6. समाचार देनेवाले जवान ने कहा, संयोग से मैं गिलबो पहाड़ पर था; तो क्या देखा, कि शाऊल अपने भाले की टेक लगाए हुए है; फिर मैं ने यह भी देखा कि उसका पीछा किए हुए रथ और सवार बड़े वेग से दौड़े आ रहे हैं।
6. তাহাতে সেই সংবাদদাতা যুবক তাঁহাকে কহিল, আমি ঘটনাক্রমে গিল্বোয় পর্ব্বতে উপস্থিত হইয়াছিলাম, আর দেখ, শৌল বড়শার উপরে নির্ভর দিয়াছিলেন, এবং দেখ, রথ, ও অশ্বারোহিগণ চাপাচাপি করিয়া তাঁহার খুব কাছে আসিয়াছিল।