27. क्योंकि लिखा है, कि हे बांझ, तू जो नहीं जनती आनन्द कर, तु जिस को पीड़ाएं नहीं उठतीं गला खोलकर जय जयकार कर, क्योंकि त्यागी हुई की सन्तान सुहागिन की सन्तान से भी अधिक है।
यशायाह 54:1
27. For it is written, Rejoice, thou barren woman not giving birth. Burst forth and shout, thou not suffering birth pains, because many more are the children of the desolate than of her who has the husband.