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1. तुम मेरी सी चाल चलो जैसा मैं मसीह की सी चाल चलता हूं।।
1. Be ye imitators of me, even as I also [am] of Christ.
2. हे भाइयों, मैं तुम्हें सराहता हूं, कि सब बातों में तुम मुझे स्मरण करते हो: और जो व्यवहार मैं ने तुम्हें सौंप दिए हैं, उन्हें धारण करते हो।
2. Now I praise you, brothers, that ye remember me in all things and retain my instructions the same as I spoke unto you.
3. सो मैं चाहता हूं, कि तुम यह जान लो, कि हर एक पुरूष का सिर मसीह है: और स्त्री का सिर पुरूष है: और मसीह का सिर परमेश्वर है।उत्पत्ति 3:16
3. But I would have you know that the head of every man is the Christ, and the head of the woman [is] the man, and the head of Christ [is] God.
4. जो पुरूष सिर ढांके हुए प्रार्थना या भविष्यद्वाणी करता है, वह अपने सिर का अपमान करता है।
4. Every man praying or prophesying, having [his] head covered, dishonours his head.
5. परन्तु जो स्त्री उघाड़े सिर प्रार्थना या भविष्यद्ववाणी करती है, वह अपने सिर का अपमान करती है, क्योंकि वह मुण्डी होने के बराबर है।
5. But every woman that prays or prophesies with [her] head uncovered dishonours her head, for that is even the same as if she were shaven.
6. यदि स्त्री आढ़नी न ओढ़े, तो बाल भी कटा ले; यदि स्त्री के लिये बाल कटाना या मुण्डाना लज्जा की बात है, तो ओढ़नी ओढ़े।
6. For if the woman is not covered, let her also be shorn; but if it is a shame for a woman to be shorn or shaven, let her be covered.
7. हां पुरूष को अपना सिर ढांकना उचित हनीं, क्योंकि वह परमेश्वर का स्वरूप और महिमा है; परन्तु स्त्री पुरूष की महिमा!उत्पत्ति 1:27, उत्पत्ति 5:1, उत्पत्ति 9:6
7. For a man indeed ought not to cover [his] head, forasmuch as he is the image and glory of God; but the woman is the glory of the man.
8. क्योंकि पुरूष स्त्री से नहीं हुआ, परन्तु स्त्री से हुई है।उत्पत्ति 2:21-23
8. For the man is not of the woman, but the woman of the man.
9. और पुरूष स्त्री के लिये नहीं सिरजा गया, परन्तु स्त्री पुरूष के लिये सिरजी गई है।उत्पत्ति 2:18
9. Neither was the man created for the woman, but the woman for the man.
10. इसीलिये स्वर्गदूतों के कारण स्त्री को उचित है, कि अधिकार अपने सिर पर रखे।
10. For this cause the woman ought to have authority over her head: because of the angels.
11. तौभी प्रभु में न तो स्त्री बिना पुरूष और न पुरूष बिना स्त्री के है।
11. Nevertheless, neither is the man without the woman, neither the woman without the man, in the Lord.
12. क्योंकि जैसे स्त्री पुरूष से है, वैसे ही पुरूष स्त्री के द्वारा है; परन्तु सब वस्तुएं परमेश्वर के द्वारा हैं।
12. For as the woman [is] of the man, even so [is] the man also by the woman; but all things of God.
13. तुम आप ही विचार करो, क्या स्त्री को उघाड़े सिर परमेश्वर से प्रार्थना करना सोहना है?
13. Judge in yourselves: is it honest that a woman pray unto God uncovered?
14. क्या स्वाभिविक रीति से भी तुम नहीं जानते, कि यदि पुरूष लम्बे बाल रखे, तो उसके लिये अपमान है।
14. Does not even nature itself teach you that if a man lets [his] hair grow, it is dishonest?
15. परन्तु यदि स्त्री लम्बे बाल रखे; तो उसके लिये शोभा है क्योंकि बाल उस को ओढ़नी के लिये दिए गए हैं।
15. But if a woman lets [her] hair grow, it is a glory to her; for [her] hair is given her for a covering.
16. परनतु यदि कोई विवाद करना चाहे, तो यह जाने कि न हमारी और न परमेश्वर की कलीसियों की ऐसी रीति है।।
16. With all this, if anyone seems to be contentious, we have no such custom, neither the church of God.
17. परनतु यह आज्ञा देते हुए, मैं तुम्हें नहीं सराहता, इसलिये कि तुम्हारे इकट्ठे होने से भलाई नहीं, परन्तु हानि होती है।
17. Now in this that I declare [unto you] I praise [you] not: that ye come together not for the better, but for the worse.
18. क्योंकि पहिले तो मैं यह सुनता हूं, कि जब तुम कलीसिया में इकट्ठे हाते हो, तो तुम में फूट होती है और मैं कुछ कुछ प्रतीति भी करता हूं।
18. For first of all, when ye come together in the church, I hear that there are divisions among you; and I partly believe it.
19. क्यांकि विधर्म भी तुम में अवश्य होंगे, इसलिये कि जो लागे तुम में खरे निकले हैं, वे प्रगट हो जांए।व्यवस्थाविवरण 13:3
19. For it is expedient that there also be heresies among you, so that those who are proved may become manifest among you.
20. सो तुम जो एक जगह में इकट्ठे होते हो तो यह प्रभु भोज खाने के लिये नहीं।
20. So that when ye come together in one [place, this] is not eating the Lord's supper.
21. क्योंकि खाने के समय एक दूसरे से पहिले अपना भोज खा लेता है, सो कोई तो भूखा रहता है, और कोई मतवाला हो जाता है।
21. For in eating, each one takes his own supper first: and one is hungry, and another is drunken.
22. क्या खाने पीने के लिये तुम्हारे घर नहीं? या परमेश्वर की कलीसिया को तुच्छ जानते हो, और जिन के पास नहीं है उन्हें लज्जित करते हो? मैं तुम से क्या कहूं? क्या इस बात में तुम्हारी प्रशंसा करूं? मैं प्रशंसा नहीं करता।
22. What? Do ye not have houses to eat and to drink in? or do ye despise the church of God and shame those that have not? What shall I say to you? shall I praise you in this? I praise [you] not.
23. क्योंकि यह बात मुझे प्रभु से पहुंची, और मैं ने तुम्हें भी पहुंचा दी; कि प्रभु यीशु ने जिस रात पकड़वाया गया रोटी ली।
23. For I have received of the Lord that which also I delivered unto you, That the Lord Jesus the [same] night in which he was betrayed took bread;
24. और धन्यवाद करके उसे तोड़ी, और कहा; कि यह मेरी देह है, जो तुम्हारे लिये है: मेरे स्मरण के लिये यही किया करो।
24. and when he had given thanks, he broke [it] and said, Take, eat: this is my body, which is broken for you; this do in remembrance of me.
25. इसी रीति से उस ने बियारी के पीछे कटोरा भी लिया, और कहा; यह कटोरा मेरे लोहू में नई वाचा है: जब कभी पीओ, तो मेरे स्मरण के लिये यही किया करो।निर्गमन 24:8, यिर्मयाह 31:31, यिर्मयाह 32:40, जकर्याह 9:11
25. After the same manner also [he took] the cup, after he had eaten supper, saying, This cup is the new testament in my blood; do this each time that ye drink, in remembrance of me.
26. क्योंकि जब कभी तुम यह रोटी खाते, और इस कटोरे में से पीते हो, तो प्रभु की मृत्यु को जब तक वह न आए, प्रचार करते हो।
26. For each time that ye eat this bread and drink this cup, ye declare the Lord's death until he comes.
27. इसलिये जो कोई अनुचित रीति से प्रभु की रोटी खाए, या उसके कटोरे में से पीए, वह प्रभु की देह और लोहू का अपराधी ठहरेगा।
27. Therefore whoever shall eat this bread and drink [this] cup of the Lord unworthily shall be guilty of the body and blood of the Lord.
28. इसलिये मनुष्य अपने आप को जांच ले और इसी रीति से इस रोटी में से खाए, और इस कटोरे में से पीए।
28. But let each man prove himself, and so let him eat of the bread and drink of the cup.
29. क्योंकि जो खाते- पीते समय प्रभु की देह को न पहिचाने, वह इस खाने और पीने से अपने ऊपर दण्ड लाता है।
29. For he that eats and drinks unworthily, eats and drinks judgment to himself, not discerning the Lord's body.
30. इसी कारण तुम में से बहुत से निर्बल और रोगी हैं, और बहुत से सो भी गए।
30. For this cause many [are] weak and sickly among you, and many sleep.
31. यदि हम अपने आप में जांचते, तो दण्ड न पाते।
31. For if we would examine ourselves, we should not be judged.
32. परन्तु प्रभु हमें दण्ड देकर हमारी ताड़ना करता है इसलिये कि हम संसार के साथ दोषी न ठहरें।
32. But being judged, we are chastened of the Lord, that we should not be condemned with the world.
33. इसलिये, हे मेरे भाइयों, जब तुम खाने के लिये इकट्ठे होते हो, तो एक दूसरे के लिये ठहरा करो।
33. Therefore, my brothers, when ye come together to eat, wait for one another.
34. यदि कोई भूखा हो, तो अपने घर में खा ले जिस से तुम्हार इकट्ठा होना दण्ड का कारण न हो: और शेष बातों को मैं आकर ठीक कर दूंगा।।
34. And if anyone is hungry, let him eat at home; that ye not come together unto judgment. And I will set the rest in order when I come.: