7. सो जैसे हर बात में अर्थात् विश्वास, वचन, ज्ञान और सब प्रकार के यत्न में, और उस प्रेम में, जो हम से रखते हो, बढ़ते जाते हो, वैसे ही इस दान के काम में भी बढ़ते जाओ।
7. Nowe therefore as ye are riche in all thinges, in fayth, in worde, in knowledge, in all feruentnesse, and in loue, which ye haue to vs: euen so, see that ye be plenteous in this grace also.