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1. फिर इस्राएलियों को सारी मण्डली ने शीलो में इकट्ठी होकर वहां मिलापवाले तम्बू को खड़ा किया; क्योंकि देश उनके वश में आ गया था।प्रेरितों के काम 7:45
1. পরে ইস্রায়েল-সন্তানগণের সমস্ত মণ্ডলী শীলোতে সমাগত হইয়া সেই স্থানে সমাগম-তাম্বু স্থাপন করিল; দেশ তাহাদের সম্মুখে পরাজিত ছিল।
2. और इस्राएलियों में से सात गोत्रों के लोग अपना अपना भाग बिना पाये रह गए थे।
2. ঐ সময়ে ইস্রায়েল-সন্তানগণের মধ্যে সাত বংশ অবশিষ্ট ছিল, যাহারা আপন আপন অধিকার ভাগ করিয়া লয় নাই।
3. तब यहोशू ने इस्राएलियों से कहा, जो देश तुम्हारे पूर्वजों के परमेश्वर यहोवा ने तुम्हें दिया है, उसे अपने अधिकार में कर लेने में तुम कब तक ढिलाई करते रहोगे?
3. যিহোশূয় ইস্রায়েল-সন্তানগণকে কহিলেন, তোমাদের পিতৃপুরুষদের ঈশ্বর সদাপ্রভু তোমাদিগকে যে দেশ দিয়াছেন, সেই দেশে গিয়া তাহা অধিকার করিতে তোমরা আর কত কাল শিথিল থাকিবে?
4. अब प्रति गोत्रा के पीछे तीन मनुष्य ठहरा लो, और मैं उन्हें इसलिये भेजूंगा कि वे चलकर देश में घूमें फिरें, और अपने अपने गोत्रा के भाग के प्रयोजन के अनुसार उसका हाल लिख लिखकर मेरे पास लौट आएं।
4. তোমরা আপনাদের এক এক বংশের মধ্য হইতে তিন তিন জনকে দেও; আমি তাহাদিগকে প্রেরণ করিব, তাহারা উঠিয়া দেশের সর্ব্বত্র ভ্রমণ করিবে, এবং প্রত্যেকের অধিকারানুসারে তাহার বর্ণনা লিখিয়া লইয়া আমার নিকটে ফিরিয়া আসিবে।
5. और वे देश के सात भाग लिखें, यहूदी तो दक्खिन की ओर अपने भाग में, और यूसुफ के घराने के लोग उत्तर की ओर अपने भाग में रहें।
5. তাহারা তাহা সাত অংশ করিবে; দক্ষিণদিকে আপন সীমাতে যিহূদা থাকিবে, এবং উত্তরদিকে আপন সীমাতে যোষেফের কুল থাকিবে।
6. और तुम देश के सात भाग लिखकर मेरे पास ले आओ; और मैं यहां तुम्हारे लिये अपने परमेश्वर यहोवा के साम्हने चिट्ठी डालूंगा।
6. তোমরা দেশটী সাত অংশ করিয়া তাহার বর্ণনা লিখিয়া আমার কাছে আনিবে; আমি এই স্থানে আমাদের ঈশ্বর সদাপ্রভুর সাক্ষাতে তোমাদের নিমিত্তে গুলিবাঁট করিব।
7. और लेवियों का तुम्हारे मध्य में कोई भाग न होगा, क्योंकि यहोवा का दिया हुआ याजकपद ही उनका भाग है; और गाद, रूबेन, और मनश्शे के आधे गोत्रा के लोग यरदन के पूर्व की ओर यहोवा के दास मूसा का दिया हुआ अपना अपना भाग पा चुके हैं।
7. কারণ তোমাদের মধ্যে লেবীয়দের কোন অংশ নাই, কেননা সদাপ্রভুর যাজকত্বপদ তাহাদের অধিকার; আর গাদ ও রূবেণ, এবং মনঃশির অর্দ্ধ বংশ যর্দ্দনের পূর্ব্বপারে সদাপ্রভুর দাস মোশির দত্ত আপনাদের অধিকার পাইয়াছে।
8. तो वे पुरूष उठकर चल दिए; और जो उस देश का हाल लिखने को चले उन्हें यहोशू ने यह आज्ञा दी, कि जाकर देश में घूमो फिरो, और उसका हाल लिखकर मेरे पास लौट आओ; और मैं यहां शिलों में यहोवा के साम्हने तुम्हारे लिये चिट्ठी डालूंगा।
8. পরে সেই লোকেরা উঠিয়া যাত্রা করিল; আর যাহারা সেই দেশের বর্ণনা লিখিতে গেল, যিহোশূয় তাহাদিগকে এই আজ্ঞা দিলেন, তোমরা গিয়া দেশের সর্ব্বত্র ভ্রমণ করিয়া দেশের বর্ণনা লিখিয়া লইয়া আমার নিকটে ফিরিয়া আইস; তাহাতে আমি এই শীলোতে সদাপ্রভুর সাক্ষাতে তোমাদের জন্য গুলিবাঁট করিব।
9. तब वे पुरूष चल दिए, और उस देश में घूमें, और उसके नगरों के सात भाग करके उनका हाल पुस्तक में लिखकर शीलो की छावनी में यहोशू के पास आए।
9. পরে ঐ লোকেরা গিয়া দেশের সর্ব্বত্র ভ্রমণ করিল, এবং নগরানুসারে সাত অংশ করিয়া পুস্তকে তাহার বর্ণনা লিখিল; পরে শীলোস্থিত শিবিরে যিহোশূয়ের নিকটে ফিরিয়া আসিল।
10. तब यहोशू ने शीलों में यहोवा के साम्हने उनके लिये चिटि्ठयां डालीं; और वहीं यहोशू ने इस्राएलियों को उनके भागों के अनुसार देश बांट दिया।।
10. আর যিহোশূয় শীলোতে সদাপ্রভুর সাক্ষাতে তাহাদের জন্য গুলিবাঁট করিলেন; যিহোশূয় সেই স্থানে ইস্রায়েল-সন্তানগণের বিভাগানুসারে দেশ তাহাদিগকে অংশ করিয়া দিলেন।
11. और बिन्यामीनियों के गोत्रा की चिट्ठी उनके कुलों के अनुसार निकली, और उनका भाग यहूदियों और यूसुफियों के बीच में पड़ा।
11. আর গুলিবাঁটক্রমে এক অংশ আপন আপন গোষ্ঠী অনুসারে বিন্যামীন-সন্তানগণের বংশের নামে উঠিল। গুলিবাঁটে নির্দ্দিষ্ট তাহাদের সীমা যিহূদা-সন্তানগণের ও যোষেফ-সন্তানগণের মধ্যে হইল।
12. और उनका उत्तरी सिवाना यरदन से आरम्भ हुआ, और यरीहो की उत्तर अलंग से चढ़ते हुए पश्चिम की ओर पहाड़ी देश में होकर बेतावेन के जंगल में निकला;
12. তাহাদের উত্তর পার্শ্বের সীমা যর্দ্দন হইতে যিরীহোর উত্তর পার্শ্ব দিয়া গেল, পরে পর্ব্বতময় প্রদেশের মধ্য দিয়া পশ্চিমদিকে বৈৎ-আবনের প্রান্তর পর্য্যন্ত গেল।
13. वहां से वह लूज को पहुंचा (जो बेतेल भी कहलाता है), और लूज की दक्खिन अलंग से होते हुए निचले बेथोरोन की दक्खिन ओर के पहाड़ के पास हो अत्रोतस्रार को उतर गया।
13. তথা হইতে ঐ সীমা লূসে, দক্ষিণদিকে লূসের অর্থাৎ বৈথেলের পার্শ্ব পর্য্যন্ত গেল; এবং নিম্নতর বৈৎ-হোরোণের দক্ষিণে স্থিত পর্ব্বত দিয়া অটারোৎ-অদ্দরের দিকে নামিয়া গেল।
14. फिर पश्चिमी सिवाना मुड़के बेथोरोन के साम्हने और उसकी दक्खिन ओर के पहाड़ से होते हुए किर्यतबाल नाम यहूदियों के एक नगर पर निकला (जो किर्यत्यारीम भी कहलाता है); पश्चिम का सिवाना यही ठहरा।
14. তথা হইতে ঐ সীমা ফিরিয়া পশ্চিম পার্শ্বে, বৈৎ-হোরোণের দক্ষিণে স্থিত পর্ব্বত হইতে দক্ষিণদিকে গেল; আর যিহূদা-সন্তানগণের কিরিয়ৎ-বাল অর্থাৎ কিরিয়ৎ-যিয়ারীম নামক নগর পর্য্যন্ত গেল; ইহা পশ্চিম পার্শ্ব।
15. फिर दक्खिन अलंग का सिवाना पश्चिम से आरम्भ होकर किर्यत्यारीम के सिरे से निकलकर नेप्तोह के सोते पर पहुंचा;
15. আর দক্ষিণ পার্শ্ব কিরিয়ৎ-যিয়ারীমের প্রান্ত হইতে আরম্ভ হইল, এবং সে সীমা পশ্চিমদিকে নির্গত হইয়া নিপ্তোহের জলের উনুই পর্য্যন্ত গমন করিল।
16. और उस पहाड़ के सिरे पर उतरा, जो हिन्नोम के पुत्रा की तराई के साम्हने और रपाईम नाम तराई की उत्तर ओर है; वहां से वह हिन्नोम की तराई में, अर्थात् यबूस की दक्खिन अलंग होकर एनरोगेल को उतरा;
16. আর ঐ সীমা হিম্নোম-সন্তানের উপত্যকার সম্মুখস্থ ও রফায়ীম তলভূমির উত্তরদিক্স্থ পর্ব্বতের প্রান্ত পর্য্যন্ত নামিয়া গেল, এবং হিম্নোমের উপত্যকায়, যিবূষের দক্ষিণ পার্শ্বে নামিয়া আসিয়া ঐন্-রোগেলে গেল।
17. वहां से वह उत्तर की ओर मुड़कर एनशेमेश को निकलकर उस गलीलोत की ओर गया, जो अदुम्मीम की चढ़ाई के साम्हने है, फिर वहां से वह रूबेन के पुत्रा बोहन के पत्थर तक उतर गया;
17. আর উত্তরদিকে ফিরিয়া ঐন্-শেমশে গমন করিল, এবং অদুম্মীম আরোহণ-পথের সম্মুখস্থ গলীলোতের দিকে নির্গত হইয়া রূবেণ-সন্তান বোহনের প্রস্তর পর্য্যন্ত নামিয়া গেল।
18. वहां से वह उत्तर की ओर जाकर अराबा के साम्हने के पहाड़ की अलंग से होते हुए अराबा को उतरा;
18. আর উত্তরদিকে অরাবা তলভূমির সম্মুখস্থ পার্শ্বে গিয়া অরাবা তলভূমিতে নামিয়া গেল।
19. वहां से वह सिवाना बेथोग्ला की उत्तर अलंग से जाकर खारे ताल की उत्तर ओर के कोल में यरदन के मुहाने पर निकला; दक्खिन का सिवाना यही ठहरा।
19. আর ঐ সীমা উত্তরদিকে বৈৎ-হগ্লার পার্শ্ব পর্য্যন্ত গেল; যর্দ্দনের দক্ষিণ প্রান্তস্থ লবণ-সমুদ্রের উত্তর খাড়ী সেই সীমার প্রান্ত ছিল; ইহা দক্ষিণ সীমা।
20. और पूर्व की ओर का सिवाना यरदन ही ठहरा। बिन्यामीनियों का भाग, चारों ओर के सिवानों सहित, उनके कुलों के अनुसार, यही ठहरा।
20. আর পূর্ব্ব পার্শ্বে যর্দ্দন তাহার সীমা ছিল। চারিদিকে আপন সীমা অনুসারে, আপন আপন গোষ্ঠী অনুসারে, বিন্যামীন-সন্তানগণের এই অধিকার ছিল।
21. और बिन्यामीनियों के गोत्रा को उनके कुलों के अनुसार ये नगर मिले, अर्थात् यरीहो, बेथोग्ला, एमेक्कसीस,
21. আপন আপন গোষ্ঠী অনুসারে বিন্যামীন-সন্তানগণের বংশের নগর যিরীহো বৈৎ-হগ্লা,
22. बेतराबा, समारैम, बेतेल,
22. এমক-কশিশ, বৈৎ-অরাবা, সমারয়িম,
23. अव्वीम, पारा, ओप्रा,
23. বৈথেল, অব্বীম, পারা, অফ্রা, কফরঅম্মোনী,
24. कपरम्मोनी, ओप्नी और गेबा; ये बारह नगर और इनके गांव मिले।
24. অফ্নি ও গেবা; স্ব স্ব গ্রামের সহিত বারোটি নগর।
25. फिर गिबोन, रामा, बेरोत,
25. গিবিয়োন, রামা, বেরোৎ, মিস্পী,
26. मिस्पे, कपीरा, मोसा,
26. কফীরা, মোৎসা, রেকম,
27. रेकेम, यिर्पेल, तरला,
27. [27,28] যির্পেল, তরলা, সেলা, এলফ, যিবূষ অর্থাৎ যিরূশালেম, গিবিয়াৎ ও কিরিয়ৎ; স্ব স্ব গ্রামের সহিত চৌদ্দটী নগর। আপন আপন গোষ্ঠী অনুসারে বিন্যামীন-সন্তানগণের এই অধিকার।