Joshua - यहोशू 18 | View All

1. फिर इस्राएलियों को सारी मण्डली ने शीलो में इकट्ठी होकर वहां मिलापवाले तम्बू को खड़ा किया; क्योंकि देश उनके वश में आ गया था।
प्रेरितों के काम 7:45

1. After Israel had captured the land, they met at Shiloh and set up the sacred tent.

2. और इस्राएलियों में से सात गोत्रों के लोग अपना अपना भाग बिना पाये रह गए थे।

2. There were still seven tribes without any land,

3. तब यहोशू ने इस्राएलियों से कहा, जो देश तुम्हारे पूर्वजों के परमेश्वर यहोवा ने तुम्हें दिया है, उसे अपने अधिकार में कर लेने में तुम कब तक ढिलाई करते रहोगे?

3. so Joshua told the people: The Judah tribe has already settled in its land in the south, and the Joseph tribes have settled in their land in the north. The tribes of Gad, Reuben, and East Manasseh already have the land that the LORD's servant Moses gave them east of the Jordan River. And the people of Levi won't get a single large region of the land like the other tribes. Instead, they will serve the LORD as priests. But the rest of you haven't done a thing to take over any land. The LORD God who was worshiped by your ancestors has given you the land, and now it's time to go ahead and settle there. Seven tribes still don't have any land. Each of these tribes should choose three men, and I'll send them to explore the remaining land. They will divide it into seven regions, write a description of each region, and bring these descriptions back to me. I will find out from the LORD our God what region each tribe should get.

4. अब प्रति गोत्रा के पीछे तीन मनुष्य ठहरा लो, और मैं उन्हें इसलिये भेजूंगा कि वे चलकर देश में घूमें फिरें, और अपने अपने गोत्रा के भाग के प्रयोजन के अनुसार उसका हाल लिख लिखकर मेरे पास लौट आएं।

4. (SEE 18:3)

5. और वे देश के सात भाग लिखें, यहूदी तो दक्खिन की ओर अपने भाग में, और यूसुफ के घराने के लोग उत्तर की ओर अपने भाग में रहें।

5. (SEE 18:3)

6. और तुम देश के सात भाग लिखकर मेरे पास ले आओ; और मैं यहां तुम्हारे लिये अपने परमेश्वर यहोवा के साम्हने चिट्ठी डालूंगा।

6. (SEE 18:3)

7. और लेवियों का तुम्हारे मध्य में कोई भाग न होगा, क्योंकि यहोवा का दिया हुआ याजकपद ही उनका भाग है; और गाद, रूबेन, और मनश्शे के आधे गोत्रा के लोग यरदन के पूर्व की ओर यहोवा के दास मूसा का दिया हुआ अपना अपना भाग पा चुके हैं।

7. (SEE 18:3)

8. तो वे पुरूष उठकर चल दिए; और जो उस देश का हाल लिखने को चले उन्हें यहोशू ने यह आज्ञा दी, कि जाकर देश में घूमो फिरो, और उसका हाल लिखकर मेरे पास लौट आओ; और मैं यहां शिलों में यहोवा के साम्हने तुम्हारे लिये चिट्ठी डालूंगा।

8. Just before the men left camp, Joshua repeated their orders: 'Explore the land and write a description of it. Then come back to Shiloh, and I will find out from the LORD how to divide the land.'

9. तब वे पुरूष चल दिए, और उस देश में घूमें, और उसके नगरों के सात भाग करके उनका हाल पुस्तक में लिखकर शीलो की छावनी में यहोशू के पास आए।

9. The men left and went across the land, dividing it into seven regions. They wrote down a description of each region, town by town, and returned to Joshua at the camp at Shiloh.

10. तब यहोशू ने शीलों में यहोवा के साम्हने उनके लिये चिटि्ठयां डालीं; और वहीं यहोशू ने इस्राएलियों को उनके भागों के अनुसार देश बांट दिया।।

10. Joshua found out from the LORD how to divide the land, and he told the tribes what the LORD had decided.

11. और बिन्यामीनियों के गोत्रा की चिट्ठी उनके कुलों के अनुसार निकली, और उनका भाग यहूदियों और यूसुफियों के बीच में पड़ा।

11. Benjamin was the first tribe chosen to receive land. The region for its clans lay between the Judah tribe on the south and the Joseph tribes on the north.

12. और उनका उत्तरी सिवाना यरदन से आरम्भ हुआ, और यरीहो की उत्तर अलंग से चढ़ते हुए पश्चिम की ओर पहाड़ी देश में होकर बेतावेन के जंगल में निकला;

12. Benjamin's northern border started at the Jordan River and went up the ridge north of Jericho, then on west into the hill country as far as the Beth-Aven Desert.

13. वहां से वह लूज को पहुंचा (जो बेतेल भी कहलाता है), और लूज की दक्खिन अलंग से होते हुए निचले बेथोरोन की दक्खिन ओर के पहाड़ के पास हो अत्रोतस्रार को उतर गया।

13. From there it went to Luz, which is now called Bethel. The border ran along the ridge south of Luz, then went to Ataroth-Orech and on as far as the mountain south of Lower Beth-Horon. At that point it turned south and became the western border. It went as far south as Kiriath-Baal, a town in Judah now called Kiriath-Jearim.

14. फिर पश्चिमी सिवाना मुड़के बेथोरोन के साम्हने और उसकी दक्खिन ओर के पहाड़ से होते हुए किर्यतबाल नाम यहूदियों के एक नगर पर निकला (जो किर्यत्यारीम भी कहलाता है); पश्चिम का सिवाना यही ठहरा।

14. (SEE 18:13)

15. फिर दक्खिन अलंग का सिवाना पश्चिम से आरम्भ होकर किर्यत्यारीम के सिरे से निकलकर नेप्तोह के सोते पर पहुंचा;

15. Benjamin's southern border started at the edge of Kiriath-Jearim and went east to the ruins and on to Nephtoah Spring.

16. और उस पहाड़ के सिरे पर उतरा, जो हिन्नोम के पुत्रा की तराई के साम्हने और रपाईम नाम तराई की उत्तर ओर है; वहां से वह हिन्नोम की तराई में, अर्थात् यबूस की दक्खिन अलंग होकर एनरोगेल को उतरा;

16. From there it went to the bottom of the hill at the northern end of Rephaim Valley. The other side of this hill faces Hinnom Valley, which is on the land that slopes south from Jerusalem. The border went down through Hinnom Valley until it reached Enrogel.

17. वहां से वह उत्तर की ओर मुड़कर एनशेमेश को निकलकर उस गलीलोत की ओर गया, जो अदुम्मीम की चढ़ाई के साम्हने है, फिर वहां से वह रूबेन के पुत्रा बोहन के पत्थर तक उतर गया;

17. At Enrogel the border curved north and went to Enshemesh and on east to Geliloth, which is across the valley from Adummim Pass. Then it went down to the Monument of Bohan, who belonged to the Reuben tribe.

18. वहां से वह उत्तर की ओर जाकर अराबा के साम्हने के पहाड़ की अलंग से होते हुए अराबा को उतरा;

18. The border ran along the hillside north of Beth-Arabah, then down into the Jordan River valley.

19. वहां से वह सिवाना बेथोग्ला की उत्तर अलंग से जाकर खारे ताल की उत्तर ओर के कोल में यरदन के मुहाने पर निकला; दक्खिन का सिवाना यही ठहरा।

19. Inside the valley it went south as far as the northern hillside of Beth-Hoglah. The last section of the border went from there to the northern end of the Dead Sea, at the mouth of the Jordan River.

20. और पूर्व की ओर का सिवाना यरदन ही ठहरा। बिन्यामीनियों का भाग, चारों ओर के सिवानों सहित, उनके कुलों के अनुसार, यही ठहरा।

20. The Jordan River itself was Benjamin's eastern border. These were the borders of Benjamin's tribal land, where the clans of Benjamin lived.

21. और बिन्यामीनियों के गोत्रा को उनके कुलों के अनुसार ये नगर मिले, अर्थात् यरीहो, बेथोग्ला, एमेक्कसीस,

21. One region of Benjamin's tribal land had twelve towns with their surrounding villages. Those towns were Jericho, Beth-Hoglah, Emek-Keziz, Beth-Arabah, Zemaraim, Bethel, Avvim, Parah, Ophrah, Chephar-Ammoni, Ophni, and Geba.

22. बेतराबा, समारैम, बेतेल,

22. (SEE 18:21)

23. अव्वीम, पारा, ओप्रा,

23. (SEE 18:21)

24. कपरम्मोनी, ओप्नी और गेबा; ये बारह नगर और इनके गांव मिले।

24. (SEE 18:21)

25. फिर गिबोन, रामा, बेरोत,

25. In the other region there were the following fourteen towns with their surrounding villages: Gibeon, Ramah, Beeroth, Mizpeh, Chephirah, Mozah, Rekem, Irpeel, Taralah, Zelah, Haeleph, Gibeah, Kiriath-Jearim, and Jerusalem, which is also called Jebusite Town. These regions are the tribal lands of Benjamin.

26. मिस्पे, कपीरा, मोसा,

26. (SEE 18:25)

27. रेकेम, यिर्पेल, तरला,

27. (SEE 18:25)

28. सेला, एलेप, यबूस (जो यरूशलेम भी कहलाता है), गिबल और किर्यत; ये चौदह नगर और इनके गांव उन्हें मिले। बिन्यामीनियों का भाग उनके कुलों के अनुसार यही ठहरा।।

28. (SEE 18:25)



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