17. क्योंकि हर एक अच्छा वरदान और हर एक उत्तम दान ऊपर ही से है, और ज्योतियों के पिता की ओर से मिलता है, जिस में न तो कोई परिवर्तन हो सकता है, ओर न अदल बदल के कारण उस पर छाया पड़ती है।
17. সমস্ত উত্তম দান এবং সমস্ত সিদ্ধ বর উপর হইতে আইসে, জ্যোতির্গণের সেই পিতা হইতে নামিয়া আইসে, যাঁহাতে অবস্থান্তর কিম্বা পরিবর্ত্তনজনিত ছায়া হইতে পারে না।