John - यूहन्ना 4 | View All

1. फिर जब प्रभु को मालूम हुआ, कि फरीसियों ने सुना है, कि यीशु यूहन्ना से अधिक चेले बनाता, और उन्हें बपतिस्मा देता है।

1. প্রভু যখন জানিলেন যে, ফরীশীরা শুনিয়াছে, যীশু যোহন হইতে অধিক শিষ্য করেন এবং বাপ্তাইজ করেন

2. (यद्यपि यीशु आप नहीं बरन उसके चेले बपतिस्मा देते थे)।

2. —কিন্তু যীশু নিজে বাপ্তাইজ করিতেন না, তাঁহার শিষ্যগণই করিতেন

3. तब यहूदिया को छोड़कर फिर गलील को चला गया।

3. —তখন তিনি যিহূদিয়া ত্যাগ করিলেন, এবং পুনর্ব্বার গালীলে চলিয়া গেলেন।

4. और उस को सामरिया से होकर जाना अवश्य था।

4. আর শমরিয়ার মধ্য দিয়া তাঁহাকে যাইতে হইল।

5. सो वह सूखार नाम सामरिया के एक नगर तक आया, जो उस भूमि के पास है, जिस याकूब ने अपने पुत्रा यूसुफ को दिया था।
उत्पत्ति 33:19, उत्पत्ति 48:22, यहोशू 24:32

5. তাহাতে তিনি শুখর নামক শমরিয়ার এক নগরের নিকটে গেলেন; যাকোব আপন পুত্র যোষেফকে যে ভূমি দান করিয়াছিলেন, সেই নগর তাহার নিকটবর্ত্তী।

6. और याकूब का कूआं भी वहीं था; सो यीशु मार्ग का थका हुआ उस कूएं पर योंही बैठ गया, और यह बात छठे घण्टे के लगभग हुई।

6. আর সেই স্থানে যাকোবের কূপ ছিল। তখন যীশু পথশ্রান্ত হওয়াতে অমনি সেই কূপের পার্শ্বে বসিলেন। বেলা তখন অনুমান ষষ্ঠ ঘটিকা।

7. इतने में एक सामरी स्त्री जल भरने को आई: यीशु ने उस से कहा, मुझे पानी पिला।

7. শমরিয়ার একটী স্ত্রীলোক জল তুলিতে আসিল। যীশু তাহাকে বলিলেন, আমাকে পান করিবার জল দেও।

8. क्योंकि उसके चेले तो नगर में भोजन मोल लेने को गए थे।

8. কেননা তাঁহার শিষ্যেরা খাদ্য ক্রয় করিতে নগরে গিয়াছিলেন।

9. उस सामरी स्त्री ने उस से कहा, तू यहूदी होकर मुझ सामरी स्त्री से पानी क्यों मांगता है? (क्योंकि यहूदी सामरियों के साथ किसी प्रकार का व्यवहार नहीं रखते)।
एज्रा 4:3, एज्रा 9:1-1044

9. তাহাতে শমরীয় স্ত্রীলোকটী বলিল, আপনি যিহূদী হইয়া কেমন করিয়া আমার কাছে পান করিবার জল চাহিতেছেন? আমি ত শমরীয় স্ত্রীলোক। —কেননা শমরীয়দের সহিত যিহূদীদের ব্যবহার নাই।

10. यीशु ने उत्तर दिया, यदि तू परमेश्वर के बरदान को जानती, और यह भी जानती कि वह कौन है जो तुझ से कहता है; मुझे पानी पिला तो तू उस से मांगती, और वह तुझे जीवन का जल देता।

10. —যীশু উত্তর করিয়া তাহাকে কহিলেন, তুমি যদি জানিতে, ঈশ্বরের দান কি, আর কে তোমাকে বলিতেছেন, ‘আমাকে পান করিবার জল দেও’, তবে তাঁহারই নিকটে তুমি যাচ্ঞা করিতে এবং তিনি তোমাকে জীবন্ত জল দিতেন।

11. स्त्री ने उस से कहा, हे प्रभु, तेरे पास जल भरने को तो कुछ है भी नहीं, और कूआं गहिरा है: तो फिर वह जीवन का जल तेरे पास कहा से आया?

11. স্ত্রীলোকটী তাঁহাকে বলিল, মহাশয়, জল তুলিবার জন্য আপনার কাছে কিছুই নাই, কূপটীও গভীর; তবে সেই জীবন্ত জল কোথা হইতে পাইলেন?

12. क्या तू हमारे पिता याकूब से बड़ा है, जिस ने हमें यह कूआं दिया; और आपही अपने सन्तान, और अपने ढारों समेत उस में से पीया?

12. আমাদের পিতৃপুরুষ যাকোব হইতে কি আপনি মহান্‌? তিনিই আমাদিগকে এই কূপ দিয়াছেন, আর ইহার জল তিনি নিজে ও তাঁহার পুত্রগণ পান করিতেন, তাঁহার পশুপালও পান করিত।

13. यीशु ने उस को उत्तर दिया, कि जो कोई यह जल पीएगा वह फिर पियासा होगा।

13. যীশু উত্তর করিয়া তাহাকে কহিলেন, যে কেহ এই জল পান করে, তাহার আবার পিপাসা হইবে;

14. परन्तु जो कोई उस जल में से पीएगा जो मैं उसे दूंगा, वह फिर अनन्तकाल तक पियासा न होगा: बरन जो जल मैं उसे दूंगा, वह उस में एक सोता बन जाएगा जो अनन्त जीवन के लिये उमड़ता रहेगा।

14. কিন্তু আমি যে জল দিব, তাহা যে কেহ পান করে, তাহার পিপাসা আর কখনও হইবে না; বরং আমি তাহাকে যে জল দিব, তাহা তাহার অন্তরে এমন জলের উনুই হইবে, যাহা অনন্ত জীবন পর্য্যন্ত উথলিয়া উঠিবে।

15. स्.ाी ने उस से कहा, हे प्रभु, वह जल मुझे दे ताकि मैं प्यासी न होऊं और न जल भरने को इतनी दूर आऊं।

15. স্ত্রীলোকটী তাঁহাকে বলিল, মহাশয়, সেই জল আমাকে দিউন, যেন আমার পিপাসা না পায়, এবং জল তুলিবার জন্য এতটা পথ হাঁটিয়া আসিতে না হয়।

16. यीशु ने उस से कहा, जा, अपने पति को यहां बुला ला।

16. যীশু তাহাকে বলিলেন, যাও, তোমার স্বামীকে এখানে ডাকিয়া লইয়া আইস।

17. स्त्री ने उत्तर दिया, कि मैं बिना पति की हूं: यीशु ने उस से कहा, तू ठीक कहती है कि मैं बिना पति की हूं।

17. স্ত্রীলোকটী উত্তর করিয়া তাঁহাকে কহিল, আমার স্বামী নাই।

18. क्योंकि तू पांच पति कर चुकी है, और जिस के पास तू अब है वह भी तेरा पति नहीं; यह तू ने सच कहा है।

18. যীশু তাহাকে বলিলেন, তুমি ভালই বলিয়াছ যে, আমার স্বামী নাই; কেননা তোমার পাঁচটী স্বামী হইয়া গিয়াছে, আর এখন তোমার যে আছে, সে তোমার স্বামী নয়; এ কথা সত্য বলিলে।

19. स्त्री ने उस से कहा, हे प्रभु, मुझे ज्ञात होता है कि तू भविष्यद्वक्ता है।

19. স্ত্রীলোকটী তাঁহাকে বলিল, মহাশয়, আমি দেখিতেছি যে, আপনি ভাববাদী।

20. हमारे बापदादों ने उसी पहाड़ पर भजन किया: और तुम कहते हो कि वह जगह जहां भजन करना चाहिए यरूशलेम में है।
व्यवस्थाविवरण 11:29, व्यवस्थाविवरण 12:5-14, यहोशू 8:33, भजन संहिता 122:1-5

20. আমাদের পিতৃপুরুষেরা এই পর্ব্বতে ভজনা করিতেন, আর আপনারা বলিয়া থাকেন, যে স্থানে ভজনা করা উচিত, সে স্থানটী যিরূশালেমেই আছে।

21. यीशु ने उस से कहा, हे नारी, मेरी बात की प्रतीति कर कि वह समय आता है कि तुम न तो इस पहाड़ पर पिता का भजन करोगे न यरूशलेम में।

21. যীশু তাহাকে বলেন, হে নারি, আমার কথায় বিশ্বাস কর; এমন সময় আসিতেছে, যখন তোমরা না এই পর্ব্বতে, না যিরূশালেমে পিতার ভজনা করিবে।

22. तुम जिसे नहीं जानते, उसका भजन करते हो; और हम जिसे जानते हैं उसका भजन करते हैं; क्योंकि उद्धार यहूदियों में से है।
यशायाह 2:3

22. তোমরা যাহা জান না, তাহার ভজনা করিতেছ; আমরা যাহা জানি, তাহার ভজনা করিতেছি, কারণ যিহূদীদের মধ্য হইতেই পরিত্রাণ।

23. परन्तु वह समय आता है, बरन अब भी है जिस में सच्चे भक्त पिता का भजन आत्मा और सच्चाई से करेंगे, क्योंकि पिता अपने लिये ऐसे ही भजन करनेवालों को ढूंढ़ता है।

23. কিন্তু এমন সময় আসিতেছে, বরং এখনই উপস্থিত, যখন প্রকৃত ভজনাকারীরা আত্মায় ও সত্যে পিতার ভজনা করিবে; কারণ বাস্তবিক পিতা এইরূপ ভজনাকারীদেরই অন্বেষণ করেন।

24. परमेश्वर आत्मा है, और अवश्य है कि उसके भजन करनेवाले आत्मा और सच्चाई से भजन करें।

24. ঈশ্বর আত্মা; আর যাহারা তাঁহার ভজনা করে, তাহাদিগকে আত্মায় ও সত্যে ভজনা করিতে হইবে।

25. स्त्री ने उस से कहा, मैं जानती हूं कि मसीह जो ख्रीस्तुस कहलाता है, आनेवाला है; जब वह आएगा, तो हमें सब बातें बता देगा।

25. স্ত্রীলোকটী তাঁহাকে বলিল, আমি জানি, মশীহ আসিতেছেন, যাঁহাকে খ্রীষ্ট বলে, —তিনি যখন আসিবেন, তখন আমাদিগকে সকলই জ্ঞাত করিবেন।

26. यीशु ने उस से कहा, मैं जो तुझ से बोल रहा हूं, वही हूं।।

26. যীশু তাহাকে বলিলেন, তোমার সহিত কথা কহিতেছি যে আমি, আমিই তিনি।

27. इतने में उसके चेले आ गए, और अचम्भा करने लगे, कि वह स्त्री से बातें कर रहा है; तौभी किसी ने न कहा, कि तू क्या चाहता है? या किस लिये उस से बातें करता है।

27. এই সময়ে তাঁহার শিষ্যগণ আসিলেন, এবং আশ্চর্য্য জ্ঞান করিলেন যে, তিনি স্ত্রীলোকের সহিত কথা কহিতেছেন, তথাপি কেহ বলিলেন না, আপনি কি চাহেন? কিম্বা, কি জন্য উহার সহিত কথা কহিতেছেন?

28. तब स्त्री अपना घड़ा छोड़कर नगर में चली गई, और लोगों से कहने लगी।

28. তখন সে স্ত্রীলোকটী আপন কলশী ফেলিয়া রাখিয়া নগরে গেল, আর লোকদিগকে কহিল,

29. आओ, एक मनुष्य को देखो, जिस ने सब कुछ जो मैं ने किया मुझे बता दिया: कहीं यह तो मसीह नहीं है?

29. আইস, একটী মানুষকে দেখ, আমি যাহা কিছু করিয়াছি, তিনি সকলই আমাকে বলিয়া দিলেন; তিনিই কি সেই খ্রীষ্ট নহেন?

30. सो वे नगर से निकलकर उसके पास आने लगे।

30. তাহারা নগর হইতে বাহির হইয়া তাঁহার নিকটে আসিতে লাগিল।

31. इतने में उसके चेले यीशु से यह बिनती करने लगे, कि हे रब्बी, कुछ खा ले।

31. ইতিমধ্যে শিষ্যেরা তাঁহাকে বিনতি করিয়া কহিলেন, রব্বি, আহার করুন।

32. परन्तु उस ने उन से कहा, मेरे पास खाने के लिये ऐसा भोजन है जिसे तुम नहीं जानते।

32. কিন্তু তিনি তাঁহাদিগকে বলিলেন, আহারের জন্য আমার এমন খাদ্য আছে, যাহা তোমরা জান না।

33. तब चेलों ने आपस में कहा, क्या कोई उसके लिये कुछ खाने को लाया है?

33. অতএব শিষ্যেরা পরস্পর বলিতে লাগিলেন, কেহ কি ইহাঁকে খাদ্য আনিয়া দিয়াছে?

34. यीशु ने उन से कहा, मेरा भोजन यह है, कि अपने भेजनेवाले की इच्छा के अनुसार चलूं और उसका काम पूरा करूं।

34. যীশু তাঁহাদিগকে বলিলেন, আমার খাদ্য এই, যিনি আমাকে পাঠাইয়াছেন, যেন তাঁহার ইচ্ছা পালন করি ও তাঁহার কার্য্য সাধন করি।

35. क्या तुम नहीं कहते, कि कटनी होने में अब भी चार महीने पड़े हैं? देखो, मैं तुम से कहता हूं, अपनी आंखे उठाकर खेतों पर दृष्टि डालो, कि वे कटनी के लिये पक चुके हैं।

35. তোমরা কি বল না, আর চারি মাস পরে শস্য কাটিবার সময় হইবে? দেখ, আমি তোমাদিগকে বলিতেছি, চক্ষু তুলিয়া ক্ষেত্রের প্রতি দৃষ্টিপাত কর, শস্য এখনই কাটিবার মত শ্বেতবর্ণ হইয়াছে।

36. और काटनेवाला मजदूरी पाता, और अनन्त जीवन के लिये फल बटोरता है; ताकि बोनेवाला और काटनेवाला दोनों मिलकर आनन्द करें।

36. যে কাটে সে বেতন পায়, এবং অনন্ত জীবনের নিমিত্ত শস্য সংগ্রহ করে; যেন, যে বুনে ও যে কাটে, উভয়ে একত্র আনন্দ করে।

37. क्योंकि इस पर यह कहावत ठीक बैठती है कि बानेवाला और है और काटनेवाला और।
मीका 6:15

37. কেননা এ স্থলে এই কথা সত্য, এক জন বুনে, আর এক জন কাটে।

38. मैं ने तुम्हें वह खेत काटने के लिये भेजा, जिस में तुम ने परिश्रम नहीं किया: औरों ने परिश्रम किया और तुम उन के परिश्रम के फल में भागी हुए।।

38. আমি তোমাদিগকে এমন শস্য কাটিতে প্রেরণ করিলাম, যাহার জন্য তোমার পরিশ্রম কর নাই; অন্যেরা পরিশ্রম করিয়াছে, এবং তোমরা তাহাদের শ্রম-ক্ষেত্রে প্রবেশ করিয়াছ।

39. और उस नगर के बहुत सामरियों ने उस स्त्री के कहने से, जिस ने यह गवाही दी थी, कि उस ने सब कुछ जो मैं ने किया है, मुझे बता दिया, विश्वास किया।

39. সেই নগরের শমরীয়েরা অনেকে সেই স্ত্রীলোকটী যে সাক্ষ্য দিয়াছিল, আমি যাহা কিছু করিয়াছি, তিনি আমাকে সকলই বলিয়া দিলেন, তাহার এই কথা প্রযুক্ত তাঁহাতে বিশ্বাস করিল।

40. तब जब ये सामरी उसके पास आए, तो उस से बिनती करने लगे, कि हमारे यहां रह: सो वह वहां दो दिन तक रहा।

40. অতএব সেই শমরীয়েরা যখন তাঁহার নিকটে আসিল, তখন তাঁহাকে বিনতি করিল, যেন তিনি তাহাদের কাছে অবস্থিতি করেন; তাহাতে তিনি দুই দিবস সেখানে অবস্থিতি করিলেন।

41. और उसके वचन के कारण और भी बहुतेरों ने विश्वास किया।

41. তখন আরও অনেক লোক তাঁহার বাক্য প্রযুক্ত বিশ্বাস করিল;

42. और उस स्त्री से कहा, अब हम तेरे कहने की से विश्वास नहीं करते; क्योंकि हम ने आप ही सुन लिया, और जानते हैं कि यही सचमुच में जगत का उद्धारकर्ता है।।

42. আর তাহারা সেই স্ত্রীলোককে কহিল, এখন যে আমরা বিশ্বাস করিতেছি, সে আর তোমার কথা প্রযুক্ত নয়, কেননা আমরা আপনারা শুনিয়াছি ও জানিতে পারিয়াছি যে, ইনি সত্যই জগতের ত্রাণকর্ত্তা।

43. फिर उन दो दिनों के बाद वह वहां से कूच करके गलील को गया।

43. সেই দুই দিনের পর তিনি তথা হইতে গালীলে গমন করিলেন।

44. क्योंकि यीशु ने आप ही साक्षी दी, कि भविष्यद्वक्ता अपने देश में आदर नहीं पाता।

44. কারণ যীশু আপনি এই সাক্ষ্য দিয়াছিলেন যে, ভাববাদী নিজ দেশে সমাদর পান না।

45. जब वह गलील में आया, तो गलीली आनन्द के साथ उस से मिले; क्योंकि जितने काम उस ने यरूशलेम में पर्ब्ब के समय किए थे, उन्हों ने उन सब को देखा था, क्योंकि वे भी पर्ब्ब में गए थे।।

45. অতএব তিনি যখন গালীলে আসিলেন, তখন গালীলীয়েরা তাঁহাকে গ্রহণ করিল, কারণ যিরূশালেমে পর্ব্বের সময়ে তিনি যাহা যাহা করিয়াছিলেন, সে সমস্ত তাহারা দেখিয়াছিল; কেননা তাহারাও সেই পর্ব্বে গিয়াছিল।

46. तब वह फिर गलील के काना में आया, जहां उस ने पानी को दाख रस बनाया था: और राजा का कर्मचारी था जिस का पुत्रा कफरनहूम में बीमार था।

46. পরে তিনি আবার গালীলের সেই কান্না নগরে গেলেন, যেখানে জলকে দ্রাক্ষারস করিয়াছিলেন। আর, এক জন রাজপুরুষ ছিলেন, তাঁহার পুত্র কফরনাহূমে পীড়িত ছিল।

47. वह यह सुनकर कि यीशु यहूदिया से गलील में आ गया है, उसके पास गया और उस से बिनती करने लगा कि चलकर मेरे पुत्रा को चंगा कर दे: क्योंकि वह मरने पर था।

47. যীশু যিহূদিয়া হইতে গালীলে আসিয়াছেন, শুনিয়া তিনি তাঁহার নিকটে গেলেন, এবং বিনতি করিলেন, যেন তিনি গিয়া তাঁহার পুত্রকে সুস্থ করেন; কারণ সে মৃতপ্রায় হইয়াছিল।

48. यीशु ने उस से कहा, जब तक तुम चिन्ह और अद्भुत काम न देखोगे तब तक कदापि विश्वास न करोगे।
दानिय्येल 4:2, दानिय्येल 4:37

48. তখন যীশু তাঁহাকে কহিলেন, চিহ্ন এবং অদ্ভুত লক্ষণ যদি না দেখ, তোমরা কোন মতে বিশ্বাস করিবে না।

49. राजा के कर्मचारी ने उस से कहा; हे प्रभु, मेरे बालक की मृत्यु होने के पहिले चल।

49. সেই রাজপুরুষ তাঁহাকে কহিলেন, হে প্রভু, আমার ছেলেটী না মরিতে মরিতে আইসুন।

50. यीशु ने उस से कहा, जा, तेरा पुत्रा जीवित है: उस मनुष्य ने यीशु की कही हुई बात की प्रतीति की, और चला गया।

50. যীশু তাঁহাকে কহিলেন, যাও, তোমার পুত্র বাঁচিল। যীশু সেই ব্যক্তিকে যে কথা বলিলেন, তিনি তাহা বিশ্বাস করিয়া চলিয়া গেলেন।

51. वह मार्ग में जा रहा था, कि उसके दास उस से आ मिले और कहने लगे कि तेरा लड़का जीवित है।

51. তিনি যাইতেছেন, এমন সময়ে তাঁহার দাসেরা তাঁহার নিকটে আসিয়া বলিল, আপনার বালকটী বাঁচিল।

52. उस न उन से पूछा कि किस घड़ी वह अच्दा होने लगा? उन्हों ने उस से कहा, कल सातवें घण्टे में उसका ज्वर उतर गया।

52. তখন তিনি তাহাদিগকে জিজ্ঞাসা করিলেন, কোন্‌ ঘটিকায় তাহার উপশম আরম্ভ হইয়াছিল? তাহারা তাঁহাকে বলিল, কল্য সপ্তম ঘটিকার সময়ে তাহার জ্বর ছাড়িয়া গিয়াছে।

53. तब पिता जान गया, कि यह उसी घड़ी हुआ जिस घड़ी यीशु ने उस से कहा, तेरा पुत्रा जीवित है, और उस ने और उसके सारे घराने ने विश्वास किया।

53. তাহাতে পিতা বুঝিলেন, যীশু সেই ঘটিকাতেই তাঁহাকে বলিয়াছিলেন, তোমার পুত্র বাঁচিল; আর তিনি আপনি ও তাঁহার সমস্ত পরিবার বিশ্বাস করিলেন।

54. यह दूसरा आश्चर्यकर्म था, जो यीशु ने यहूदिया से गलील में आकर दिखाया।।

54. যিহূদিয়া হইতে গালীলে আসিবার পর যীশু আবার এই দ্বিতীয় চিহ্ন-কার্য্য করিলেন।



Shortcut Links
यूहन्ना - John : 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 |
उत्पत्ति - Genesis | निर्गमन - Exodus | लैव्यव्यवस्था - Leviticus | गिनती - Numbers | व्यवस्थाविवरण - Deuteronomy | यहोशू - Joshua | न्यायियों - Judges | रूत - Ruth | 1 शमूएल - 1 Samuel | 2 शमूएल - 2 Samuel | 1 राजाओं - 1 Kings | 2 राजाओं - 2 Kings | 1 इतिहास - 1 Chronicles | 2 इतिहास - 2 Chronicles | एज्रा - Ezra | नहेम्याह - Nehemiah | एस्तेर - Esther | अय्यूब - Job | भजन संहिता - Psalms | नीतिवचन - Proverbs | सभोपदेशक - Ecclesiastes | श्रेष्ठगीत - Song of Songs | यशायाह - Isaiah | यिर्मयाह - Jeremiah | विलापगीत - Lamentations | यहेजकेल - Ezekiel | दानिय्येल - Daniel | होशे - Hosea | योएल - Joel | आमोस - Amos | ओबद्याह - Obadiah | योना - Jonah | मीका - Micah | नहूम - Nahum | हबक्कूक - Habakkuk | सपन्याह - Zephaniah | हाग्गै - Haggai | जकर्याह - Zechariah | मलाकी - Malachi | मत्ती - Matthew | मरकुस - Mark | लूका - Luke | यूहन्ना - John | प्रेरितों के काम - Acts | रोमियों - Romans | 1 कुरिन्थियों - 1 Corinthians | 2 कुरिन्थियों - 2 Corinthians | गलातियों - Galatians | इफिसियों - Ephesians | फिलिप्पियों - Philippians | कुलुस्सियों - Colossians | 1 थिस्सलुनीकियों - 1 Thessalonians | 2 थिस्सलुनीकियों - 2 Thessalonians | 1 तीमुथियुस - 1 Timothy | 2 तीमुथियुस - 2 Timothy | तीतुस - Titus | फिलेमोन - Philemon | इब्रानियों - Hebrews | याकूब - James | 1 पतरस - 1 Peter | 2 पतरस - 2 Peter | 1 यूहन्ना - 1 John | 2 यूहन्ना - 2 John | 3 यूहन्ना - 3 John | यहूदा - Jude | प्रकाशितवाक्य - Revelation |

Explore Parallel Bibles
21st Century KJV | A Conservative Version | American King James Version (1999) | American Standard Version (1901) | Amplified Bible (1965) | Apostles' Bible Complete (2004) | Bengali Bible | Bible in Basic English (1964) | Bishop's Bible | Complementary English Version (1995) | Coverdale Bible (1535) | Easy to Read Revised Version (2005) | English Jubilee 2000 Bible (2000) | English Lo Parishuddha Grandham | English Standard Version (2001) | Geneva Bible (1599) | Hebrew Names Version | Hindi Bible | Holman Christian Standard Bible (2004) | Holy Bible Revised Version (1885) | Kannada Bible | King James Version (1769) | Literal Translation of Holy Bible (2000) | Malayalam Bible | Modern King James Version (1962) | New American Bible | New American Standard Bible (1995) | New Century Version (1991) | New English Translation (2005) | New International Reader's Version (1998) | New International Version (1984) (US) | New International Version (UK) | New King James Version (1982) | New Life Version (1969) | New Living Translation (1996) | New Revised Standard Version (1989) | Restored Name KJV | Revised Standard Version (1952) | Revised Version (1881-1885) | Revised Webster Update (1995) | Rotherhams Emphasized Bible (1902) | Tamil Bible | Telugu Bible (BSI) | Telugu Bible (WBTC) | The Complete Jewish Bible (1998) | The Darby Bible (1890) | The Douay-Rheims American Bible (1899) | The Message Bible (2002) | The New Jerusalem Bible | The Webster Bible (1833) | Third Millennium Bible (1998) | Today's English Version (Good News Bible) (1992) | Today's New International Version (2005) | Tyndale Bible (1534) | Tyndale-Rogers-Coverdale-Cranmer Bible (1537) | Updated Bible (2006) | Voice In Wilderness (2006) | World English Bible | Wycliffe Bible (1395) | Young's Literal Translation (1898) | Hindi Reference Bible |