Revelation - प्रकाशितवाक्य 14 | View All

1. फिर मैं ने दृष्टि की, और देखो, वह मेम्ना सिरयोन पहाड़ पर खड़ा है, और उसके साथ एक लाख चौआलीस हजार जन हैं, जिन के माथे पर उसका और उसके पिता का नाम लिखा हुआ है।
यहेजकेल 9:4

1. And I saw, and behold, the Lamb standing on the mount Zion, and with him a hundred and forty and four thousand, having his name, and the name of his Father, written on their foreheads.

2. और स्वर्ग से मुझे एक ऐसा शब्द सुनाई दिया, जो जल की बहुत धाराओं और बड़े गर्जन का सा शब्द था, और जो शब्द मैं ने सुना; वह ऐसा था, मानो वीणा बजानेवाले वीणा बजाते हों।
यहेजकेल 1:24, यहेजकेल 43:2, दानिय्येल 10:6, योएल 3:13

2. And I heard a voice from heaven, as the voice of many waters, and as the voice of a great thunder: and the voice which I heard {cf15i was} as {cf15i the voice} of harpers harping with their harps:

3. और वे सिंहासन के साम्हने और चारों प्राणियों और प्राचीनों के साम्हने मानो, यह नया गीत गा रहे थे, और उन एक लाख चौआलीस हजार जनो को छोड़ जो मोल लिए गए थे, कोई वह गीत न सीख सकता था।
भजन संहिता 33:3, भजन संहिता 40:3, भजन संहिता 96:1, भजन संहिता 98:1, भजन संहिता 144:9, भजन संहिता 149:1, यशायाह 42:10

3. and they sing as it were a new song before the throne, and before the four living creatures and the elders: and no man could learn the song save the hundred and forty and four thousand, {cf15i even} they that had been purchased out of the earth.

4. ये वे हैं, जो स्त्रियों के साथ अशुद्ध नहीं हुए, पर कुंवारे हैं: ये वे ही हैं, कि जहां कहीं मेम्ना जाता है, वे उसके पीछे हो लेते हैं: ये तो परमेश्वर के निमित्त पहिले फल होने के लिये मनुष्यों में से मोल लिए गए हैं।

4. These are they which were not defiled with women; for they are virgins. These {cf15i are} they which follow the Lamb whithersoever he goeth. These were purchased from among men, {cf15i to be} the firstfruits unto God and unto the Lamb.

5. और उन के मुंह से कभी झूठ न निकला था, वे निर्दोष हैं।।
भजन संहिता 32:2, यशायाह 53:9, सपन्याह 3:13

5. And in their mouth was found no lie: they are without blemish.

6. फिर मैं ने एक और स्वर्गदूत को आकाश के बीच में उड़ते हुए देखा जिस के पास पृथ्वी पर के रहनेवालों की हर एक जाति, और कुल, और भाषा, और लोगों को सुनाने के लिये सनातन सुसमाचार था।

6. And I saw another angel flying in mid heaven, having an eternal gospel to proclaim unto them that dwell on the earth, and unto every nation and tribe and tongue and people;

7. और उस ने बड़े शब्द से कहा; परमेश्वर से डरो; और उस की महिमा करो; क्योंकि उसके न्याय करने का समय आ पहुंचा है, और उसका भजन करो, जिस ने स्वर्ग और पृथ्वी और समुद्र और जल के सोते बनाए।।
निर्गमन 20:11, भजन संहिता 146:6

7. and he saith with a great voice, Fear God, and give him glory; for the hour of his judgment is come: and worship him that made the heaven and the earth and sea and fountains of waters.

8. फिर इस के बाद एक और दूसरा स्वर्गदूत यह कहता हुआ आया, कि गिर पड़ा, वह बड़ा बाबुल गिर पड़ा जिस ने अपने व्यभिचार की कोपमय मदिरा सारी जातियों को पिलाई है।।
यशायाह 21:9, यिर्मयाह 51:7, यिर्मयाह 51:8, दानिय्येल 4:30

8. And another, a second angel, followed, saying, Fallen, fallen is Babylon the great, which hath made all the nations to drink of the wine of the wrath of her fornication.

9. फिर इन के बाद एक और स्वर्गदूत बड़े शब्द से यह कहता हुआ आया, कि जो कोई उस पशु और उस की मूरत की पूजा करे, और अपने माथे या अपने हाथ पर उस की छाप ले।

9. And another angel, a third, followed them, saying with a great voice, If any man worshippeth the beast and his image, and receiveth a mark on his forehead, or upon his hand,

10. तो वह परमेश्वर का प्रकोप की निरी मदिरा जो उसके क्रोध के कटोरे में डाली गई है, पीएगा और पवित्रा स्वर्गदूतों के साम्हने, और मेम्ने के साम्हने आग और गन्धक की पीड़ा में पड़ेगा।
उत्पत्ति 19:24, भजन संहिता 11:6, भजन संहिता 75:8, यशायाह 51:17, यिर्मयाह 25:15, यहेजकेल 38:22

10. he also shall drink of the wine of the wrath of God, which is prepared unmixed in the cup of his anger; and he shall be tormented with fire and brimstone in the presence of the holy angels, and in the presence of the Lamb:

11. और उन की पीड़ा का धुआं युगानुयुग उठता रहेगा, और जो उस पशु और उस की मूरत की पूजा करते हैं, और जो उसके नाम ही छाप लेते हैं, उन को रात दिन चैन न मिलेगा।
यशायाह 34:10

11. and the smoke of their torment goeth up for ever and ever; and they have no rest day and night, they that worship the beast and his image, and whoso receiveth the mark of his name.

12. पवित्रा लोगों का धीरज इसी में है, जो परमेश्वर की आज्ञाओं को मानते, और यीशु पर विश्वास रखते हैं।।

12. Here is the patience of the saints, they that keep the commandments of God, and the faith of Jesus.

13. और मैं ने स्वर्ग से यह शब्द सुना, कि लिख; जो मुरदे प्रभु में मरते हैं, वे अब से धन्य हैं, आत्मा कहता है, हां क्योंकि वे अपने परिश्रमों से विश्राम पाएंगे, और उन के कारर्य उन के साथ हो लेते हैं।।

13. And I heard a voice from heaven saying, Write, Blessed are the dead which die in the Lord from henceforth: yea, saith the Spirit, that they may rest from their labours; for their works follow with them.

14. और मैं ने दृष्टि की, और देखो, एक उजला बादल है, और उस बादल पर मनुष्य के पुत्रा सरीखा कोई बैठा है, जिस के सिर पर सोने का मुकुट और हाथ में चोखा हंसुआ है।
दानिय्येल 10:16

14. And I saw, and behold, a white cloud; and on the cloud {cf15i I saw} one sitting like unto a son of man, having on his head a golden crown, and in his hand a sharp sickle.

15. फिर एक और स्वर्गदूत ने मन्दिर में से निकलकर, उस से जो बादल पर बैठा था, बड़े शब्द से पुकारकर कहा, कि अपना हंसुआ लगाकर लवनी कर, क्योंकि लवने का समय आ पंहुचा है, इसलिये कि पृथ्वी की खेती पक चुकी है।
योएल 3:13

15. And another angel came out from the temple, crying with a great voice to him that sat on the cloud, Send forth thy sickle, and reap: for the hour to reap is come; for the harvest of the earth is overripe.

16. सो जो बादल पर बैठा था, उस ने पृथ्वी पर अपना हंसुआ लगाया, और पृथ्वी की लवनी की गई।।

16. And he that sat on the cloud cast his sickle upon the earth; and the earth was reaped.

17. फिर एक और स्वर्गदूत उस मन्दिर में से निकला, जो स्वर्ग में है, और उसके पास भी चोखा हंसुआ था।

17. And another angel came out from the temple which is in heaven, he also having a sharp sickle.

18. फिर एक और स्वर्गदूत जिस आग पर अधिकार था, वेदी में से निकला, और जिस के पास चोखा हंसुआ था, उस से ऊंचे शब्द से कहा; अपना चोखा हंसुआ लगाकर पृथ्वी की दाख लता के गुच्छे काट ले; क्योंकि उस की दाख पक चुकी है।
योएल 3:13

18. And another angel came out from the altar, he that hath power over fire; and he called with a great voice to him that had the sharp sickle, saying, Send forth thy sharp sickle, and gather the clusters of the vine of the earth; for her grapes are fully ripe.

19. और उस स्वर्गदूत ने पृथ्वी पर अपना हंसुआ डाला, और पृथ्वी की दाख लता का फल काटकर, अपने परमेश्वर के प्रकोप के बड़े रस के कुण्ड में डाल दिया।

19. And the angel cast his sickle into the earth, and gathered the vintage of the earth, and cast it into the winepress, the great {cf15i winepress}, of the wrath of God.

20. और नगर के बाहर उस रस कुण्ड में दाख रौंदे गए, और रस कुण्ड में से इतना लोहू निकला कि घोड़ों के लगामों तक पहुंचा, और सौ कोस तक बह गया।।
यशायाह 63:3, विलापगीत 1:15

20. And the winepress was trodden without the city, and there came out blood from the winepress, even unto the bridles of the horses, as far as a thousand and six hundred furlongs.



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