25. पर जो व्यक्ति स्वतंत्राता की सिद्ध व्यवस्था पर ध्यान करता रहता है, वह अपने काम में इसलिये आशीष पाएगा कि सुनकर नहीं, पर वैसा ही काम करता है।
25. But *he* that fixes his view on [the] perfect law, that of liberty, and abides in [it], being not a forgetful hearer but a doer of [the] work, *he* shall be blessed in his doing.