Romans - रोमियों 11 | View All

1. इसलिये मैं कहता हूं, क्या परमेश्वर ने अपनी प्रजा को त्याग दिया? कदापि नहीं; मैं भी तो इस्त्राएली हूं: इब्राहीम के वंश और बिन्यामीन के गोत्रा में से हूं।
1 शमूएल 12:22, भजन संहिता 94:14

1. I Demaund then, Hath God cast away his people? God forbid: for I also am an Israelite, of the seede of Abraham, of the tribe of Beniamin.

2. परमेश्वर ने अपनी उस प्रजा को नहीं त्यागा, जिसे उस ने पहिले ही से जाना: क्या तुम नहीं जानते, कि पवित्रा शास्त्रा एलियाह की कथा में क्या कहता है; कि वह इस्त्राएल के विरोध में परमेश्वर से बिनती करता है।
1 शमूएल 12:22, भजन संहिता 94:14

2. God hath not cast away his people which he knew before. Know ye not what the Scripture sayth of Elias, howe hee communeth with God against Israel, saying,

3. कि हे प्रभु, उन्हों ने तेरे भविष्यद्वक्ताओं को घात किया, और तेरी वेदियों को ढ़ा दिया है; और मैं ही अकेला बच रहा हूं, और वे मेरे प्राण के भी खोजी हैं।
1 राजाओं 19:10, 1 राजाओं 19:14

3. Lord, they haue killed thy Prophets, and digged downe thine altars: and I am left alone, and they seeke my life?

4. परन्तु परमेश्वर से उसे क्या उत्तर मिला कि मैं ने अपने लिये सात हजार पुरूषों को रख छोड़ा है जिन्हों ने बाअल के आग घुटने नहीं टेके हैं।
1 राजाओं 19:18

4. But what saith the answere of God to him? I haue reserued vnto my selfe seuen thousand men, which haue not bowed the knee to Baal.

5. सो इसी रीति से इस समय भी, अनुग्रह से चुने हुए कितने लोग बाकी हैं।

5. Euen so then at this present time is there a remnant according to the election of grace.

6. यदि यह अनुग्रह से हुआ है, तो फिर कर्मों से नहीं, नहीं तो अनुग्रह फिर अनुग्रह नहीं रहा।

6. And if it be of grace, it is no more of workes: or els were grace no more grace: but if it be of workes, it is no more grace: or els were worke no more worke.

7. सो परिणाम क्या हुआ? यह कि इस्त्राएली जिस की खोज में हैं, वह उन को नहीं मिला; परन्तु चुने हुओं को मिला और शेष लोग कठोर किए गए हैं।

7. What then? Israel hath not obtained that he sought: but the election hath obteined it, and the rest haue bene hardened,

8. जैसा लिखा है, कि परमेश्वर ने उन्हें आज के दिन तक भारी नींद में डाल रखा है और ऐसी आंखें दी जो न देखें और ऐसे कान जो न सुनें।
व्यवस्थाविवरण 29:4, यशायाह 6:9-10, यशायाह 29:10, यहेजकेल 12:2

8. According as it is written, God hath giuen them the spirit of slumber: eyes that they should not see, and eares that they should not heare vnto this day.

9. और दाऊद कहता है; उन का भोजन उन के लिये जाल, और फन्दा, और ठोकर, और दण्ड का कारण हो जाए।
भजन संहिता 35:8, भजन संहिता 69:22-23

9. And Dauid sayth, Let their table be made a snare, and a net, and a stumbling blocke, euen for a recompence vnto them.

10. उन की आंखों पर अन्धेरा छा जाए ताकि न देखें, और तू सदा उन की पीठ को झुकाए रख।
भजन संहिता 35:8, भजन संहिता 69:22-23

10. Let their eyes be darkened that they see not, and bowe downe their backe alwayes.

11. सो मैं कहता हूं क्या उन्हों ने इसलिये ठोकर खाई, कि गिर पड़ें? कदापि नहीं: परन्तु उन के गिरने के कारण अन्यजानियों को उद्धार मिला, कि उन्हें जलन हो।
व्यवस्थाविवरण 32:21

11. I demaund then, Haue they stumbled, that they should fall? God forbid: but through their fall, saluation commeth vnto the Gentiles, to prouoke them to follow them.

12. सो यदि उन का गिरना जगत के लिये धन और उन की घटी अन्यजातियों के लिये सम्पत्ति का कारण हुआ, तो उन की भरपूरी से कितना न होगा।।

12. Wherefore if the fall of them be the riches of the world, and the diminishing of them the riches of the Gentiles, how much more shall their aboundance be?

13. मैं तुम अन्यजातियों से यह बातें कहता हूं: जब कि मैं अन्याजातियों के लिये प्रेरित हूं, तो मैं अपनी सेवा की बड़ाई करता हूं।

13. For in that I speake to you Gentiles, in as much as I am the Apostle of ye Gentiles, I magnifie mine office,

14. ताकि किसी रीति से मैं अपने कुटुम्बियों से जलन करवाकर उन में से कई एक का उद्धार कराऊं।

14. To trie if by any meanes I might prouoke them of my flesh to follow them, and might saue some of them.

15. क्योंकि जब कि उन का त्याग दिया जाना जगत के मिलाप का कारण हुआ, तो क्या उन का ग्रहण किया जाना मरे हुओं में से जी उठने के बराबर न होगा?

15. For if the casting away of them be the reconciling of the world, what shall the receiuing be, but life from the dead?

16. जब भेंट का पहिला पेड़ा पवित्रा ठहरा, तो पूरा गुंधा हुआ आटा भी पवित्रा है: और जब जड़ पवित्रा ठहरी, तो डालियां भी ऐसी ही हैं।
गिनती 15:17-21, Neh-h 10 37, यहेजकेल 44:30

16. For if the first fruites be holy, so is the whole lumpe: and if the roote be holy, so are the branches.

17. और यदि कई एक डाली तोड़ दी गई, और तू जंगली जलपाई होकर उन में साटा गया, और जलपाई की जड़ की चिकनाई का भागी हुआ है।

17. And though some of the branches be broken off, and thou being a wilde Oliue tree, wast graft in for them, and made partaker of the roote, and fatnesse of the Oliue tree.

18. तो डालियों पर घमण्ड न करना: और यदि तू घमण्ड करे, तो जान रख, कि तू जड़ को नहीं, परन्तु जड़ तुझे सम्भालती है।

18. Boast not thy selfe against the branches: and if thou boast thy selfe, thou bearest not the roote, but the roote thee.

19. फिर तू कहेगा डालियां इसलिये तोड़ी गई, कि मैं साटा जाऊं।

19. Thou wilt say then, The branches are broken off, that I might be graft in.

20. भला, वे तो अविश्वास के कारण तोड़ी गई, परन्तु तू विश्वास से बना रहता है इसलिये अभिमानी न हो, परन्तु भय कर।

20. Well: through vnbeliefe they are broken off, and thou standest by faith: bee not hie minded, but feare.

21. क्योंकि जब परमेश्वर ने स्वाभाविक डालियां न छोड़ी, तो तुझे भी न छोड़ेगा।

21. For if God spared not the naturall branches, take heede, least he also spare not thee.

22. इसलिये परमेश्वर की कृपा और कड़ाई को देख! जो गिर गए, उन पर कड़ाई, परन्तु तुझ पर कृपा, यदि तू उस में बना रहे, नहीं तो, तू भी काट डाला जाएगा।

22. Beholde therefore the bountifulnesse, and seueritie of God: towarde them which haue fallen, seueritie: but toward thee, bountifulnesse, if thou continue in his bountifulnesse: or els thou shalt also be cut off.

23. और वे भी यदि अविश्वास में न रहें, तो साटे जाएंगे क्योंकि परमशॆवर उन्हें फिर साट सकता है।

23. And they also, if they abide not still in vnbeliefe, shall be graffed in: for God is able to graffe them in againe.

24. क्योंकि यदि तू उस जलपाई से, जो स्वभाव से जंगली है काटा गया और स्वभाव के विरूद्ध अच्छी जलपाई में साटा गया तो ये जो स्वाभाविक डालियां हैं, अपने ही जलपाई में साटे क्यों न जाएंगे।

24. For if thou wast cut out of the Oliue tree, which was wilde by nature, and wast graffed contrary to nature in a right Oliue tree, how much more shall they that are by nature, bee graffed in their owne Oliue tree?

25. हे भाइयों, कहीं ऐसा न हो, कि तुम अपने आप को बुद्धिमान समझ लो; इसलिये मैं नहीं चाहता कि तुम इस भेद से अनजान रहो, कि जब तक अन्यजातियां पूरी रीति से प्रवेश न कर लें, तब तक इस्त्राएल का एक भाग ऐसा ही कठोर रहेगा।

25. For I would not, brethren, that ye should be ignorant of this secret (least ye should bee arrogant in your selues) that partly obstinacie is come to Israel, vntill the fulnesse of the Gentiles be come in.

26. और इस रीति से सारा इस्त्राएल उद्धार पाएगा; जैसा लिखा है, कि छुड़ानेवाला सिरयोन से आएगा, और अभक्ति को याकूब से दूर करेगा।
भजन संहिता 14:7, यशायाह 59:20, यशायाह 59:20, यिर्मयाह 31:33-34

26. And so all Israel shalbe saued, as it is written, The deliuerer shall come out of Sion, and shall turne away the vngodlinesse from Iacob.

27. और उन के साथ मेरी यही वाचा होगी, जब कि मैं उन के पापों को दूर कर दूंगा।
यशायाह 27:9, यशायाह 59:21, भजन संहिता 14:7, भजन संहिता 14:7, यिर्मयाह 31:33-34

27. And this is my couenant to them, When I shall take away their sinnes.

28. वे सुसमाचार के भाव से तो तुम्हारे बैरी हैं, परन्तु चुन लिये जाने के भाव से बापदादों के प्यारे हैं।

28. As concerning the Gospel, they are enemies for your sakes: but as touching the election, they are beloued for the fathers sakes.

29. क्योंकि परमेश्वर अपने बरदानों से, और बुलाहट से कभी पीछे नहीं हटता।

29. For the giftes and calling of God are without repentance.

30. क्योंकि जैसे तुम ने पहिले परमेश्वर की आज्ञा न मानी परन्तु अभी उन के आज्ञा न मानने से तुम पर दया हुई।

30. For euen as yee in times past haue not beleeued God, yet haue nowe obteined mercie through their vnbeliefe:

31. वैसे ही उन्हों ने भी अब आज्ञा न मानी कि तुम पर जो दया होती है इस से उन पर भी दया हो।

31. Euen so nowe haue they not beleeued by the mercie shewed vnto you, that they also may obtaine mercie.

32. ैक्योंकि परमेश्वर ने सब को आज्ञा न मानने के कारण बन्द कर रखा ताकि वह सब पर दया करे।।

32. For God hath shut vp all in vnbeliefe, that he might haue mercie on all.

33. आहा! परमेश्वर का धन और बुद्धि और ज्ञान क्या ही गंभीर है! उसके विचार कैसे अथाह, और उसके मार्ग कैसे अगम हैं!
यशायाह 45:15, यशायाह 55:8

33. O the deepenesse of the riches, both of the wisdome, and knowledge of God! howe vnsearcheable are his iudgements, and his wayes past finding out!

34. प्रभु कि बुद्धि को किस ने जाना? या उसका मंत्री कौन हुआ?
अय्यूब 15:8, यशायाह 40:13-14, यशायाह 40:13-14, यिर्मयाह 23:18

34. For who hath knowen the minde of the Lord? or who was his counsellour?

35. या किस ने पहिले उसे कुछ दिया है जिस का बदला उसे दिया जाए।
अय्यूब 41:11, यशायाह 40:13-14

35. Or who hath giuen vnto him first, and he shalbe recompensed?

36. क्योंकि उस की ओर से, और उसी के द्वारा, और उसी के लिये सब कुछ है: उस की महिमा युगानुयुग होती रहे: आमीन।।

36. For of him, and through him, and for him are all things: to him be glory for euer. Amen.



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