Judges - न्यायियों 2 | View All

1. और यहोवा का दूत गिलगाल से बोकीम को जाकर कहने लगा, कि मैं ने तुम को मि से ले आकर इस देश में पहुंचाया है, जिसके विषय में मैं ने तुम्हारे पुरखाओं से शपथ खाई थी। और मैं ने कहा था, कि जो वाचा मैं ने तुम से बान्धी है, उसे मैं कभी न तोडूंगा;

1. আর সদাপ্রভুর দূত গিল্‌গল হইতে বোখীমে উঠিয়া আসিলেন। তিনি কহিলেন, আমি তোমাদিগকে মিসর হইতে বাহির করিয়া আনিয়াছি; যে দেশ দিতে তোমাদের পিতৃপুরুষদের কাছে দিব্য করিয়াছিলাম, সেই দেশে তোমাদিগকে আনিয়াছি, আর এই কথা বলিয়াছি, আমি তোমাদের সহিত আপন নিয়ম কখনও ভঙ্গ করিব না;

2. इसलिये तुम इस देश के निवासियों से वाचा न बान्धना; तुम उनकी वेदियों को ढा देना। परन्तु तुम ने मेरी बात नहीं मानी। तुम ने ऐसा क्यों किया है?

2. তোমরাও এই দেশ-নিবাসীদের সহিত নিয়ম স্থির করিবে না, তাহাদের যজ্ঞবেদি সকল ভাঙ্গিয়া ফেলিবে। কিন্তু তোমরা আমার রবে কর্ণপাত কর নাই; কেন এমন কর্ম্ম করিয়াছ?

3. इसलिये मैं कहता हूं, कि मैं उन लोगों को तुम्हारे साम्हने से न निकालूंगा; और वे तुम्हारे पांजर में कांटे, और उनके देवता तुम्हारे लिये फंदे ठहरेंगे।

3. এই জন্য আমিও কহিলাম, তোমাদের সম্মুখ হইতে আমি এই লোকদিগকে দূর করিব না; তাহারা তোমাদের পার্শ্বে কন্টকস্বরূপ, ও তাহাদের দেবগণ তোমাদের ফাঁদস্বরূপ হইবে।

4. जब यहोवा के दूत ने सारे इस्राएलियों से ये बातें कहीं, तब वे लोग चिल्ला चिल्लाकर रोने लगे।

4. তখন সদাপ্রভুর দূত ইস্রায়েল-সন্তান সকলকে এই কথা কহিলে লোকেরা উচ্চৈঃস্বরে রোদন করিতে লাগিল।

5. और उन्हों ने उस स्थान का नाम बोकीम रखा। और वहां उन्हों ने यहोवा के लिये बलि चढ़ाया।।

5. আর তাহারা সেই স্থানের নাম বোখীম [রোদনকারিগণ] রাখিল; পরে তাহারা সেই স্থানে সদাপ্রভুর উদ্দেশে বলিদান করিল।

6. जब यहोशू ने लोगों को विदा किया था, तब इस्राएली देश को अपने अधिकार में कर लेने के लिये अपने अपने निज भाग पर गए।

6. যিহোশূয় লোকিদগকে বিদায় করিলে পর ইস্রায়েল-সন্তানগণ দেশ অধিকার করিবার জন্য প্রত্যেকে আপন আপন অধিকারে গিয়াছিল।

7. और यहोशू के जीवन भर, और उन वृद्ध लोगों के जीवन भर जो यहोशू के मरने के बाद जीवित रहे और देख चुके थे कि यहोवा ने इस्राएल के लिये कैसे कैसे बड़े काम किए हैं, इस्राएली लोग यहोवा की सेवा करते रहे।

7. আর যিহোশূয়ের সমস্ত জীবনকালে, এবং যে প্রাচীনবর্গ যিহোশূয়ের মরণের পর জীবিত ছিলেন, ও ইস্রায়েলের জন্য সদাপ্রভুর কৃত সমস্ত মহাকার্য্য দেখিয়াছিলেন, তাঁহাদেরও সমস্ত জীবনকালে লোকেরা সদাপ্রভুর সেবা করিল।

8. निदान यहोवा का दास नून का पुत्रा यहोशू एक सौ दस वर्ष का होकर मर गया।

8. পরে নূনের পুত্র সদাপ্রভুর দাস যিহোশূয় এক শত দশ বৎসর বয়সে মরিলেন।

9. और उसको तिम्नथेरेस में जो एप्रैम के पहाड़ी देश में गाश नाम पहाड़ की उत्तर अलंग पर है, उसी के भाग में मिट्टी दी गई।

9. তাহাতে লোকেরা গাশ পর্ব্বতের উত্তর পর্ব্বতময় ইফ্রয়িম প্রদেশস্থ তিম্নৎ-হেরসে তাঁহার অধিকারের অঞ্চলে তাঁহার কবর দিল।

10. और उस पीढ़ी के सब लोग भी अपने अपने पितरों में मिल गए; तब उसके बाद जो दूसरी पीढ़ी हुई उसके लोग न तो यहोवा को जानते थे और न उस काम को जो उस ने इस्राएल के लिये किया था।।
प्रेरितों के काम 13:36

10. আর সেই কালের অন্য সকল লোকও পিতৃলোকদের নিকটে সংগৃহীত হইল, এবং তাহাদের পরে নূতন বংশ উৎপন্ন হইল, ইহারা সদাপ্রভুকে জানিত না, এবং ইস্রায়েলের জন্য তাঁহার কৃত কার্য্য জ্ঞাত ছিল না।

11. इसलिये इस्राएली वह करने लगे जो यहोवा की दृष्टि में बुरा है, और बाल नाम देवताओं की उपासना करने लगे;

11. ইস্রায়েল-সন্তানগণ সদাপ্রভুর দৃষ্টিতে যাহা মন্দ, তাহাই করিতে লাগিল; এবং বাল দেবগণের সেবা করিতে লাগিল।

12. वे अपने पूर्वजों के परमेश्वर यहोवा को, जो उन्हें मि देश से निकाल लाया था, त्यागकर पराये देवताओं की उपासना करने लगे, और उन्हें दण्डवत् किया; और यहोवा को रिस दिलाई।

12. আর যিনি তাহাদের পিতৃপুরুষদের ঈশ্বর, যিনি তাহাদিগকে মিসর দেশ হইতে বাহির করিয়া আনিয়াছিলেন, সেই সদাপ্রভুকে ত্যাগ করিয়া অন্য দেবগণের, অর্থাৎ আপনাদের চতুর্দ্দিক্‌স্থিত লোকদের দেবগণের অনুগামী হইয়া তাহাদের কাছে প্রণিপাত করিতে লাগিল, এইরূপে সদাপ্রভুকে অসন্তুষ্ট করিল।

13. वे यहोवा को त्याग कर के बाल देवताओं और अशतोरेत देवियों की उपासना करने लगे।

13. তাহারা সদাপ্রভুকে ত্যাগ করিয়া বাল দেবের ও অষ্টারোৎ দেবীদের সেবা করিত।

14. इसलिये यहोवा का कोप इस्राएलियों पर भड़क उठा, और उस ने उनको लुटेरों के हाथ में कर दिया जो उन्हें लूटने लगे; और उस ने उनको चारों ओर के शत्रुओं के आधीन कर दिया; और वे फिर अपने शत्रुओं के साम्हने ठहर न सके।

14. তাহাতে ইস্রায়েলের বিরুদ্ধে সদাপ্রভুর ক্রোধ প্রজ্বলিত হইল, আর তিনি তাহাদিগকে লুটকারিগণের হস্তে সমর্পণ করিলেন, তাহারা তাহাদের দ্রব্য লুট করিল; আর তিনি তাহাদের চতুর্দ্দিক্‌স্থ শত্রুগণের হস্তে তাহাদিগকে বিক্রয় করিলেন, তাহাতে তাহারা আপন শত্রুগণের সম্মুখে আর দাঁড়াইতে পারিল না।

15. जहां कहीं वे बाहर जाते वहां यहोवा का हाथ उनकी बुराई में लगा रहता था, जैसे यहोवा ने उन से कहा था, वरन यहोवा ने शपथ खाई थी; इस प्रकार से बड़े संकट में पड़ गए।

15. সদাপ্রভু যেমন বলিয়াছিলেন, ও তাহাদের কাছে যেমন দিব্য করিয়াছিলেন, তদনুসারে তাহারা যে কোন স্থানে যাইত, সেই স্থানে অমঙ্গলার্থে সদাপ্রভুর হস্ত তাহাদের বিরোধী ছিল; এইরূপে তাহারা অতিশয় ক্লিষ্ট হইত।

16. तौभी यहोवा उनके लिये न्यायी ठहराता था जो उन्हें लूटनेवाले के हाथ से छुड़ाते थे।
प्रेरितों के काम 13:20

16. তখন সদাপ্রভু বিচারকর্ত্তৃগণকে উৎপন্ন করিতেন, আর তাঁহারা লুটকারিগণের হস্ত হইতে তাহাদিগকে নিস্তার করিতেন;

17. परन्तु वे अपने न्यायियों की भी नहीं मानते थे; वरन व्यभिचारिन की नाईं पराये देवताओं के पीछे चलते और उन्हें दण्डवत् करते थे; उनके पूर्वज जो यहोवा की आज्ञाएं मानते थे, उनकी उस लीक को उन्हों ने शीघ्र ही छोड़ दिया? और उनके अनुसार न किया।

17. তথাপি তাহারা আপনাদের বিচারকর্ত্তাদের বাক্যেও কর্ণপাত করিত না, কিন্তু অন্য দেবগণের অনুগমনে ব্যভিচার করিত, ও তাহাদের কাছে প্রণিপাত করিত; এইরূপে তাহাদের পিতৃপুরুষেরা সদাপ্রভুর আজ্ঞা পালন করিয়া যে পথে গমন করিতেন, তাহারা তদনুসারে না করিয়া সেই পথ হইতে শীঘ্রই ফিরিল।

18. और जब जब यहोवा उनके लिये न्यायी को ठहराता तब तब वह उस न्यायी के संग रहकर उसके जीवन भर उन्हें शत्रुओं के हाथ से छुड़ाता था; क्योंकि यहोवा उनका कराहना जो अन्धेर और उपद्रव करनेवालों के कारण होता था सुनकर दु:खी था।

18. আর সদাপ্রভু যখন তাহাদের জন্য বিচারকর্ত্তা উৎপন্ন করিতেন, তখন সদাপ্রভু বিচারকর্ত্তার সঙ্গে সঙ্গে থাকিয়া বিচারকর্ত্তার সমস্ত জীবনকালে শত্রুদের হস্ত হইতে তাহাদিগকে নিস্তার করিতেন, কারণ উপদ্রব ও তাড়নাকারিগণের সমক্ষে তাহাদের কাতরোক্তি প্রযুক্ত সদাপ্রভু করুণাবিষ্ট হইতেন।

19. परन्तु जब न्यायी मर जाता, तब वे फिर पराये देवताओं के पीछे चलकर उनकी उपासना करते, और उन्हें दण्डवत् करके अपने पुरखाओं से अधिक बिगड़ जाते थे; और अपने बुरे कामों और हठीली चाल को नहीं छोड़ते थे।

19. কিন্তু সেই বিচারকর্ত্তা মরিলেই তাহারা ফিরিত, পিতৃপুরুষদের অপেক্ষা আরও ভ্রষ্ট হইয়া পড়িত, অন্য দেবগণের অনুগামী হইয়া তাহাদের সেবা করিত, ও তাহাদের কাছে প্রণিপাত করিত; আপন আপন কর্ম্ম ও স্বেচ্ছাচারিতার কিছুই ছাড়িত না।

20. इसलिये यहोवा का कोप इस्राएल पर भड़क उठा; और उस ने कहा, इस जाति ने उस वाचा को जो मैं ने उनके पूर्वजों से बान्धी थी तोड़ दिया, और मेरी बात नहीं मानी,

20. তাহাতে ইস্রায়েলের বিরুদ্ধে সদাপ্রভুর ক্রোধ প্রজ্বলিত হইল, তিনি কহিলেন, আমি ইহাদের পিতৃপুরুষদিগকে যে নিয়ম পালনের আজ্ঞা দিয়াছিলাম, এই জাতি তাহা লঙ্ঘন করিয়াছে, আমার রবে কর্ণপাত করে নাই;

21. इस कारण जिन जातियों को यहोशू मरते समय छोड़ गया है उन में से मैं अब किसी को उनके साम्हने से न निकालूंगा;

21. অতএব যিহোশূয় মরণকালে যে যে জাতিকে অবশিষ্ট রাখিয়াছে, আমিও ইহাদের সম্মুখ হইতে তাহাদের কাহাকেও অধিকারচ্যুত করিব না।

22. जिस से उनके द्वारा मैं इस्राएलियों की परीक्षा करूं, कि जैसे उनके पूर्वज मेरे मार्ग पर चलते थे वैसे ही ये भी चलेंगे कि नहीं।

22. তাহাদের পিতৃপুরুষেরা যেমন সদাপ্রভুর পথে গমন করিয়া তাঁহার আজ্ঞা পালন করিত, তাহারাও তদ্রূপ করিবে কি না, এই বিষয়ে ঐ জাতিগণের দ্বারা ইস্রায়েলের পরীক্ষা লইব।

23. इसलिये यहोवा ने उन जातियों को एकाएक न निकाला, वरन रहने दिया, और उस ने उन्हें यहोशू के हाथ में भी उनको न सौंपा था।।

23. এই জন্য সদাপ্রভু সেই জাতিদিগকে শীঘ্র অধিকারচ্যুত না করিয়া অবশিষ্ট রাখিলেন; যিহোশূয়ের হস্তেও সমর্পণ করেন নাই।



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