36. और ऐसा होगा कि जो कोई तेरे घराने में बचा रहेगा वह उसी के पास जाकर एक छोटे से टुकड़े चान्दी के वा एक रोटी के लिये दण्डवत् करके कहेगा, याजक के किसी काम में मुझे लगा, जिस से मुझे एक टुकड़ा रोटी मिले।।
36. and it hath been, every one who is left in thy house doth come in to bow himself to him, for a wage of silver, and a cake of bread, and hath said, Admit me, I pray thee, unto one of the priest's offices, to eat a morsel of bread.'