12. और वे शाऊल, और उसके पुत्रा योनातन, और यहोवा की प्रजा, और इस्राएल के घराने के लिये छाती पीटने और रोने लगे, और सांझ तक कुछ न खाया, इस कारण कि वे तलवार से मारे गए थे।
12. And till evening they gave themselves to sorrow and weeping, and took no food, weeping for Saul and for Jonathan, his son, and for the people of the Lord and for the men of Israel; because they had come to their end by the sword.