1 Timothy - 1 तीमुथियुस 5 | View All

1. किसी बूढ़े को न डांट; पर उसे पिता जानकर समझा दे, और जवानों को भाई जानकर; बूढ़ी स्त्रियों को माता जानकर।
लैव्यव्यवस्था 19:32

1. তুমি কোন প্রাচীনকে তিরস্কার করিও না, কিন্তু তাঁহাকে পিতার ন্যায়, যুবকদিগকে ভ্রাতার ন্যায়,

2. और जवान स्त्रियों को पूरी पवित्राता से बहिन जानकर, समझा दे।

2. প্রাচীনাদিগকে মাতার ন্যায়, যুবতীদিগকে সম্পূর্ণ শুদ্ধ ভাবে ভগিনীর ন্যায় জানিয়া অনুনয় কর।

3. उन विधवाओं का जो सचमुच विधवा हैं आदर कर।

3. যাহারা প্রকৃত বিধবা, সেই বিধবাদিগকে সমাদর কর।

4. और यदि किसी विधवा के लड़केबाले या नातीपोते हों, तो वे पहिले अपने ही घराने के साथ भक्ति का बर्ताव करना, और अपने माता- पिता आदि को उन का हक देना सीखें, क्योंकि यह परमेश्वर को भाता है।

4. কিন্তু যদি কোন বিধবার পুত্র কি পৌত্রগণ থাকে, তবে তাহারা প্রথমতঃ নিজ বাটীর লোকদের প্রতি ভক্তি প্রকাশ করিতে ও পিতামাতার প্রত্যুপকার করিতে শিক্ষা করুক; কেননা তাহাই ঈশ্বরের সাক্ষাতে গ্রাহ্য।

5. जो सचमुच विधवा है, और उसका कोई नहीं; वह परमेश्वर पर आशा रखती है, और रात दिन बिनती और प्रार्थना में लौलीन रहती है।
यिर्मयाह 49:11

5. যে স্ত্রী প্রকৃত বিধবা ও অনাথা, সে ঈশ্বরের উপরে প্রত্যাশা রাখিয়া রাত দিন বিনতি ও প্রার্থনায় নিবিষ্টা থাকে।

6. पर जो भोगविलास में पड़ गई, वह जीते जी मर गई है।

6. কিন্তু যে বিলাসিনী, সে জীবদ্দশায় মৃতা।

7. इन बातों की भी आज्ञा दिया कर, ताकि वे निर्दोष रहें।

7. এই সমস্ত আজ্ঞা কর, যেন তাহারা অনিন্দনীয় হয়।

8. पर यदि कोई अपनों की और निज करके अपने घराने की चिन्ता न करे, तो वह विश्वास से मुकर गया है, और अविश्वासी से भी बुरा बन गया है।

8. কিন্তু কেহ যদি আপনার সম্পর্কীয় লোকদের বিশেষতঃ নিজ পরিজনগণের জন্য চিন্তা না করে, তাহা হইলে সে বিশ্বাস অস্বীকার করিয়াছে, এবং অবিশ্বাসী অপেক্ষা অধম হইয়াছে।

9. उसी विधवा का नाम लिखा जाए, जो साठ वर्ष से कम की न हो, और एक ही पति की पत्नी रही हो।

9. বিধবা বলিয়া কেবল তাহাকেই গণনা করা হউক, যাহার বয়স ষাট বৎসরের নীচে নয়, ও যাহার একমাত্র স্বামী ছিল,

10. और भले काम में सुनाम रही हो, जिस ने बच्चों का पालन- पोषण किया हो; पाहुनों की सेवा की हो, पवित्रा लोगों के पांव धोए हो, दुखियों की सहायता की हो, और हर एक भले काम में मन लगाया हो।

10. এবং যাহার পক্ষে নানা সৎকর্ম্মের প্রমাণ পাওয়া যায়; অর্থাৎ যদি সে সন্তানদের লালন পালন করিয়া থাকে, যদি অতিথিসেবা করিয়া থাকে, যদি পবিত্রদিগের পা ধুইয়া থাকে, যদি ক্লিষ্টদিগের উপকার করিয়া থাকে, যদি সমস্ত সৎকর্ম্মের অনুসরণ করিয়া থাকে।

11. पर जवान विधवाओं के नाम न लिखना, क्योंकि जब वे मसीह का विरोध करके सुख- विलास में पड़ जाती हैं, तो ब्याह करना चाहती हैं।

11. কিন্তু যুবতী বিধবাদিগকে অস্বীকার কর, কেননা খ্রীষ্টের বিরুদ্ধে বিলাসিনী হইলে তাহারা বিবাহ করিতে চায়;

12. और दोषी ठहरती हैं, क्योंकि उन्हों ने अपने पहिले विश्वास को छोड़ दिया है।

12. তাহারা প্রথম বিশ্বাস অগ্রাহ্য করাতে দণ্ডাজ্ঞা প্রাপ্ত হয়।

13. और इस के साथ ही साथ वे घर घर फिरकर आलसी होना सीखती है, और केवल आलसी नहीं, पर बकबक करती रहती और औरों के काम में हाथ भी डालती हैं और अनुचित बातें बोलती हैं।

13. ইহা ছাড়া তাহারা বাড়ী বাড়ী ঘুরিয়া বেড়াইয়া অলস হইতে শিখে; কেবল অলসও নয়, বরং বাচাল ও অনধিকারচর্চ্চাকারিণী হইতে ও অনুচিত কথা কহিতে শিখে।

14. इसलिये मैं यह चाहता हूं, कि जवान विधवाएं ब्याह करें; और बच्चे जनें और घरबार संभालें, और किसी विरोधी को बदनाम करने का अवसर न दें।

14. অতএব আমার বাসনা এই, যুবতী [বিধবারা] বিবাহ করুক, সন্তান প্রসব করুক, গৃহে কর্ত্তৃত্ব করুক, বিপক্ষকে নিন্দা করিবার কোন সূত্র না দিউক।

15. क्योंकि कई एक तो बहककर शैतान के पीछे हो चुकी हैं।

15. কেননা ইতিপূর্ব্বেও কেহ কেহ শয়তানের পশ্চাৎ বিপথগামিনী হইয়াছে।

16. यदि किसी विश्वासिनी के यहां विधवाएं हों, तो वही उन की सहायता करे, कि कलीसिया पर भार न हो ताकि वह उन की सहायता कर सके, जो सचमुच में विधवाएं हैं।।

16. যদি কোন বিশ্বাসিনী মহিলার ঘরে বিধবাগণ থাকে, তিনি তাহাদের উপকার করুন; মণ্ডলী ভারগ্রস্ত না হউক, যেন প্রকৃত বিধবাগণের উপকার করিতে পারে।

17. जो प्राचीन अच्छा प्रबन्ध करते हैं, विशेष करके वे जो वचन सुनाने और सिखाने में परिश्रम करते हैं, दो गुने आदर के योग्य समझे जाएं।

17. যে প্রাচীনেরা উত্তমরূপে শাসন করেন, বিশেষতঃ যাঁহারা বাক্যে ও শিক্ষাদানে পরিশ্রম করেন, তাঁহারা দ্বিগুণ সমাদরের যোগ্য গণিত হউন।

18. क्योंकि पवित्रा शास्त्रा कहता है, कि दांवनेवाले बैल का मुंह न बान्धना, क्योंकि मजदूर अपनी मजदूरी का हक्कदार है।
लैव्यव्यवस्था 19:13, व्यवस्थाविवरण 25:4

18. কারণ শাস্ত্রে বলে, “শস্যমর্দ্দনকারী বলদের মুখে জাল্‌তি বাঁধিও না;” আর, “কার্য্যকারী আপন বেতনের যোগ্য।”

19. कोई दोष किसी प्राचीन पर लगाया जाए तो बिना दो या तीन गवाहों के उस को न सुन।
व्यवस्थाविवरण 17:6, व्यवस्थाविवरण 19:15

19. দুই তিন সাক্ষী ব্যতিরেকে কোন প্রাচীনের বিরুদ্ধে অভিযোগ গ্রাহ্য করিও না।

20. पाप करनेवालों को सब के साम्हने समझा दे, ताकि और लोग भी डरें।

20. যাহারা পাপ করে, তাহাদিগকে সকলের সাক্ষাতে অনুযোগ কর; যেন অন্য সকলেও ভয় পায়।

21. परमेश्वर, और मसीह यीशु, और चुने हुए स्वर्गदूतों को उपस्थित जानकर मैं तुझे चितौनी देता हूं कि तू मन खोलकर इन बातों को माना कर, और कोई काम पक्षपात से न कर।

21. আমি ঈশ্বরের, খ্রীষ্ট যীশুর ও মনোনীত দূতগণের সাক্ষাতে তোমাকে এই দৃঢ় আজ্ঞা দিতেছি, তুমি পূর্ব্বধারণা ব্যতিরেকে এই সকল বিধি পালন কর, পক্ষপাতের বশে কিছুই করিও না।

22. किसी पर शीघ्र हाथ न रखना और दूसरों के पापों में भागी न होना: अपने आप को पवित्रा बनाए रख।

22. কাহারও উপরে হস্তার্পণ করিতে সত্বর হইও না, এবং পরপাপের ভাগী হইও না; আপনাকে শুদ্ধ করিয়া রক্ষা কর।

23. भविष्य में केवल जल ही का पीनेवाला न रह, पर अपने पेट के और अपने बार बार बीमार होने के कारण थोड़ा थोड़ा दाखरस भी काम में लाया कर।

23. এখন অবধি কেবল জল পান করিও না, কিন্তু তোমার উদরের জন্য ও তোমার বার বার অসুখ হয় বলিয়া কিঞ্চিৎ দ্রাক্ষারস ব্যবহার করিও।

24. कितने मनुष्यों के पाप प्रगट हो जाते हैं, और न्याय के लिये पहिले से पहुंच जाते हैं, पर कितनों के पीछे से आते हैं।

24. কোন কোন লোকের পাপ সুস্পষ্ট, বিচারের পথে অগ্রগামী; আবার কোন কোন লোকের পাপ তাহাদের পশ্চাদগামী।

25. वैसे ही कितने भले काम भी प्रगट होते हैं, और जो ऐसे नहीं होते, वे भी छिप नहीं सकते।।

25. সৎকর্ম্মও তদ্রূপ সুস্পষ্ট; আর যাহা যাহা অন্যবিধ, সেগুলি গুপ্ত রাখিতে পারা যায় না।



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