1 Samuel - 1 शमूएल 29 | View All

1. पलिश्तियों ने अपनी समस्त सेना को अपेक में इकट्ठा किया; और इस्राएली यिज्रेल के निकट के सोते के पास डेरे डाले हुए थे।

1. The Philistines gathered all their soldiers at Aphek. Israel camped by the spring at Jezreel.

2. तब पलिश्तियों के सरदार अपने अपने सैकड़ों और हजारों समेत आगे बढ़ गए, और सेना के पीछे पीछे आकीश के साथ दाऊद भी अपने जनों समेत बढ़ गया।

2. The Philistine kings were marching with their groups of a hundred and a thousand men. David and his men were marching behind Achish.

3. तब पलिश्ती हाकिमों ने पूछा, इन इब्रियों का यहां क्या काम है? आकीश ने पलिश्ती सरदारों से कहा, क्या वह इस्राएल के राजा शाऊल का कर्मचारी दाऊद नहीं है, जो क्या जाने कितने दिनों से वरन वर्षो से मेरे साथ रहता है, और जब से वह भाग आया, तब से आज तक मैने उस में कोई दोष नहीं पाया।

3. The Philistine commanders asked, 'What are these Hebrews doing here?' Achish told them, 'This is David. He served Saul king of Israel, but he has been with me for over a year now. I have found nothing wrong in David since the time he left Saul.'

4. तब पलिश्ती हाकिम उस से क्रोधित हुए; और उस से कहा, उस पुरूष को लौटा दे, कि वह उस स्थान पर जाए जो तू ने उसके लिये ठहराया है; वह हमारे संग लड़ाई में न आने पाएगा, कहीं ऐसा न हो कि वह लड़ाई में हमारा विराधी बन जाए। फिर वह अपने स्वामी से किस रीति से मेल करे? क्या लोगों के सिर कटवाकर न करेगा?

4. But the Philistine commanders were angry with Achish and said, 'Send David back to the city you gave him. He cannot go with us into battle. If he does, we'll have an enemy in our own camp. He could please his king by killing our own men.

5. क्या यह वही दाऊद नहीं है, जिसके विषय में लोग नाचते और गाते हुए एक दूसरे से कहते थे, कि शाऊल ने हजारों को , पर दाऊद ने लाखों को मारा है?

5. David is the one the Israelites dance and sing about, saying: 'Saul has killed thousands of his enemies, but David has killed tens of thousands.''

6. तब आकीश ने दाऊद को बुलाकर उस से कहा, यहोवा के जीवन की शपथ तू तो सीधा है, और सेना में तेरा मेरे संग आना जाना भी मुझे भावता है; क्योंकि जब से तू मेरे पास आया तब से लेकर आज तक मैं ने तो तुझ में कोई बुराई नहीं पाई। तौभी सरदार लोग तुझे नहीं चाहते।

6. So Achish called David and said to him, 'As surely as the Lord lives, you are loyal. I would be pleased to have you serve in my army. Since the day you came to me, I have found no wrong in you. But the other kings don't trust you.

7. इसलिये अब तू कुशल से लौट जा; ऐसा न हो कि पलिश्ती सरदार तुझ से अप्रसन्न हों।

7. Go back in peace. Don't do anything to displease the Philistine kings.'

8. दाऊद ने आकीश से कहा, मैं ने क्या किया है? और जब से मैं तेरे साम्हने आया तब से आज तक तू ने अपने दास में क्या पाया है कि अपने प्रभु राजा के शत्रुओं से लड़ने न पाऊं?

8. David asked, 'What wrong have I done? What evil have you found in me from the day I came to you until now? Why can't I go fight your enemies, my lord and king?'

9. आकीश ने दाऊद को उत्तर देकर कहा, हां, यह मुझे मालूम है, तू मेरी दृष्टि में तो परमेश्वर के दूत के समान अच्छा लगता है; तौभी पलिश्ती हाकिमों ने कहा है, कि वह हमारे संग लड़ाई में ने जाने पाएगा।

9. Achish answered, 'I know you are as good as an angel from God. But the Philistine commanders have said, 'David must not go with us into battle.'

10. इसलिये अब तू अपने प्रभु के सेवकों को लेकर जो तेरे साथ आए हैं बिहान को तड़के उठना; और तुम बिहान को लड़के उठकर उजियाला होते ही चले जाना।

10. Early in the morning you and your master's servants should leave. Get up as soon as it is light and go.'

11. इसलिये बिहान को दाऊद अपने जनों समेत तड़के उठकर पलिश्तियों के देश को लौअ गया। और पलिश्ती यिज्रेल को चढ़ गए।।

11. So David and his men got up early in the morning and went back to the country of the Philistines. And the Philistines went up to Jezreel.



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