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1. फिर जब प्रभु को मालूम हुआ, कि फरीसियों ने सुना है, कि यीशु यूहन्ना से अधिक चेले बनाता, और उन्हें बपतिस्मा देता है।
1. When Jesus heard that the Pharisees had found out that he was making and baptising more disciples than John-
2. (यद्यपि यीशु आप नहीं बरन उसके चेले बपतिस्मा देते थे)।
2. though in fact it was his disciples who baptised, not Jesus himself-
3. तब यहूदिया को छोड़कर फिर गलील को चला गया।
3. he left Judaea and went back to Galilee.
4. और उस को सामरिया से होकर जाना अवश्य था।
4. He had to pass through Samaria.
5. सो वह सूखार नाम सामरिया के एक नगर तक आया, जो उस भूमि के पास है, जिस याकूब ने अपने पुत्रा यूसुफ को दिया था।उत्पत्ति 33:19, उत्पत्ति 48:22, यहोशू 24:32
5. On the way he came to the Samaritan town called Sychar near the land that Jacob gave to his son Joseph.
6. और याकूब का कूआं भी वहीं था; सो यीशु मार्ग का थका हुआ उस कूएं पर योंही बैठ गया, और यह बात छठे घण्टे के लगभग हुई।
6. Jacob's well was there and Jesus, tired by the journey, sat down by the well. It was about the sixth hour.
7. इतने में एक सामरी स्त्री जल भरने को आई: यीशु ने उस से कहा, मुझे पानी पिला।
7. When a Samaritan woman came to draw water, Jesus said to her, 'Give me something to drink.'
8. क्योंकि उसके चेले तो नगर में भोजन मोल लेने को गए थे।
8. His disciples had gone into the town to buy food.
9. उस सामरी स्त्री ने उस से कहा, तू यहूदी होकर मुझ सामरी स्त्री से पानी क्यों मांगता है? (क्योंकि यहूदी सामरियों के साथ किसी प्रकार का व्यवहार नहीं रखते)।एज्रा 4:3, एज्रा 9:1-1044
9. The Samaritan woman said to him, 'You are a Jew. How is it that you ask me, a Samaritan, for something to drink?' -- Jews, of course, do not associate with Samaritans.
10. यीशु ने उत्तर दिया, यदि तू परमेश्वर के बरदान को जानती, और यह भी जानती कि वह कौन है जो तुझ से कहता है; मुझे पानी पिला तो तू उस से मांगती, और वह तुझे जीवन का जल देता।
10. Jesus replied to her: If you only knew what God is offering and who it is that is saying to you, 'Give me something to drink,' you would have been the one to ask, and he would have given you living water.
11. स्त्री ने उस से कहा, हे प्रभु, तेरे पास जल भरने को तो कुछ है भी नहीं, और कूआं गहिरा है: तो फिर वह जीवन का जल तेरे पास कहा से आया?
11. 'You have no bucket, sir,' she answered, 'and the well is deep: how do you get this living water?
12. क्या तू हमारे पिता याकूब से बड़ा है, जिस ने हमें यह कूआं दिया; और आपही अपने सन्तान, और अपने ढारों समेत उस में से पीया?
12. Are you a greater man than our father Jacob, who gave us this well and drank from it himself with his sons and his cattle?'
13. यीशु ने उस को उत्तर दिया, कि जो कोई यह जल पीएगा वह फिर पियासा होगा।
13. Jesus replied: Whoever drinks this water will be thirsty again;
14. परन्तु जो कोई उस जल में से पीएगा जो मैं उसे दूंगा, वह फिर अनन्तकाल तक पियासा न होगा: बरन जो जल मैं उसे दूंगा, वह उस में एक सोता बन जाएगा जो अनन्त जीवन के लिये उमड़ता रहेगा।
14. but no one who drinks the water that I shall give will ever be thirsty again: the water that I shall give will become a spring of water within, welling up for eternal life.
15. स्.ाी ने उस से कहा, हे प्रभु, वह जल मुझे दे ताकि मैं प्यासी न होऊं और न जल भरने को इतनी दूर आऊं।
15. 'Sir,' said the woman, 'give me some of that water, so that I may never be thirsty or come here again to draw water.'
16. यीशु ने उस से कहा, जा, अपने पति को यहां बुला ला।
16. 'Go and call your husband,' said Jesus to her, 'and come back here.'
17. स्त्री ने उत्तर दिया, कि मैं बिना पति की हूं: यीशु ने उस से कहा, तू ठीक कहती है कि मैं बिना पति की हूं।
17. The woman answered, 'I have no husband.' Jesus said to her, 'You are right to say, 'I have no husband';
18. क्योंकि तू पांच पति कर चुकी है, और जिस के पास तू अब है वह भी तेरा पति नहीं; यह तू ने सच कहा है।
18. for although you have had five, the one you now have is not your husband. You spoke the truth there.'
19. स्त्री ने उस से कहा, हे प्रभु, मुझे ज्ञात होता है कि तू भविष्यद्वक्ता है।
19. 'I see you are a prophet, sir,' said the woman.
20. हमारे बापदादों ने उसी पहाड़ पर भजन किया: और तुम कहते हो कि वह जगह जहां भजन करना चाहिए यरूशलेम में है।व्यवस्थाविवरण 11:29, व्यवस्थाविवरण 12:5-14, यहोशू 8:33, भजन संहिता 122:1-5
20. 'Our fathers worshipped on this mountain, though you say that Jerusalem is the place where one ought to worship.'
21. यीशु ने उस से कहा, हे नारी, मेरी बात की प्रतीति कर कि वह समय आता है कि तुम न तो इस पहाड़ पर पिता का भजन करोगे न यरूशलेम में।
21. Jesus said: Believe me, woman, the hour is coming when you will worship the Father neither on this mountain nor in Jerusalem.
22. तुम जिसे नहीं जानते, उसका भजन करते हो; और हम जिसे जानते हैं उसका भजन करते हैं; क्योंकि उद्धार यहूदियों में से है।यशायाह 2:3
22. You worship what you do not know; we worship what we do know; for salvation comes from the Jews.
23. परन्तु वह समय आता है, बरन अब भी है जिस में सच्चे भक्त पिता का भजन आत्मा और सच्चाई से करेंगे, क्योंकि पिता अपने लिये ऐसे ही भजन करनेवालों को ढूंढ़ता है।
23. But the hour is coming -- indeed is already here -- when true worshippers will worship the Father in spirit and truth: that is the kind of worshipper the Father seeks.
24. परमेश्वर आत्मा है, और अवश्य है कि उसके भजन करनेवाले आत्मा और सच्चाई से भजन करें।
24. God is spirit, and those who worship must worship in spirit and truth.
25. स्त्री ने उस से कहा, मैं जानती हूं कि मसीह जो ख्रीस्तुस कहलाता है, आनेवाला है; जब वह आएगा, तो हमें सब बातें बता देगा।
25. The woman said to him, 'I know that Messiah -- that is, Christ -- is coming; and when he comes he will explain everything.'
26. यीशु ने उस से कहा, मैं जो तुझ से बोल रहा हूं, वही हूं।।
26. Jesus said, 'That is who I am, I who speak to you.'
27. इतने में उसके चेले आ गए, और अचम्भा करने लगे, कि वह स्त्री से बातें कर रहा है; तौभी किसी ने न कहा, कि तू क्या चाहता है? या किस लिये उस से बातें करता है।
27. At this point his disciples returned and were surprised to find him speaking to a woman, though none of them asked, 'What do you want from her?' or, 'What are you talking to her about?'
28. तब स्त्री अपना घड़ा छोड़कर नगर में चली गई, और लोगों से कहने लगी।
28. The woman put down her water jar and hurried back to the town to tell the people,
29. आओ, एक मनुष्य को देखो, जिस ने सब कुछ जो मैं ने किया मुझे बता दिया: कहीं यह तो मसीह नहीं है?
29. 'Come and see a man who has told me everything I have done; could this be the Christ?'
30. सो वे नगर से निकलकर उसके पास आने लगे।
30. This brought people out of the town and they made their way towards him.
31. इतने में उसके चेले यीशु से यह बिनती करने लगे, कि हे रब्बी, कुछ खा ले।
31. Meanwhile, the disciples were urging him, 'Rabbi, do have something to eat';
32. परन्तु उस ने उन से कहा, मेरे पास खाने के लिये ऐसा भोजन है जिसे तुम नहीं जानते।
32. but he said, 'I have food to eat that you do not know about.'
33. तब चेलों ने आपस में कहा, क्या कोई उसके लिये कुछ खाने को लाया है?
33. So the disciples said to one another, 'Has someone brought him food?'
34. यीशु ने उन से कहा, मेरा भोजन यह है, कि अपने भेजनेवाले की इच्छा के अनुसार चलूं और उसका काम पूरा करूं।
34. But Jesus said: My food is to do the will of the one who sent me, and to complete his work.
35. क्या तुम नहीं कहते, कि कटनी होने में अब भी चार महीने पड़े हैं? देखो, मैं तुम से कहता हूं, अपनी आंखे उठाकर खेतों पर दृष्टि डालो, कि वे कटनी के लिये पक चुके हैं।
35. Do you not have a saying: Four months and then the harvest? Well, I tell you, look around you, look at the fields; already they are white, ready for harvest!
36. और काटनेवाला मजदूरी पाता, और अनन्त जीवन के लिये फल बटोरता है; ताकि बोनेवाला और काटनेवाला दोनों मिलकर आनन्द करें।
36. Already the reaper is being paid his wages, already he is bringing in the grain for eternal life, so that sower and reaper can rejoice together.
37. क्योंकि इस पर यह कहावत ठीक बैठती है कि बानेवाला और है और काटनेवाला और।मीका 6:15
37. For here the proverb holds true: one sows, another reaps;
38. मैं ने तुम्हें वह खेत काटने के लिये भेजा, जिस में तुम ने परिश्रम नहीं किया: औरों ने परिश्रम किया और तुम उन के परिश्रम के फल में भागी हुए।।
38. I sent you to reap a harvest you have not laboured for. Others have laboured for it; and you have come into the rewards of their labour.
39. और उस नगर के बहुत सामरियों ने उस स्त्री के कहने से, जिस ने यह गवाही दी थी, कि उस ने सब कुछ जो मैं ने किया है, मुझे बता दिया, विश्वास किया।
39. Many Samaritans of that town believed in him on the strength of the woman's words of testimony, 'He told me everything I have done.'
40. तब जब ये सामरी उसके पास आए, तो उस से बिनती करने लगे, कि हमारे यहां रह: सो वह वहां दो दिन तक रहा।
40. So, when the Samaritans came up to him, they begged him to stay with them. He stayed for two days, and
41. और उसके वचन के कारण और भी बहुतेरों ने विश्वास किया।
41. many more came to believe on the strength of the words he spoke to them;
42. और उस स्त्री से कहा, अब हम तेरे कहने की से विश्वास नहीं करते; क्योंकि हम ने आप ही सुन लिया, और जानते हैं कि यही सचमुच में जगत का उद्धारकर्ता है।।
42. and they said to the woman, 'Now we believe no longer because of what you told us; we have heard him ourselves and we know that he is indeed the Saviour of the world.'
43. फिर उन दो दिनों के बाद वह वहां से कूच करके गलील को गया।
43. When the two days were over Jesus left for Galilee.
44. क्योंकि यीशु ने आप ही साक्षी दी, कि भविष्यद्वक्ता अपने देश में आदर नहीं पाता।
44. He himself had declared that a prophet is not honoured in his own home town.
45. जब वह गलील में आया, तो गलीली आनन्द के साथ उस से मिले; क्योंकि जितने काम उस ने यरूशलेम में पर्ब्ब के समय किए थे, उन्हों ने उन सब को देखा था, क्योंकि वे भी पर्ब्ब में गए थे।।
45. On his arrival the Galileans received him well, having seen all that he had done at Jerusalem during the festival which they too had attended.
46. तब वह फिर गलील के काना में आया, जहां उस ने पानी को दाख रस बनाया था: और राजा का कर्मचारी था जिस का पुत्रा कफरनहूम में बीमार था।
46. He went again to Cana in Galilee, where he had changed the water into wine. And there was a royal official whose son was ill at Capernaum;
47. वह यह सुनकर कि यीशु यहूदिया से गलील में आ गया है, उसके पास गया और उस से बिनती करने लगा कि चलकर मेरे पुत्रा को चंगा कर दे: क्योंकि वह मरने पर था।
47. hearing that Jesus had arrived in Galilee from Judaea, he went and asked him to come and cure his son, as he was at the point of death.
48. यीशु ने उस से कहा, जब तक तुम चिन्ह और अद्भुत काम न देखोगे तब तक कदापि विश्वास न करोगे।दानिय्येल 4:2, दानिय्येल 4:37
48. Jesus said to him, 'Unless you see signs and portents you will not believe!'
49. राजा के कर्मचारी ने उस से कहा; हे प्रभु, मेरे बालक की मृत्यु होने के पहिले चल।
49. 'Sir,' answered the official, 'come down before my child dies.'
50. यीशु ने उस से कहा, जा, तेरा पुत्रा जीवित है: उस मनुष्य ने यीशु की कही हुई बात की प्रतीति की, और चला गया।
50. 'Go home,' said Jesus, 'your son will live.' The man believed what Jesus had said and went on his way home;
51. वह मार्ग में जा रहा था, कि उसके दास उस से आ मिले और कहने लगे कि तेरा लड़का जीवित है।
51. and while he was still on the way his servants met him with the news that his boy was alive.
52. उस न उन से पूछा कि किस घड़ी वह अच्दा होने लगा? उन्हों ने उस से कहा, कल सातवें घण्टे में उसका ज्वर उतर गया।
52. He asked them when the boy had begun to recover. They replied, 'The fever left him yesterday at the seventh hour.'
53. तब पिता जान गया, कि यह उसी घड़ी हुआ जिस घड़ी यीशु ने उस से कहा, तेरा पुत्रा जीवित है, और उस ने और उसके सारे घराने ने विश्वास किया।
53. The father realised that this was exactly the time when Jesus had said, 'Your son will live'; and he and all his household believed.
54. यह दूसरा आश्चर्यकर्म था, जो यीशु ने यहूदिया से गलील में आकर दिखाया।।
54. This new sign, the second, Jesus performed on his return from Judaea to Galilee.