Deuteronomy - व्यवस्थाविवरण 4 | View All

1. अब, हे इस्राएल, जो जो विधि और नियम मैं तुम्हें सिखाना चाहता हूं उन्हें सुन लो, और उन पर चलो; जिस से तुम जीवित रहो, और जो देश तुम्हारे पितरों का परमेश्वर यहोवा तुम्हें देता है उस में जाकर उसके अधिकारी हो जाओ।

1. 'Now, O Israel, listen to the statutes and the judgments which I teach you to observe, that you may live, and go in and possess the land which the LORD God of your fathers is giving you.

2. जो आज्ञा मैं तुम को सुनाता हूं उस में न तो कुछ बढ़ाना, और न कुछ घटाना; तुम्हारे परमेश्वर यहोवा की जो जो आज्ञा मैं तुम्हें सुनाता हूं उन्हें तुम मानना।
प्रकाशितवाक्य 22:18

2. 'You shall not add to the word which I command you, nor take from it, that you may keep the commandments of the LORD your God which I command you.

3. तुम ने तो अपनी आंखों से देखा है कि बालपोर के कारण यहोवा ने क्या क्या किया; अर्थात् जितने मनुष्य बालपोर के पीछे हो लिये थे उन सभों को तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने तुम्हारे बीच में से सत्यानाश कर डाला;

3. 'Your eyes have seen what the LORD did at Baal Peor; for the LORD your God has destroyed from among you all the men who followed Baal of Peor.

4. परन्तु तुम जो अपने परमेश्वर यहोवा के साथ लिपटे रहे हो सब के सब आज तक जीवित हो।

4. 'But you who held fast to the LORD your God [are] alive today, every one of you.

5. सुनो, मैं ने तो अपने परमेश्वर यहोवा की आज्ञा के अनुसार तुम्हें विधि और नियम सिखाए हैं, कि जिस देश के अधिकारी होने जाते हो उस में तुम उनके अनुसार चलो।

5. 'Surely I have taught you statutes and judgments, just as the LORD my God commanded me, that you should act according [to them] in the land which you go to possess.

6. सो तुम उनको धारण करना और मानना; क्योंकि और देशों के लोगों के साम्हने तुम्हारी बुद्धि और समझ इसी से प्रगट होगी, अर्थात् वे इन सब विधियों को सुनकर कहेंगे, कि निश्चय यह बड़ी जाति बुद्धिमान और समझदार है।

6. 'Therefore be careful to observe [them;] for this [is] your wisdom and your understanding in the sight of the peoples who will hear all these statutes, and say, 'Surely this great nation [is] a wise and understanding people.'

7. देखो, कौन ऐसी बड़ी जाति है जिसका देवता उसके ऐसे समीप रहता हो जैसा हमारा परमेश्वर यहोवा, जब कि हम उस को पुकारते हैं?
रोमियों 3:2

7. 'For what great nation [is there] that has God [so] near to it, as the LORD our God [is] to us, for whatever [reason] we may call upon Him?

8. फिर कौन ऐसी बड़ी जाति है जिसके पास ऐसी धर्ममय विधि और नियम हों, जैसी कि यह सारी व्यवस्था जिसे मैं आज तुम्हारे साम्हने रखता हूं?

8. 'And what great nation [is there] that has [such] statutes and righteous judgments as are in all this law which I set before you this day?

9. यह अत्यन्त आवश्यक है कि तुम अपने विषय में सचेत रहो, और अपने मन की बड़ी चौकसी करो, कहीं ऐसा न हो कि जो जो बातें तुम ने अपनी आंखों से देखीं उनको भूल जाओ, और वह जीवन भर के लिये तुम्हारे मन से जाती रहे; किन्तु तुम उन्हें अपने बेटों पोतों को सिखाना।

9. ' Only take heed to yourself, and diligently keep yourself, lest you forget the things your eyes have seen, and lest they depart from your heart all the days of your life. And teach them to your children and your grandchildren,

10. विशेष करके उस दिन की बातें जिस में तुम होरेब के पास अपने परमेश्वर यहोवा के साम्हने खड़े थे, जब यहोवा ने मुझ से कहा था, कि उन लोगों को मेरे पास इकट्ठा कर कि मैं उन्हें अपने वचन सुनाऊं, जिस से वे सीखें, ताकि जितने दिन वे पृथ्वी पर जीवित रहें उतने दिन मेरा भय मानते रहें, और अपने लड़के बालों को भी यही सिखाएं।

10. '[especially concerning] the day you stood before the LORD your God in Horeb, when the LORD said to me, 'Gather the people to Me, and I will let them hear My words, that they may learn to fear Me all the days they live on the earth, and [that] they may teach their children.'

11. तब तुम समीप जाकर उस पर्वत के नीचे खड़े हुए, और वह पहाड़ आग से धधक रहा था, और उसकी लौ आकाश तक पहुंचती थी, और उसके चारों ओर अन्धियारा, और बादल, और घोर अन्धकार छाया हुआ था।
इब्रानियों 12:18-19

11. 'Then you came near and stood at the foot of the mountain, and the mountain burned with fire to the midst of heaven, with darkness, cloud, and thick darkness.

12. तक यहोवा ने उस आग के बीच में से तुम से बातें की; बातों का शब्द तो तुम को सुनाई पड़ा, परन्तु कोई रूप न देखा; केवल शब्द ही शब्द सुन पड़ा।
इब्रानियों 12:18-19

12. 'And the LORD spoke to you out of the midst of the fire. You heard the sound of the words, but saw no form; [you] only [heard] a voice.

13. और उस ने तुम को अपनी वाचा के दसों वचन बताकर उनके मानने की आज्ञा दी; और उन्हें पत्थर की दो पटियाओं पर लिख दिया।

13. 'So He declared to you His covenant which He commanded you to perform, the Ten Commandments; and He wrote them on two tablets of stone.

14. और मुझ को यहोवा ने उसी समय तुम्हें विधि और नियम सिखाने की आज्ञा दी, इसलिये कि जिस देश के अधिकारी होने को तुम पार जाने पर हो उस में तुम उनको माना करो।

14. 'And the LORD commanded me at that time to teach you statutes and judgments, that you might observe them in the land which you cross over to possess.

15. इसलिये तुम अपने विषय में बहुत सावधान रहना। क्योंकि जब यहोवा ने तुम से होरेब पर्वत पर आग के बीच में से बातें की तब तुम को कोई रूप न देख पड़ा,
रोमियों 1:23

15. ' Take careful heed to yourselves, for you saw no form when the LORD spoke to you at Horeb out of the midst of the fire,

16. कहीं ऐसा न हो कि तुम बिगड़कर चाहे पुरूष चाहे स्त्री के,

16. 'lest you act corruptly and make for yourselves a carved image in the form of any figure: the likeness of male or female,

17. चाहे पृथ्वी पर चलनेवाले किसी पशु, चाहे आकाश में उड़नेवाले किसी पक्षी के,

17. the likeness of any animal that [is] on the earth or the likeness of any winged bird that flies in the air,

18. चाहे भूमि पर रेंगनेवाले किसी जन्तु, चाहे पृथ्वी के जल में रहनेवाली किसी मछली के रूप की कोई मूर्त्ति खोदकर बना लो,

18. the likeness of anything that creeps on the ground or the likeness of any fish that [is] in the water beneath the earth.

19. वा जब तुम आकाश की ओर आंखे उठाकर, सूर्य, चंद्रमा, और तारों को, अर्थात् आकाश का सारा तारागण देखो, तब बहककर उन्हें दण्डवत् करके उनकी सेवा करने लगो जिनको तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने धरती पर के सब देशवालों के लिये रखा है।

19. 'And [take heed,] lest you lift your eyes to heaven, and [when] you see the sun, the moon, and the stars, all the host of heaven, you feel driven to worship them and serve them, which the LORD your God has given to all the peoples under the whole heaven as a heritage.

20. और तुम को यहोवा लोहे के भट्ठे के सरीखे मि देश से निकाल ले आया है, इसलिये कि तुम उसकी प्रजारूपी निज भाग ठहरो, जैसा आज प्रगट है।
तीतुस 2:14, 1 पतरस 2:9

20. 'But the LORD has taken you and brought you out of the iron furnace, out of Egypt, to be His people, an inheritance, as you are this day.

21. फिर तुम्हारे कारण यहोवा ने मुझ से क्रोध करके यह शपथ खाई, कि तू यरदन पार जाने न पाएगा, और जो उत्तम देश इस्राएलियों का परमेश्वर यहोवा उन्हें उनका निज भाग करके देता है उस में तू प्रवेश करने न पाएगा।

21. 'Furthermore the LORD was angry with me for your sakes, and swore that I would not cross over the Jordan, and that I would not enter the good land which the LORD your God is giving you as an inheritance.

22. किन्तु मुझे इसी देश में मरना है, मैं तो यरदन पार नहीं जा सकता; परन्तु तुम पार जाकर उस उत्तम देश के अधिकारी हो जाओगे।

22. 'But I must die in this land, I must not cross over the Jordan; but you shall cross over and possess that good land.

23. इसलिये अपने विषय में तुम सावधान रहो, कहीं ऐसा न हो कि तुम उस वाचा को भूलकर, जो तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने तुम से बान्धी है, किसी और वस्तु की मूर्त्ति खोदकर बनाओ, जिसे तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने तुम को मना किया है।

23. 'Take heed to yourselves, lest you forget the covenant of the LORD your God which He made with you, and make for yourselves a carved image in the form of anything which the LORD your God has forbidden you.

24. क्योंकि तुम्हारा परमेश्वर यहोवा भस्म करनेवाली आग है; वह जल उठनेवाला परमेश्वर है।।
इब्रानियों 12:29

24. 'For the LORD your God [is] a consuming fire, a jealous God.

25. यदि उस देश में रहते रहते बहुत दिन बीत जाने पर, और अपने बेटे- पोते उत्पन्न होने पर, तुम बिगड़कर किसी वस्तु के रूप की मूर्ति खोदकर बनाओ, और इस रीति से अपने परमेश्वर यहोवा के प्रति बुराई करके उसे अप्रसन्न कर दो,

25. ' When you beget children and grandchildren and have grown old in the land, and act corruptly and make a carved image in the form of anything, and do evil in the sight of the LORD your God to provoke Him to anger,

26. तो मैं आज आकाश और पृथ्वी को तुम्हारे विरूद्ध साक्षी करके कहता हूं, कि जिस देश के अधिकारी होने के लिये तुम यरदन पार जाने पर हो उस में तुम जल्दी बिल्कुल नाश हो जाओगे; और बहुत दिन रहने न पाओगे, किन्तु पूरी रीति से नष्ट हो जाओगे।

26. 'I call heaven and earth to witness against you this day, that you will soon utterly perish from the land which you cross over the Jordan to possess; you will not prolong [your] days in it, but will be utterly destroyed.

27. और यहोवा तुम को देश देश के लोगों में तितर बितर करेगा, और जिन जातियों के बीच यहोवा तुम को पहुंचाएगा उन में तुम थोड़े ही से रह जाओगे।

27. 'And the LORD will scatter you among the peoples, and you will be left few in number among the nations where the LORD will drive you.

28. और वहां तुम मनुष्य के बनाए हुए लकड़ी और पत्थर के देवताओं की सेवा करोगे, जो न देखते, और न सुनते, और न खाते, और न सूंघते हैं।

28. 'And there you will serve gods, the work of men's hands, wood and stone, which neither see nor hear nor eat nor smell.

29. परन्तु वहां भी यदि तुम अपने परमेश्वर यहोवा को ढूंढ़ोगे, तो वह तुम को मिल जाएगा, शर्त यह है कि तुम अपने पूरे मन से और अपने सारे प्राण से उसे ढूंढ़ो।

29. 'But from there you will seek the LORD your God, and you will find [Him] if you seek Him with all your heart and with all your soul.

30. अन्त के दिनों में जब तुम संकट में पड़ो, और ये सब विपत्तियां तुम पर आ पड़ेंगी, तब तुम अपने परमेश्वर यहोवा की ओर फिरो और उसकी मानना;

30. 'When you are in distress, and all these things come upon you in the latter days, when you turn to the LORD your God and obey His voice

31. क्योंकि तेरा परमेश्वर यहोवा दयालु ईश्वर है, वह तुम को न तो छोड़ेगा और न नष्ट करेगा, और जो वाचा उस ने तेरे पितरों से शपथ खाकर बान्धी है उसको नहीं भूलेगा।

31. '(for the LORD your God [is] a merciful God), He will not forsake you nor destroy you, nor forget the covenant of your fathers which He swore to them.

32. और जब से परमेश्वर ने मनुष्य हो उत्पन्न करके पृथ्वी पर रखा तब से लेकर तू अपने उत्पन्न होने के दिन तक की बातें पूछ, और आकाश के एक छोर से दूसरे छोर तक की बातें पूछ, क्या ऐसाी बड़ी बात कभी हुई वा सुनने में आई है?

32. ' For ask now concerning the days that are past, which were before you, since the day that God created man on the earth, and [ask] from one end of heaven to the other, whether [any] great [thing] like this has happened, or [anything] like it has been heard.

33. क्या कोई जाति कभी परमेश्वर की वाणी आग के बीच में से आती हुई सुनकर जीवित रही, जैसे कि तू ने सुनी है?

33. 'Did [any] people [ever] hear the voice of God speaking out of the midst of the fire, as you have heard, and live?

34. फिर क्या परमेश्वर ने और किसी जाति को दूसरी जाति के बीच में निकालने को कमर बान्धकर परीक्षा, और चिन्ह, और चमत्कार, और युद्ध, और बली हाथ, और बढ़ाई हुई भुजा से ऐसे बड़े भयानक काम किए, जैसे तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने मि में तुम्हारे देखते किए?

34. 'Or did God [ever] try to go [and] take for Himself a nation from the midst of [another] nation, by trials, by signs, by wonders, by war, by a mighty hand and an outstretched arm, and by great terrors, according to all that the LORD your God did for you in Egypt before your eyes?

35. यह सब तुझ को दिखाया गया, इसलिये कि तू जान रखे कि यहोवा ही परमेश्वर है; उसको छोड़ और कोई है ही नहीं।
मरकुस 12:32-33, 1 कुरिन्थियों 8:4

35. 'To you it was shown, that you might know that the LORD Himself [is] God; [there is] none other besides Him.

36. आकाश में से उस ने तुझे अपनी वाणी सुनाई कि तुझे शिक्षा दे; और पृथ्वी पर उस ने तुझे अपनी बड़ी आग दिखाई, और उसके वचन आग के बीच में से आते हुए तुझे सुन पड़े।

36. 'Out of heaven He let you hear His voice, that He might instruct you; on earth He showed you His great fire, and you heard His words out of the midst of the fire.

37. और उस ने जो तेरे पितरों से प्रेम रखा, इस कारण उनके पीछे उनके वंश को चुन लिया, और प्रत्यक्ष होकर तुझे अपने बड़े सामर्थ्य के द्वारा मि से इसलिये निकाल लाया,

37. 'And because He loved your fathers, therefore He chose their descendants after them; and He brought you out of Egypt with His Presence, with His mighty power,

38. कि तुझ से बड़ी और सामर्थी जातियों को तेरे आगे से निकालकर तुझे उनके देश में पहुंचाए, और उसे तेरा निज भाग कर दे, जैसा आज के दिन दिखाई पड़ता है;

38. driving out from before you nations greater and mightier than you, to bring you in, to give you their land [as] an inheritance, as [it is] this day.

39. सो आज जान ले, और अपने मन में सोच भी रख, कि ऊपर आकाश में और नीचे पृथ्वी पर यहोवा ही परमेश्वर है; और कोई दूसरा नहीं।
1 कुरिन्थियों 8:4

39. 'Therefore know this day, and consider [it] in your heart, that the LORD Himself [is] God in heaven above and on the earth beneath; [there is] no other.

40. और तू उसकी विधियों और आज्ञाओं को जो मैं आज तुझे सुनाता हूं मानना, इसलिये कि तेरा और तेरे पीछे तेरे वंश का भी भला हो, और जो देश तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे देता है उस में तेरे दिन बहुत वरन सदा के लिये हों।

40. 'You shall therefore keep His statutes and His commandments which I command you today, that it may go well with you and with your children after you, and that you may prolong [your] days in the land which the LORD your God is giving you for all time.'

41. तब मूसा ने यरदन के पार पूर्व की ओर तीन नगर अलग किए,

41. Then Moses set apart three cities on this side of the Jordan, toward the rising of the sun,

42. इसलिये कि जो कोई बिना जाने और बिना पहले से बैर रखे अपने किसी भाई को मार डाले, वह उन में से किसी नगर में भाग जाए, और भागकर जीवित रहे:

42. that the manslayer might flee there, who kills his neighbor unintentionally, without having hated him in time past, and that by fleeing to one of these cities he might live:

43. अर्थात् रूबेनियों का बेसेर नगर जो जंगल के समथर देश में है, और गादियों के गिलाद का रामोत, और मनश्शेइयों के बाशान का गोलान।

43. Bezer in the wilderness on the plateau for the Reubenites, Ramoth in Gilead for the Gadites, and Golan in Bashan for the Manassites.

44. फिर जो व्यवस्था मूसा ने इस्राएलियों को दी वह यह है;

44. Now this [is] the law which Moses set before the children of Israel.

45. ये ही वे चितौनियां और नियम हैं जिन्हें मूसा ने इस्राएलियों को उस समय कह सुनाया जब वे मि से निकले थे,

45. These [are] the testimonies, the statutes, and the judgments which Moses spoke to the children of Israel after they came out of Egypt,

46. अर्थात् यरदन के पार बेतपोर के साम्हने की तराई में, एमोरियों के राजा हेशबोनवासी सीहोन के देश में, जिस राजा को उन्हों ने मि से निकलने के पीछे मारा।

46. on this side of the Jordan, in the valley opposite Beth Peor, in the land of Sihon king of the Amorites, who dwelt at Heshbon, whom Moses and the children of Israel defeated after they came out of Egypt.

47. और उन्हों ने उसके देश को, और बाशान के राजा ओग के देश को, अपने वश में कर लिया; यरदन के पार सूर्योदय की ओर रहनेवाले एमोरियों के राजाओं के ये देश थे।

47. And they took possession of his land and the land of Og king of Bashan, two kings of the Amorites, who [were] on this side of the Jordan, toward the rising of the sun,

48. यह देश अर्नोन के नाले के छोरवाले अरोएर से लेकर सीओन, जो हेर्मोन भी कहलाता है,

48. from Aroer, which [is] on the bank of the River Arnon, even to Mount Sion (that is, Hermon),

49. उस पर्वत तक का सारा देश, और पिसगा की सलामी के नीचे के अराबा के ताल तक, यरदन पार पूर्व की ओर का सारा अराबा है।

49. and all the plain on the east side of the Jordan as far as the Sea of the Arabah, below the slopes of Pisgah.



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