1. इसलिये हे भाइयों, मैं तुम से परमेश्वर की दया स्मरण दिला कर बिनती करता हूं, कि अपने शरीरो कों जीवित, और पवित्रा, और परमेश्वर को भावता हुआ बलिदान करके चढ़ाओ: यही तुम्हारी आत्मिक सेवा है।
1. I BESEECH you therefore, brethren, by the mercy of God, that you present your bodies a living sacrifice, holy, pleasing unto God, your reasonable service.