1. अब, हे इस्राएल, जो जो विधि और नियम मैं तुम्हें सिखाना चाहता हूं उन्हें सुन लो, और उन पर चलो; जिस से तुम जीवित रहो, और जो देश तुम्हारे पितरों का परमेश्वर यहोवा तुम्हें देता है उस में जाकर उसके अधिकारी हो जाओ।
1. Now, Israel, listen to the laws and commands I will teach you. Obey them so that you will live and so that you will go over and take the land the Lord, the God of your ancestors, is giving to you.
5. सुनो, मैं ने तो अपने परमेश्वर यहोवा की आज्ञा के अनुसार तुम्हें विधि और नियम सिखाए हैं, कि जिस देश के अधिकारी होने जाते हो उस में तुम उनके अनुसार चलो।
5. Look,. I have taught you the laws and rules the Lord my God commanded me. Now you can obey the laws in the land you are entering, in the land you will take.
6. सो तुम उनको धारण करना और मानना; क्योंकि और देशों के लोगों के साम्हने तुम्हारी बुद्धि और समझ इसी से प्रगट होगी, अर्थात् वे इन सब विधियों को सुनकर कहेंगे, कि निश्चय यह बड़ी जाति बुद्धिमान और समझदार है।
6. Obey these laws carefully, in order to show the other nations that you have wisdom and understanding. When they hear about these laws, they will say, 'This great nation of Israel is wise and understanding.'
9. यह अत्यन्त आवश्यक है कि तुम अपने विषय में सचेत रहो, और अपने मन की बड़ी चौकसी करो, कहीं ऐसा न हो कि जो जो बातें तुम ने अपनी आंखों से देखीं उनको भूल जाओ, और वह जीवन भर के लिये तुम्हारे मन से जाती रहे; किन्तु तुम उन्हें अपने बेटों पोतों को सिखाना।
9. But be careful! Watch out and don't forget the things you have seen. Don't forget them as long as you live, but teach them to your children and grandchildren.
10. विशेष करके उस दिन की बातें जिस में तुम होरेब के पास अपने परमेश्वर यहोवा के साम्हने खड़े थे, जब यहोवा ने मुझ से कहा था, कि उन लोगों को मेरे पास इकट्ठा कर कि मैं उन्हें अपने वचन सुनाऊं, जिस से वे सीखें, ताकि जितने दिन वे पृथ्वी पर जीवित रहें उतने दिन मेरा भय मानते रहें, और अपने लड़के बालों को भी यही सिखाएं।
10. Remember the day you stood before the Lord your God at Mount Sinai. He said to me, 'Bring the people together so I can tell them what I have to say. Then they will respect me as long as they live in the land, and they will teach these things to their children.'
11. तब तुम समीप जाकर उस पर्वत के नीचे खड़े हुए, और वह पहाड़ आग से धधक रहा था, और उसकी लौ आकाश तक पहुंचती थी, और उसके चारों ओर अन्धियारा, और बादल, और घोर अन्धकार छाया हुआ था।
इब्रानियों 12:18-19
11. When you came and stood at the bottom of the mountain, it blazed with fire that reached to the sky, and black clouds made it very dark.
19. वा जब तुम आकाश की ओर आंखे उठाकर, सूर्य, चंद्रमा, और तारों को, अर्थात् आकाश का सारा तारागण देखो, तब बहककर उन्हें दण्डवत् करके उनकी सेवा करने लगो जिनको तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने धरती पर के सब देशवालों के लिये रखा है।
19. When you look up at the sky, you see the sun, moon, and stars, and everything in the sky. But don't bow down and worship them, because the Lord your God has made these things for all people everywhere.
20. और तुम को यहोवा लोहे के भट्ठे के सरीखे मि देश से निकाल ले आया है, इसलिये कि तुम उसकी प्रजारूपी निज भाग ठहरो, जैसा आज प्रगट है।
तीतुस 2:14, 1 पतरस 2:9
20. But the Lord brought you out of Egypt, which tested you like a furnace for melting iron, and he made you his very own people, as you are now.
21. फिर तुम्हारे कारण यहोवा ने मुझ से क्रोध करके यह शपथ खाई, कि तू यरदन पार जाने न पाएगा, और जो उत्तम देश इस्राएलियों का परमेश्वर यहोवा उन्हें उनका निज भाग करके देता है उस में तू प्रवेश करने न पाएगा।
21. The Lord was angry with me because of you, and he swore that I would not cross the Jordan River to go into the good land the Lord your God is giving you as your own.
23. इसलिये अपने विषय में तुम सावधान रहो, कहीं ऐसा न हो कि तुम उस वाचा को भूलकर, जो तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने तुम से बान्धी है, किसी और वस्तु की मूर्त्ति खोदकर बनाओ, जिसे तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने तुम को मना किया है।
23. Be careful. Don't forget the Agreement of the Lord your God that he made with you, and don't make any idols for yourselves, as the Lord your God has commanded you not to do.
25. यदि उस देश में रहते रहते बहुत दिन बीत जाने पर, और अपने बेटे- पोते उत्पन्न होने पर, तुम बिगड़कर किसी वस्तु के रूप की मूर्ति खोदकर बनाओ, और इस रीति से अपने परमेश्वर यहोवा के प्रति बुराई करके उसे अप्रसन्न कर दो,
25. Even after you have lived in the land a long time and have had children and grandchildren, don't do evil things. Don't make any kind of idol, and don't do what the Lord your God says is evil, because that will make him angry.
26. तो मैं आज आकाश और पृथ्वी को तुम्हारे विरूद्ध साक्षी करके कहता हूं, कि जिस देश के अधिकारी होने के लिये तुम यरदन पार जाने पर हो उस में तुम जल्दी बिल्कुल नाश हो जाओगे; और बहुत दिन रहने न पाओगे, किन्तु पूरी रीति से नष्ट हो जाओगे।
26. If you do, I ask heaven and earth to speak against you this day that you will quickly be removed from this land that you are crossing the Jordan River to take. You will not live there long after that, but you will be completely destroyed.
28. और वहां तुम मनुष्य के बनाए हुए लकड़ी और पत्थर के देवताओं की सेवा करोगे, जो न देखते, और न सुनते, और न खाते, और न सूंघते हैं।
28. There you will worship gods made by people, gods made of wood and stone, that cannot see, hear, eat, or smell.
31. क्योंकि तेरा परमेश्वर यहोवा दयालु ईश्वर है, वह तुम को न तो छोड़ेगा और न नष्ट करेगा, और जो वाचा उस ने तेरे पितरों से शपथ खाकर बान्धी है उसको नहीं भूलेगा।
31. because the Lord your God is a merciful God. He will not leave you or destroy you. He will not forget the Agreement with your ancestors, which he swore to them.
32. और जब से परमेश्वर ने मनुष्य हो उत्पन्न करके पृथ्वी पर रखा तब से लेकर तू अपने उत्पन्न होने के दिन तक की बातें पूछ, और आकाश के एक छोर से दूसरे छोर तक की बातें पूछ, क्या ऐसाी बड़ी बात कभी हुई वा सुनने में आई है?
32. Nothing like this has ever happened before! Look at the past, long before you were even born. Go all the way back to when God made humans on the earth, and look from one end of heaven to the other. Nothing like this has ever been heard of!
34. फिर क्या परमेश्वर ने और किसी जाति को दूसरी जाति के बीच में निकालने को कमर बान्धकर परीक्षा, और चिन्ह, और चमत्कार, और युद्ध, और बली हाथ, और बढ़ाई हुई भुजा से ऐसे बड़े भयानक काम किए, जैसे तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने मि में तुम्हारे देखते किए?
34. No other god has ever taken for himself one nation out of another. But the Lord your God did this for you in Egypt, right before your own eyes. He did it with tests, signs, miracles, war, and great sights, by his great power and strength.
37. और उस ने जो तेरे पितरों से प्रेम रखा, इस कारण उनके पीछे उनके वंश को चुन लिया, और प्रत्यक्ष होकर तुझे अपने बड़े सामर्थ्य के द्वारा मि से इसलिये निकाल लाया,
37. Because the Lord loved your ancestors, he chose you, their descendants, and he brought you out of Egypt himself by his great strength.
38. कि तुझ से बड़ी और सामर्थी जातियों को तेरे आगे से निकालकर तुझे उनके देश में पहुंचाए, और उसे तेरा निज भाग कर दे, जैसा आज के दिन दिखाई पड़ता है;
38. He forced nations out of their land ahead of you, nations that were bigger and stronger than you were. The Lord did this so he could bring you into their land and give it to you as your own, and this land is yours today.
40. और तू उसकी विधियों और आज्ञाओं को जो मैं आज तुझे सुनाता हूं मानना, इसलिये कि तेरा और तेरे पीछे तेरे वंश का भी भला हो, और जो देश तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे देता है उस में तेरे दिन बहुत वरन सदा के लिये हों।
40. Obey his laws and commands that I am giving you today so that things will go well for you and your children. Then you will live a long time in the land that the Lord your God is giving to you forever.
42. इसलिये कि जो कोई बिना जाने और बिना पहले से बैर रखे अपने किसी भाई को मार डाले, वह उन में से किसी नगर में भाग जाए, और भागकर जीवित रहे:
42. where a person who accidentally killed someone could go. If the person was not killed because of hatred, the murderer's life could be saved by running to one of these cities.
46. अर्थात् यरदन के पार बेतपोर के साम्हने की तराई में, एमोरियों के राजा हेशबोनवासी सीहोन के देश में, जिस राजा को उन्हों ने मि से निकलने के पीछे मारा।
46. They were in the valley near Beth Peor, east of the Jordan River, in the land of Sihon. Sihon king of the Amorites ruled in Heshbon and was defeated by Moses and the Israelites as they came out of Egypt.