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1. फिर मैं ने दृष्टि की, और देखो, वह मेम्ना सिरयोन पहाड़ पर खड़ा है, और उसके साथ एक लाख चौआलीस हजार जन हैं, जिन के माथे पर उसका और उसके पिता का नाम लिखा हुआ है।यहेजकेल 9:4
1. Then I looked, and behold, on Mount Zion stood the Lamb, and with him 144,000 who had his name and his Father's name written on their foreheads.
2. और स्वर्ग से मुझे एक ऐसा शब्द सुनाई दिया, जो जल की बहुत धाराओं और बड़े गर्जन का सा शब्द था, और जो शब्द मैं ने सुना; वह ऐसा था, मानो वीणा बजानेवाले वीणा बजाते हों।यहेजकेल 1:24, यहेजकेल 43:2, दानिय्येल 10:6, योएल 3:13
2. And I heard a voice from heaven like the roar of many waters and like the sound of loud thunder. The voice I heard was like the sound of harpists playing on their harps,
3. और वे सिंहासन के साम्हने और चारों प्राणियों और प्राचीनों के साम्हने मानो, यह नया गीत गा रहे थे, और उन एक लाख चौआलीस हजार जनो को छोड़ जो मोल लिए गए थे, कोई वह गीत न सीख सकता था।भजन संहिता 33:3, भजन संहिता 40:3, भजन संहिता 96:1, भजन संहिता 98:1, भजन संहिता 144:9, भजन संहिता 149:1, यशायाह 42:10
3. and they were singing a new song before the throne and before the four living creatures and before the elders. No one could learn that song except the 144,000 who had been redeemed from the earth.
4. ये वे हैं, जो स्त्रियों के साथ अशुद्ध नहीं हुए, पर कुंवारे हैं: ये वे ही हैं, कि जहां कहीं मेम्ना जाता है, वे उसके पीछे हो लेते हैं: ये तो परमेश्वर के निमित्त पहिले फल होने के लिये मनुष्यों में से मोल लिए गए हैं।
4. It is these who have not defiled themselves with women, for they are virgins. It is these who follow the Lamb wherever he goes. These have been redeemed from mankind as firstfruits for God and the Lamb,
5. और उन के मुंह से कभी झूठ न निकला था, वे निर्दोष हैं।।भजन संहिता 32:2, यशायाह 53:9, सपन्याह 3:13
5. and in their mouth no lie was found, for they are blameless.
6. फिर मैं ने एक और स्वर्गदूत को आकाश के बीच में उड़ते हुए देखा जिस के पास पृथ्वी पर के रहनेवालों की हर एक जाति, और कुल, और भाषा, और लोगों को सुनाने के लिये सनातन सुसमाचार था।
6. Then I saw another angel flying directly overhead, with an eternal gospel to proclaim to those who dwell on earth, to every nation and tribe and language and people.
7. और उस ने बड़े शब्द से कहा; परमेश्वर से डरो; और उस की महिमा करो; क्योंकि उसके न्याय करने का समय आ पहुंचा है, और उसका भजन करो, जिस ने स्वर्ग और पृथ्वी और समुद्र और जल के सोते बनाए।।निर्गमन 20:11, भजन संहिता 146:6
7. And he said with a loud voice, 'Fear God and give him glory, because the hour of his judgment has come, and worship him who made heaven and earth, the sea and the springs of water.'
8. फिर इस के बाद एक और दूसरा स्वर्गदूत यह कहता हुआ आया, कि गिर पड़ा, वह बड़ा बाबुल गिर पड़ा जिस ने अपने व्यभिचार की कोपमय मदिरा सारी जातियों को पिलाई है।।यशायाह 21:9, यिर्मयाह 51:7, यिर्मयाह 51:8, दानिय्येल 4:30
8. Another angel, a second, followed, saying, 'Fallen, fallen is Babylon the great, she who made all nations drink the wine of the passion of her sexual immorality.'
9. फिर इन के बाद एक और स्वर्गदूत बड़े शब्द से यह कहता हुआ आया, कि जो कोई उस पशु और उस की मूरत की पूजा करे, और अपने माथे या अपने हाथ पर उस की छाप ले।
9. And another angel, a third, followed them, saying with a loud voice, 'If anyone worships the beast and its image and receives a mark on his forehead or on his hand,
10. तो वह परमेश्वर का प्रकोप की निरी मदिरा जो उसके क्रोध के कटोरे में डाली गई है, पीएगा और पवित्रा स्वर्गदूतों के साम्हने, और मेम्ने के साम्हने आग और गन्धक की पीड़ा में पड़ेगा।उत्पत्ति 19:24, भजन संहिता 11:6, भजन संहिता 75:8, यशायाह 51:17, यिर्मयाह 25:15, यहेजकेल 38:22
10. he also will drink the wine of God's wrath, poured full strength into the cup of his anger, and he will be tormented with fire and sulfur in the presence of the holy angels and in the presence of the Lamb.
11. और उन की पीड़ा का धुआं युगानुयुग उठता रहेगा, और जो उस पशु और उस की मूरत की पूजा करते हैं, और जो उसके नाम ही छाप लेते हैं, उन को रात दिन चैन न मिलेगा।यशायाह 34:10
11. And the smoke of their torment goes up forever and ever, and they have no rest, day or night, these worshipers of the beast and its image, and whoever receives the mark of its name.'
12. पवित्रा लोगों का धीरज इसी में है, जो परमेश्वर की आज्ञाओं को मानते, और यीशु पर विश्वास रखते हैं।।
12. Here is a call for the endurance of the saints, those who keep the commandments of God and their faith in Jesus.
13. और मैं ने स्वर्ग से यह शब्द सुना, कि लिख; जो मुरदे प्रभु में मरते हैं, वे अब से धन्य हैं, आत्मा कहता है, हां क्योंकि वे अपने परिश्रमों से विश्राम पाएंगे, और उन के कारर्य उन के साथ हो लेते हैं।।
13. And I heard a voice from heaven saying, 'Write this: Blessed are the dead who die in the Lord from now on.' 'Blessed indeed,' says the Spirit, 'that they may rest from their labors, for their deeds follow them!'
14. और मैं ने दृष्टि की, और देखो, एक उजला बादल है, और उस बादल पर मनुष्य के पुत्रा सरीखा कोई बैठा है, जिस के सिर पर सोने का मुकुट और हाथ में चोखा हंसुआ है।दानिय्येल 10:16
14. Then I looked, and behold, a white cloud, and seated on the cloud one like a son of man, with a golden crown on his head, and a sharp sickle in his hand.
15. फिर एक और स्वर्गदूत ने मन्दिर में से निकलकर, उस से जो बादल पर बैठा था, बड़े शब्द से पुकारकर कहा, कि अपना हंसुआ लगाकर लवनी कर, क्योंकि लवने का समय आ पंहुचा है, इसलिये कि पृथ्वी की खेती पक चुकी है।योएल 3:13
15. And another angel came out of the temple, calling with a loud voice to him who sat on the cloud, 'Put in your sickle, and reap, for the hour to reap has come, for the harvest of the earth is fully ripe.'
16. सो जो बादल पर बैठा था, उस ने पृथ्वी पर अपना हंसुआ लगाया, और पृथ्वी की लवनी की गई।।
16. So he who sat on the cloud swung his sickle across the earth, and the earth was reaped.
17. फिर एक और स्वर्गदूत उस मन्दिर में से निकला, जो स्वर्ग में है, और उसके पास भी चोखा हंसुआ था।
17. Then another angel came out of the temple in heaven, and he too had a sharp sickle.
18. फिर एक और स्वर्गदूत जिस आग पर अधिकार था, वेदी में से निकला, और जिस के पास चोखा हंसुआ था, उस से ऊंचे शब्द से कहा; अपना चोखा हंसुआ लगाकर पृथ्वी की दाख लता के गुच्छे काट ले; क्योंकि उस की दाख पक चुकी है।योएल 3:13
18. And another angel came out from the altar, the angel who has authority over the fire, and he called with a loud voice to the one who had the sharp sickle, 'Put in your sickle and gather the clusters from the vine of the earth, for its grapes are ripe.'
19. और उस स्वर्गदूत ने पृथ्वी पर अपना हंसुआ डाला, और पृथ्वी की दाख लता का फल काटकर, अपने परमेश्वर के प्रकोप के बड़े रस के कुण्ड में डाल दिया।
19. So the angel swung his sickle across the earth and gathered the grape harvest of the earth and threw it into the great winepress of the wrath of God.
20. और नगर के बाहर उस रस कुण्ड में दाख रौंदे गए, और रस कुण्ड में से इतना लोहू निकला कि घोड़ों के लगामों तक पहुंचा, और सौ कोस तक बह गया।।यशायाह 63:3, विलापगीत 1:15
20. And the winepress was trodden outside the city, and blood flowed from the winepress, as high as a horse's bridle, for 1,600 stadia.