1 Samuel - 1 शमूएल 4 | View All

1. और शमूएल का वचन सारे इस्राएल के पास पहुंचा। और इस्राएली पलिश्तियों से युद्ध करने को निकले; और उन्हों ने तो एबेनेजेर के आस- पास छावनी डाली, और पलिश्तियों ने अपेक में छावनी डाली।

1. And the word of Samuel came to all Israel. Now Israel went out to battle against the Philistines. They encamped at Ebenezer, and the Philistines encamped at Aphek.

2. तब पलिश्तियों ने इस्राएल के विरूद्ध पांति बान्धी, और जब घमासान युद्ध होने लगा तब इस्राएली पलिश्तियों से हार एग, और उन्हों ने कोई चार हजार इस्राएली सेना के पुरूषों को मैदान ही में मार डाला।

2. The Philistines drew up in line against Israel, and when the battle spread, Israel was defeated by the Philistines, who killed about four thousand men on the field of battle.

3. और जब वे लोग छावनी में लौट आए, तब इस्राएल के वृद्ध लोग कहने लगे, कि यहोवा ने आज हमें पलिश्तियों से क्यों हरवा दिया है? आओ, हम यहोवा की वाचा का सन्दूक शीलो से मांग ले आएं, कि वह हमारे बीच में आकर हमें शत्रुओं के हाथ से बचाए।

3. And when the troops came to the camp, the elders of Israel said, 'Why has the LORD defeated us today before the Philistines? Let us bring the ark of the covenant of the LORD here from Shiloh, that it may come among us and save us from the power of our enemies.'

4. तब उन लोगों ने शीलों में भेजकर वहां से करूबों के ऊपर विराजनेवाले सेनाओं के यहोवा की वाचा का सन्दूक मंगा लिया; और परमेश्वर की वाचा के सन्दूक के साथ एली के दोनों पुत्रा, होप्नी और पिनहास भी वहां थे।

4. So the people sent to Shiloh and brought from there the ark of the covenant of the LORD of hosts, who is enthroned on the cherubim. And the two sons of Eli, Hophni and Phinehas, were there with the ark of the covenant of God.

5. जब यहोवा की वाचा का सन्दूक छावनी में पहुंचा, तब सारे इस्राएली इतने बल से ललकार उठे, कि भूमि गूंज उठी।

5. As soon as the ark of the covenant of the LORD came into the camp, all Israel gave a mighty shout, so that the earth resounded.

6. इस ललकार का शब्द सुनकर पलिश्तियों ने पूछा, इब्रियों की छावनी में ऐसी बड़ी ललकार का क्या कारण है? तब उन्हों ने जान लिया, कि यहोवा का सन्दूक छावनी में आया है।

6. And when the Philistines heard the noise of the shouting, they said, 'What does this great shouting in the camp of the Hebrews mean?' And when they learned that the ark of the LORD had come to the camp,

7. तब पलिश्ती डरकर कहने लगे, उस छावनी में परमेश्वर आ गया है। फिर उन्हों ने कहा, हाय! हम पर ऐसी बात पहिले नहीं हुई थी।

7. the Philistines were afraid, for they said, 'A god has come into the camp.' And they said, 'Woe to us! For nothing like this has happened before.

8. हाय! ऐसे महाप्रतापी देवताओं के हाथ से हम को कौन बचाएगा? ये तो वे ही देवता हैं जिन्हों ने मिस्त्रियों पर जंगल में सब प्रकार की विपत्तियां डाली थीं।
प्रकाशितवाक्य 11:6

8. Woe to us! Who can deliver us from the power of these mighty gods? These are the gods who struck the Egyptians with every sort of plague in the wilderness.

9. हे पलिश्तियों, तुम हियाव बान्धो, और पुरूषार्थ जगाओ, कहीं ऐसा न हो कि जैसे इब्री तुम्हारे अधीन हो गए वैसे तुम भी उनके अधीन हो जाओ; पुरूषार्थ करके संग्राम करो।

9. Take courage, and be men, O Philistines, lest you become slaves to the Hebrews as they have been to you; be men and fight.'

10. तब पलिश्ती लड़ाई के मैदान में टूट पड़े, और इस्राएली हारकर अपने अपने डेरे को भागने लगे; और ऐसा अत्यन्त संहार हुआ, कि तीस हजार इस्राएली पैदल खेत आए।

10. So the Philistines fought, and Israel was defeated, and they fled, every man to his home. And there was a very great slaughter, for there fell of Israel thirty thousand foot soldiers.

11. और परमेश्वर का सन्दूक छीन लिया गया; और एली के दोनो पुत्रा, होप्नी और पीनहास, भी मारे गए।

11. And the ark of God was captured, and the two sons of Eli, Hophni and Phinehas, died.

12. तब एक बिन्यामीनी मनुष्य ने सेना में से दौड़कर उसी दिन अपने वस्त्रा फाड़े और सिर पर मिट्टी डाले हुए शीलो में पहुंचा।

12. A man of Benjamin ran from the battle line and came to Shiloh the same day, with his clothes torn and with dirt on his head.

13. वह जब पहुंचा उस समय एली, जिसका मन परमेश्वर के सन्दूक की चिन्ता से थरथरा रहा था, वह मार्ग के किनारे कुर्सी पर बैठा बाट जोह रहा था। और ज्योंही उस मनुष्य ने नगर में पहुंचकर वह समाचार दिया त्योंही सारा नगर चिल्ला उठा।

13. When he arrived, Eli was sitting on his seat by the road watching, for his heart trembled for the ark of God. And when the man came into the city and told the news, all the city cried out.

14. चिल्लाने का शब्द सुनकर एली ने पूछा, ऐसे हुल्लड़ और हाहाकार मचने का क्या कारण है? और उस मनुष्य ने झट जाकर एली को पूरा हाल सुनाया।

14. When Eli heard the sound of the outcry, he said, 'What is this uproar?' Then the man hurried and came and told Eli.

15. एल तो अट्ठानवे वर्ष का था, और उसकी आंखें धुन्धली पड़ गई थीं, और उसे कुछ सूझता न था।

15. Now Eli was ninety-eight years old and his eyes were set so that he could not see.

16. उस मनुष्य ने एली से कहा, मैं वही हूं जो सेना में से आया हूं; और मैं सेना से आज ही भाग आया। वह बोला, हे मेरे बेटे, क्या समाचार है?

16. And the man said to Eli, 'I am he who has come from the battle; I fled from the battle today.' And he said, 'How did it go, my son?'

17. उस समाचार देनेवाले ने उत्तर दिया, कि इस्राएली पलिश्तियों के साम्हने से भाग गए हैं, और लोगों का बड़ा भयानक संहार भी हुआ है, और तेरे दोनों पुत्रा होप्नी और पीनहास भी मारे गए, और परमेश्वर का सन्दूक भी छीन लिया गया है।

17. He who brought the news answered and said, 'Israel has fled before the Philistines, and there has also been a great defeat among the people. Your two sons also, Hophni and Phinehas, are dead, and the ark of God has been captured.'

18. ज्योंही उस ने परमेश्वर के सन्दूक का नाम लिया त्योंही एली फाटक के पास कुर्सी पर से पछाड़ खाकर गिर पड़ा; और बूढ़े और भारी होने के कारण उसकी गर्दन टूट गई, और वह मर गया। उस ने तो इस्राएलियों का न्याय चालीस वर्ष तक किया था।

18. As soon as he mentioned the ark of God, Eli fell over backward from his seat by the side of the gate, and his neck was broken and he died, for the man was old and heavy. He had judged Israel forty years.

19. उसकी बहू पीनहास की स्त्री गर्भवती थी, और उसका समय समीप था। और जब उस ने परमेश्वर के सन्दूक के छीन लिए जाने, और अपने ससुर और पति के मरने का समाचार सुना, तब उसको जच्चा का दर्द उठा, और वह दुहर गई, और उसके एक पुत्रा उत्पन्न हुआ।

19. Now his daughter-in-law, the wife of Phinehas, was pregnant, about to give birth. And when she heard the news that the ark of God was captured, and that her father-in-law and her husband were dead, she bowed and gave birth, for her pains came upon her.

20. उसके मरते मरते उन स्त्रियों ने जो उसके आस पास खड़ी थीं उस से कहा, मत डर, क्योंकि तेरे प्रत्रा उत्पन्न हुआ है। परन्तु उस ने कुद उत्तर न दिया, और न कुछ ध्यान दिया।

20. And about the time of her death the women attending her said to her, 'Do not be afraid, for you have borne a son.' But she did not answer or pay attention.

21. और परमेश्वर के सन्दूक के छीन लिए जाने और अपने ससुर और पति के कारण उस ने यह कहकर उस बालक का नाम ईकाबोद रखा, कि इस्राएल में से महिमा उठ गई!

21. And she named the child Ichabod, saying, 'The glory has departed from Israel!' because the ark of God had been captured and because of her father-in-law and her husband.

22. फिर उस ने कहा, इस्राएल में से महिमा उठ गई है, क्योंकि परमेश्वर का सन्दूक छीन लिया गया है।।

22. And she said, 'The glory has departed from Israel, for the ark of God has been captured.'



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