দিলেন। তিনি দিনের উত্তাপ সময়ে তাম্বুদ্বারে বসিয়াছিলেন;
2. और उस ने आंख उठाकर दृष्टि की तो क्या देखा, कि तीन पुरूष उसके साम्हने खड़े हैं : जब उस ने उन्हे देखा तब वह उन से भेंट करने के लिये तम्बू के द्वार से दौड़ा, और भूमि पर गिरकर दण्डवत् की और कहने लगा,
2. আর চক্ষু তুলিয়া দৃষ্টি করিলেন, আর দেখ, তিনটী পুরুষ সম্মুখে দণ্ডায়মান। দেখিবামাত্র তিনি তাম্বুদ্বার হইতে তাঁহাদের নিকট দৌড়িয়া গিয়া ভূমিতে প্রণিপাত করিয়া কহিলেন,
3. हे प्रभु, यदि मुझ पर तेरी अनुग्रह की दृष्टि है तो मैं बिनती करता हूं, कि अपने दास के पास से चले न जाना।
3. হে প্রভো, বিনয় করি, যদি আমি আপনার দৃষ্টিতে অনুগ্রহের পাত্র হইয়া থাকি, তবে আপনার এই দাসের নিকট হইতে অগ্রসর হইবেন না।
4. मैं थोड़ा सा जल लाता हूं और आप अपने पांव धोकर इस वृक्ष के तले विश्राम करें।लूका 7:44
4. বিনয় করি, কিঞ্চিৎ জল আনাইয়া দিই, আপনারা পা ধুইয়া এই বৃক্ষতলে বিশ্রাম করুন,
5. फिर मैं एक टुकड़ा रोटी ले आऊं और उस से आप अपने जीव को तृप्त करें; तब उसके पश्चात् आगे बढें : क्योंकि आप अपने दास के पास इसी लिये पधारे हैं। उन्हों ने कहा, जैसा तू कहता है वैसा ही कर।
5. এবং কিছু খাদ্য আনিয়া দিই, তাহা দ্বারা প্রাণ আপ্যায়িত করুন, পরে পথে অগ্রসর হইবেন; কেননা ইহারই নিমিত্তে আপন দাসের নিকটে আগত হইলেন। তখন তাঁহারা কহিলেন, যাহা বলিলে, তাহাই কর।
6. सो इब्राहीम ने तम्बू में सारा के पास फुर्ती से जाकर कहा, तीन सआ मैदा फुर्ती से गून्ध, और फुलके बना।
6. তাহাতে অব্রাহাম ত্বরা করিয়া তাম্বুতে সারার নিকটে গিয়া কহিলেন, শীঘ্র তিন মাণ উত্তম ময়দা লইয়া ছানিয়া পিষ্টক প্রস্তুত কর।
7. फिर इब्राहीम गाय बैल के झुण्ड में दौड़ा, और एक कोमल और अच्छा बछड़ा लेकर अपने सेवक को दिया, और उसने फुर्ती से उसको पकाया।
7. পরে অব্রাহাম ত্বরায় বাথানে গিয়া উৎকৃষ্ট কোমল এক গোবৎস লইয়া দাসকে দিলে সে তাহা শীঘ্র পাক করিল।
8. तब उस ने मक्खन, और दूध, और वह बछड़ा, जो उस ने पकवाया था, लेकर उनके आगे परोस दिया; और आप वृक्ष के तले उनके पास खड़ा रहा, और वे खाने लगे।
8. তখন তিনি দধি, দুগ্ধ ও পক্ব মাংস লইয়া তাঁহাদের সম্মুখে দিলেন, এবং তাঁহাদের নিকটে বৃক্ষতলে দাঁড়াইলেন, ও তাঁহারা ভোজন করিলেন।
9. उन्हों ने उस से पूछा, तेरी पत्नी सारा कहां है? उस ने कहा, वह तो तम्बू में है।
9. আর তাঁহারা তাঁহাকে জিজ্ঞাসা করিলেন, তোমার স্ত্রী সারা কোথায়? তিনি কহিলেন, দেখুন, তিনি তাম্বুতে আছেন।
10. उस ने कहा मैं वसन्त ऋतु में निश्चय तेरे पास फिर आऊंगा; और तब तेरी पत्नी सारा के एक पुत्रा उत्पन्न होगा। और सारा तम्बू के द्वार पर जो इब्राहीम के पीछे था सुन रही थी।रोमियों 9:9
10. তাহাতে তাঁহাদের এক ব্যক্তি কহিলেন, এই ঋতু পুনরায় উপস্থিত হইলে আমি অবশ্য তোমার কাছে ফিরিয়া আসিব; আর দেখ, তোমার স্ত্রী সারার এক পুত্র হইবে। এই কথা সারা তাম্বুদ্বারে তাঁহার পশ্চাৎ থাকিয়া শুনিলেন।
11. इब्राहीम और सारा दोनो बहुत बूढ़े थे; और सारा का स्त्रीधर्म बन्द हो गया थालूका 1:18, इब्रानियों 11:11
11. সেই সময়ে অব্রাহাম ও সারা বৃদ্ধ ও গতবয়স্ক ছিলেন; সারার স্ত্রীধর্ম্ম নিবৃত্ত হইয়াছিল।
12. सो सारा मन में हंस कर कहने लगी, मैं तो बूढ़ी हूं, और मेरा पति भी बूढ़ा है, तो क्या मुझे यह सुख होगा?1 पतरस 3:6
12. অতএব সারা মনে মনে হাসিয়া কহিলেন, আমার এই শীর্ণ দশার পরে কি এমন আনন্দ হইবে? আমার প্রভুও ত বৃদ্ধ।
13. तब यहोवा ने इब्राहीम से कहा, सारा यह कहकर कयों हंसी, कि क्या मेरे, जो ऐसी बुढ़िया हो गई हूं, सचमुच एक पुत्रा उत्पन्न होगा?
13. তখন সদাপ্রভু অব্রাহামকে কহিলেন, সারা কেন এই বলিয়া হাসিল যে, আমি কি সত্যই প্রসব করিব, আমি যে বুড়ী?
14. क्या यहोवा के लिये कोई काम कठिन है? नियत समय में, अर्थात् वसन्त ऋतु में, मैं तेरे पास फिर आऊंगा, और सारा के पुत्रा उत्पन्न होगा।मत्ती 19:26, मरकुस 10:27, लूका 1:37, रोमियों 9:9
14. কোন কর্ম্ম কি সদাপ্রভুর অসাধ্য? নিরূপিত সময়ে এই ঋতু আবার উপস্থিত হইলে আমি তোমার কাছে ফিরিয়া আসিব, আর সারার পুত্র হইবে।
15. तब सारा डर के मारे यह कहकर मुकर गई, कि मैं नहीं हंसी। उस ने कहा, नहीं; तू हंसी तो थी।।1 पतरस 3:6
15. তাহাতে সারা অস্বীকার করিয়া কহিলেন, আমি হাসি নাই; কেননা তিনি ভয় পাইয়াছিলেন। কিন্তু তিনি কহিলেন, অবশ্য হাসিয়াছিলে।
16. फिर वे पुरूष वहां से चलकर, सदोम की ओर ताकने लगे : और इब्राहीम उन्हें विदा करने के लिये उनके संग संग चला।
16. পরে সেই ব্যক্তিরা তথা হইতে উঠিয়া সদোমের দিকে দৃষ্টি করিলেন, আর অব্রাহাম তাঁহাদিগকে বিদায় দিতে তাঁহাদের সঙ্গে সঙ্গে চলিলেন।
17. तब यहोवा ने कहा, यह जो मैं करता हूं सो क्या इब्राहीम से छिपा रखूं ?
17. তাহাতে সদাপ্রভু কহিলেন, আমি যাহা করিব, তাহা কি অব্রাহাম হইতে লুকাইব?
18. इब्राहीम से तो निश्चय एक बड़ी और सामर्थी जाति उपजेगी, और पृथ्वी की सारी जातियां उसके द्वारा आशीष पाएंगी।प्रेरितों के काम 3:25, रोमियों 4:13, गलातियों 3:8
18. অব্রাহাম হইতে মহতী ও বলবতী এক জাতি উৎপন্ন হইবে, এবং পৃথিবীর যাবতীয় জাতি তাহাতেই আশীর্ব্বাদ প্রাপ্ত হইবে।
19. क्योंकि मैं जानता हूं, कि वह अपने पुत्रों और परिवार को जो उसके पीछे रह जाएंगे आज्ञा देगा कि वे यहोवा के मार्ग में अटल बने रहें, और धर्म और न्याय करते रहें, इसलिये कि जो कुछ यहोवा ने इब्राहीम के विषय में कहा है उसे पूरा करे।
19. কেননা আমি তাহাকে জানিয়াছি, যেন সে আপন ভাবী সন্তানগণকে ও পরিবারদিগকে আদেশ করে, যেন তাহারা ধর্ম্মসঙ্গত ও ন্যায্য আচরণ করিতে করিতে সদাপ্রভুর পথে চলে; এইরূপে সদাপ্রভু যেন অব্রাহামের বিষয়ে কথিত আপনার বাক্য সফল করেন।
20. क्योंकि मैं जानता हूं, कि वह अपने पुत्रों और परिवार को जो उसके पीछे रह जाएंगे आज्ञा देगा कि वे यहोवा के मार्ग में अटल बने रहें, और धर्म और न्याय करते रहें, इसलिये कि जो कुछ यहोवा ने इब्राहीम के विषय में कहा है उसे पूरा करे।लूका 17:28, मत्ती 10:15
20. পরে সদাপ্রভু কহিলেন, সদোমের ও ঘমোরার ক্রন্দন আত্যন্তিক, এবং তাহাদের পাপ অতিশয় ভারী;
21. इसलिये मैं उतरकर देखूंगा, कि उसकी जैसी चिल्लाहट मेरे कान तक पहुंची है, उन्हों ने ठीक वैसा ही काम किया है कि नहीं : और न किया हो तो मैं उसे जान लूंगा।प्रकाशितवाक्य 18:5, लूका 17:28
21. আমি নীচে গিয়া দেখিব, আমার নিকটে আগত ক্রন্দনানুসারে তাহারা সর্ব্বতোভাবে করিয়াছে কি না; যদি না করিয়া থাকে, তাহা জানিব।
22. सो वे पुरूष वहां से मुड़ के सदोम की ओर जाने लगे : पर इब्राहीम यहोवा के आगे खड़ा रह गया।
22. পরে সেই ব্যক্তিরা তথা হইতে ফিরিয়া সদোমের দিকে গমন করিলেন; কিন্তু অব্রাহাম তখনও সদাপ্রভুর সাক্ষাতে দণ্ডায়মান থাকিলেন।
23. तब इब्राहीम उसके समीप जाकर कहने लगा, क्या सचमुच दुष्ट के संग धर्मी को भी नाश करेगा ?
23. পরে অব্রাহাম নিকটে গিয়া কহিলেন, আপনি কি দুষ্টের সহিত ধার্ম্মিককেও সংহার করিবেন?
24. कदाचित् उस नगर में पचास धर्मी हों : तो क्या तू सचमुच उस स्थान को नाश करेगा और उन पचास धर्मियों के कारण जो उस में हो न छोड़ेगा ?
24. সেই নগরের মধ্যে যদি পঞ্চাশ জন ধার্ম্মিক পাওয়া যায়, তবে আপনি কি তথাকার পঞ্চাশ জন ধার্ম্মিকের অনুরোধে সেই স্থানের প্রতি দয়া না করিয়া তাহা বিনষ্ট করিবেন?
25. इस प्रकार का काम करना तुझ से दूर रहे कि दुष्ट के संग धर्मी को भी मार डाले और धर्मी और दुष्ट दोनों की एक ही दशा हो।इब्रानियों 12:23
25. দুষ্টের সহিত ধার্ম্মিকের বিনাশ করা, এই প্রকার কর্ম্ম আপনা হইতে দূরে থাকুক; ধার্ম্মিককে দুষ্টের সমান করা আপনা হইতে দূরে থাকুক। সমস্ত পৃথিবীর বিচারকর্ত্তা কি ন্যায়বিচার করিবেন না?
26. यहोवा ने कहा यदि मुझे सदोम में पचास धर्मी मिलें, तो उनके कारण उस सारे स्थान को छोडूंगा।
26. সদাপ্রভু কহিলেন, আমি যদি সদোমের মধ্যে পঞ্চাশ জন ধার্ম্মিক দেখি, তবে তাহাদের অনুরোধে সেই সমস্ত স্থানের প্রতি দয়া করিব।
27. फिर इब्राहीम ने कहा, हे प्रभु, सुन मैं तो मिट्टी और राख हूं; तौभी मैं ने इतनी ढिठाई की कि तुझ से बातें करूं।
27. অব্রাহাম উত্তর করিয়া কহিলেন, দেখুন ধূলি ও ভস্মমাত্র যে আমি, আমি প্রভুর সঙ্গে কথা কহিতে সাহসী হইয়াছি।
28. कदाचित् उन पचास धर्मियों मे पांच घट जाए : तो क्या तू पांच ही के घटने के कारण उस सारे नगर का नाश करेगा ? उस ने कहा, यदि मुझे उस में पैंतालीस भी मिलें, तौभी उसका नाश न करूंगा।
28. কি জানি, পঞ্চাশ জন ধার্ম্মিকের পাঁচ জন ন্যূন হইবে; সেই পাঁচ জনের অভাব প্রযুক্ত আপনি কি সমস্ত নগর বিনষ্ট করিবেন? তিনি কহিলেন, সেই স্থানে পঁয়তাল্লিশ জন পাইলে আমি তাহা বিনষ্ট করিব না।
29. फिर उस ने उस से यह भी कहा, कदाचित् वहां चालीस मिलें। उस ने कहा, तो मैं चालीस के कारण भी ऐसा ने करूंगा।
29. তিনি তাঁহাকে আবার কহিলেন, বলিলেন, সে স্থানে যদি চল্লিশ জন পাওয়া যায়? তিনি কহিলেন, সেই চল্লিশ জনের অনুরোধে তাহা করিব না।
30. फिर उस ने कहा, हे प्रभु, क्रोध न कर, तो मैं कुछ और कहूं : कदाचित् वहां तीस मिलें। उस ने कहा यदि मुझे वहां तीस भी मिलें, तौभी ऐसा न करूंगा।
30. আবার তিনি কহিলেন, প্রভু বিরক্ত হইবেন না, আমি আরও কহি; যদি সেখানে ত্রিশ জন পাওয়া যায়? তিনি কহিলেন, সেখানে ত্রিশ জন পাইলে তাহা করিব না।
31. फिर उस ने कहा, हे प्रभु, सुन, मैं ने इतनी ढिठाई तो की है कि तुझ से बातें करूं : कदाचित् उस में बीस मिलें। उस ने कहा, मैं बीस के कारण भी उसका नाश न करूंगा।
31. তিনি কহিলেন, দেখুন, প্রভুর কাছে আমি সাহসী হইয়া পুনর্ব্বার বলি, যদি সেখানে বিংশতি জন পাওয়া যায়? তিনি কহিলেন, সেই বিংশতি জনের অনুরোধে তাহা বিনষ্ট করিব না।
32. फिर उस ने कहा, हे प्रभु, क्रोध न कर, मैं एक ही बार और कहूंगा : कदाचित् उस में दस मिलें। उस ने कहा, तो मैं दस के कारण भी उसका नाश न करूंगा।
32. তিনি কহিলেন, প্রভু ক্রুদ্ধ হইবেন না, আমি কেবল আর এই এক বার বলি; যদি সেখানে দশ জন পাওয়া যায়? তিনি কহিলেন, সেই দশ জনের অনুরোধে তাহা বিনষ্ট করিব না।
33. जब यहोवा इब्राहीम से बातें कर चुका, तब चला गया : और इब्राहीम अपने घर को लौट गया।।
33. তখন সদাপ্রভু অব্রাহামের সহিত কথোপকথন সমাপন করিয়া প্রস্থান করিলেন; এবং অব্রাহাম স্বস্থানে ফিরিয়া আসিলেন।