Judges - न्यायियों 13 | View All

1. और इस्राएलियों ने फिर यहोवा की दृष्टि में बुरा किया; इसलिये यहोवा ने उनको पलिश्तियों के वश में चालीस वर्ष के लिये रखा।।

1. Now the sons of Israel again did evil in the sight of the LORD, so that the LORD gave them into the hands of the Philistines forty years.

2. दानियों के कुल का सोरावासी मानोह नाम एक पुरूष था, जिसकी पत्नी के बांझ होने के कारण कोई पुत्रा न था।

2. There was a certain man of Zorah, of the family of the Danites, whose name was Manoah; and his wife was barren and had borne no [children].

3. इस स्त्री को यहोवा के दूत ने दर्शन देकर कहा, सुन, बांझ होने के कारण तेरे बच्चा नहीं; परन्तु अब तू गर्भवती होगी और तेरे बेटा होगा।
लूका 1:31

3. Then the angel of the LORD appeared to the woman and said to her, 'Behold now, you are barren and have borne no [children], but you shall conceive and give birth to a son.

4. इसलिये अब सावधान रह, कि न तो तू दाखमधु वा और किसी भांति की मदिरा पीए, और न कोई अशुद्ध वस्तु खाए,
लूका 1:15

4. 'Now therefore, be careful not to drink wine or strong drink, nor eat any unclean thing.

5. क्योंकि तू गर्भवती होगी और तेरे एक बेटा उत्पन्न होगा। और उसके सिर पर छूरा न फिरे, क्योंकि वह जन्म ही से परमेश्वर का नाजीर रहेगा; और इस्राएलियों को पलिश्तियों के हाथ से छुड़ाने में वहीं हाथ लगाएगा।
मत्ती 2:23

5. 'For behold, you shall conceive and give birth to a son, and no razor shall come upon his head, for the boy shall be a Nazirite to God from the womb; and he shall begin to deliver Israel from the hands of the Philistines.'

6. उस स्त्री ने अपने पति के पास जाकर कहा, परमेश्वर का एक जन मेरे पास आया था जिसका रूप परमेश्वर के दूत का सा अति भययोग्य था; और मैं ने उस से न पूछा कि तू कहां का है? और न उस ने मुझे अपना नाम बताया;

6. Then the woman came and told her husband, saying, 'A man of God came to me and his appearance was like the appearance of the angel of God, very awesome. And I did not ask him where he [came] from, nor did he tell me his name.

7. परन्तु उस ने मुझ से कहा, सुन तू गर्भवती होगी और तेरे एक बेटा होगा; इसलिये अब न तो दाखमधु वा और किसी भांति की मदिरा पीना, और न कोई अशुद्ध वस्तु खाना, क्योंकि वह लड़का जन्म से मरण के दिन तक परमेश्वर का नाजीर रहेगा।
मत्ती 2:23

7. 'But he said to me, 'Behold, you shall conceive and give birth to a son, and now you shall not drink wine or strong drink nor eat any unclean thing, for the boy shall be a Nazirite to God from the womb to the day of his death.''

8. तब मानोह ने यहोवा से यह बिनती की, कि हे प्रभु, बिनती सुन, परमेश्वर का वह जन जिसे तू ने भेजा था फिर हमारे पास आए, और हमें सिखलाए कि जो बालक उत्पन्न होनेवाला है उस से हम क्या क्या करें।

8. Then Manoah entreated the LORD and said, 'O Lord, please let the man of God whom You have sent come to us again that he may teach us what to do for the boy who is to be born.'

9. मानोह की यह बात परमेश्वर ने सुन ली, इसलिये जब वह स्त्री मैदान में बैठी थी, और उसका पति मानोह उसके संग न था, तब परमेश्वर का वही दूत उसके पास आया।

9. God listened to the voice of Manoah; and the angel of God came again to the woman as she was sitting in the field, but Manoah her husband was not with her.

10. तब उस स्त्री ने झट दौड़कर अपने पति को यह समाचार दिया, कि जो पुरूष उस दिन मेरे पास आया था उसी ने मुझे दर्शन दिया है।

10. So the woman ran quickly and told her husband, 'Behold, the man who came the [other] day has appeared to me.'

11. यह सुनते ही मानोह उठकर अपनी पत्नी के पीछे चला, और उस पुरूष के पास आकर पूछा, कि क्या तू वही पुरूष है जिसने इस स्त्री से बातें की थीं? उस ने कहा, मैं वही हूं।

11. Then Manoah arose and followed his wife, and when he came to the man he said to him, 'Are you the man who spoke to the woman?' And he said, 'I am.'

12. मानोह ने कहा, जब तेरे वचन पूरे हो जाएं तो, उस बालक का कैसा ढंग और उसका क्या काम होगा?

12. Manoah said, 'Now when your words come [to pass], what shall be the boy's mode of life and his vocation?'

13. यहोवा के दूत ने मानोह से कहा, जितनी वस्तुओं की चर्चा मैं ने इस स्त्री से की थी उन सब से यह परे रहे।

13. So the angel of the LORD said to Manoah, 'Let the woman pay attention to all that I said.

14. यह कोई वस्तु जो दाखलता से उत्पन्न होती है न खाए, और न दाखमधु वा और किसी भंाति की मदिरा पीए, और न कोई अशुद्ध वस्तु खाए; जो जो आज्ञा मैं ने इसको दी थी उसी को माने।

14. 'She should not eat anything that comes from the vine nor drink wine or strong drink, nor eat any unclean thing; let her observe all that I commanded.'

15. मानोह ने यहोवा के दूत से कहा, हम तुझ को रोक लें, कि तेरे लिये बकरी का एक बच्चा पकाकर तैयार करें।

15. Then Manoah said to the angel of the LORD, 'Please let us detain you so that we may prepare a young goat for you.'

16. यहोवा के दूत ने मानोह से कहा, चाहे तू मुझे रोक रखे, परन्तु मैं तेरे भोजन में से कुछ न खाऊंगा; और यदि तू होमबलि करना चाहे तो यहोवा ही के लिये कर। (मानोह तो न जानता था, कि यह यहोवा का दूत है।)

16. The angel of the LORD said to Manoah, 'Though you detain me, I will not eat your food, but if you prepare a burnt offering, [then] offer it to the LORD.' For Manoah did not know that he was the angel of the LORD.

17. मानोह ने यहोवा के दूत से कहा, अपना नाम बता, इसलिये कि जब तेरी बातें पूरी हों तब हम तेरा आदरमान कर सकें।

17. Manoah said to the angel of the LORD, 'What is your name, so that when your words come [to pass], we may honor you?'

18. यहोवा के दूत ने उस से कहा, मेरा नाम तो अद्भुत है, इसलिये तू उसे क्यों पूछता है?

18. But the angel of the LORD said to him, 'Why do you ask my name, seeing it is wonderful?'

19. तब मानोह ने अन्नबलि समेत बकरी का एक बच्चा लेकर चट्टान पर यहोवा के लिये चढ़ाया तब उस दूत ने मानोह और उसकी पत्नी के देखते देखते एक अद्भुत काम किया।

19. So Manoah took the young goat with the grain offering and offered it on the rock to the LORD, and He performed wonders while Manoah and his wife looked on.

20. अर्थात् जब लौ उस वेदी पर से आकाश की ओर उठ रही थी, तब यहोवा का दूत उस वेदी की लौ में होकर मानोह और उसकी पत्नी के देखते देखते चढ़ गया; तब वे भूमि पर मुंह के बल गिरे।

20. For it came about when the flame went up from the altar toward heaven, that the angel of the LORD ascended in the flame of the altar. When Manoah and his wife saw [this], they fell on their faces to the ground.

21. परन्तु यहोवा के दूत ने मानोह और उसकी पत्नी को फिर कभी दर्शन न दिया। तब मानोह ने जान लिया कि वह यहोवा का दूत था।

21. Now the angel of the LORD did not appear to Manoah or his wife again. Then Manoah knew that he was the angel of the LORD.

22. तब मानोह ने अपनी पत्नी से कहा, हम निश्चय मर जाएंगे, क्योंकि हम ने परमेश्वर का दर्शन पाया है।

22. So Manoah said to his wife, 'We will surely die, for we have seen God.'

23. उसकी पत्नी ने उस से कहा, यदि यहोवा हमें मार डालना चाहता, तो हमारे हाथ से होमबलि और अन्नबलि ग्रहण न करता, और न वह ऐसी सब बातें हम को दिखाता, और न वह इस समय हमें ऐसी बातें सुनाता।

23. But his wife said to him, 'If the LORD had desired to kill us, He would not have accepted a burnt offering and a grain offering from our hands, nor would He have shown us all these things, nor would He have let us hear [things] like this at this time.'

24. और उस स्त्री के एक बेटा उत्पन्न हुआ, और उसका नाम शिमशोन रखा; और वह बालक बढ़ता गया, और यहोवा उसको आशीष देता रहा।

24. Then the woman gave birth to a son and named him Samson; and the child grew up and the LORD blessed him.

25. और यहोवा का आत्मा सोरा और एशताओल के बीच महनदान में उसको उभारने लगा।।

25. And the Spirit of the LORD began to stir him in Mahaneh-dan, between Zorah and Eshtaol.



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