9. जब वह पुरूष अपनी सुरैतिन और सेवक समेत विदा होने को उठा, तब उसके ससुर अर्थात् स्त्री के पिता ने उस से कहा, देख दिन तो ढला चला है, और सांझ होने पर है; इसलिये तुम लोग रात भर टिके रहो। देख, दिन तो डूबने पर है; सो यहीं आनन्द करता हुआ रात बिता, और बिहान को सवेरे उठकर अपना मार्ग लेना, और अपने डेरे को चले जाना।
9. And the man riseth to go, he and his concubine, and his young man, and his father-in-law, father of the young woman, saith to him, 'Lo, I pray thee, the day hath fallen toward evening, lodge all night, I pray thee; lo, the declining of the day! lodge here, and let thine heart be glad -- and ye have risen early to-morrow for your journey, and thou hast gone to thy tent.'