Acts - प्रेरितों के काम 2 | View All

1. जब पिन्तेकुस का दिन आया, तो वे सब एक जगह इकट्ठे थे।
लैव्यव्यवस्था 23:15-21, व्यवस्थाविवरण 16:9-11

1. And, when the day of pentecost was filling up the number of days they were all together with one intent;

2. और एकाएक आकाश से बड़ी आंधी की सी सनसनाहट का शब्द हुआ, और उस से सारा घर जहां वे बैठे थे, गूंज गया।

2. When there came suddenly out of heaven a sound, just as of a mighty rushing wind, -and it filled all the house where they were sitting;

3. और उन्हें आग की सी जीभें फटती हुई दिखाई दीं; और उन में से हर एक पर आ ठहरीं।

3. And there appeared unto them parting asunder tongues like as of fire, and it sat upon each one of them;

4. और वे सब पवित्रा आत्मा से भर गए, और जिस प्रकार आत्मा ने उन्हें बोलने की सामर्थ दी, वे अन्य अन्य भाषा बोलने लगे।।

4. And they were all filled with Holy Spirit, and began to be speaking with other kinds of tongues just as the Spirit was giving unto them to be sounding forth.

5. और आकाश के नीचे की हर एक जाति में से भक्त यहूदी यरूशलेम में रहते थे।

5. Now there were in Jerusalem sojourning Jews, reverent men from every nation who were under heaven;

6. जब वह शब्द हुआ तो भीड़ लग गई और लोग घबरा गए, क्योंकि हर एक को यही सुनाई देता था, कि ये मेरी ही भाषा में बोल रहे हैं।

6. And this sound occurring the throng came together and was thrown into confusion, because each one severally heard in his own language them who were speaking;

7. और वे सब चकित और अचम्भित होकर कहने लगे; देखो, ये जो बोल रहे हैं क्या सब गलीली नहीं?

7. Yea they were beside themselves and did marvel, saying Lo! are not all these who are speaking Galilaeans?

8. तो फिर क्यों हम में से हर एक अपनी अपनी जन्म भूमि की भाषा सुनता है?

8. How then do, we, hear each one in our own language in which we were born?

9. हम जो पारथी और मेदी और एलामी लोग और मिसुपुतामिया और यहूदिया और कप्पदूकिया और पुन्तुस और आसिया।

9. Parthians and Medes and Elamites, and those dwelling in Mesopotamia, Judaea also and Cappadocia, Pontus and Asia,

10. और फ्रूगिया और पमफूलिया और मिसर और लिबूआ देश जो कुरेने के आस पास है, इन सब देशों के रहनेवाले और रोमी प्रवासी, क्या यहूदी क्या यहूदी मत धारण करनेवाले, क्रेती और अरबी भी हैं।

10. Phrygia also and Pamphylia, Egypt and the parts of the Libya that is towards Cyrene, and the sojourning Romans, both Jews and proselytes,

11. परन्तु अपनी अपनी भाषा में उन से परमेश्वर के बड़े बड़े कामों की चर्चा सुनते हैं।

11. Cretans and Arabians, we do hear them speaking in our own tongues the magnificent things of God.

12. और वे सब चकित हुए, और घबराकर एक दूसरे से कहने लगे कि यह क्या हुआ चाहता है?

12. But they were all beside themselves and were utterly at a loss, saying one to another What doth this please to be?

13. परन्तु औरों ने ठट्ठा करके कहा, कि वे तो नई मदिरा के नशे में हैं।।

13. While, others, in mockery were saying With sweet wine, are they drunken!

14. पतरस उन ग्यारह के साथ खड़ा हुआ और ऊंचे शब्द से कहने लगा, कि हे यहूदियो, और हे यरूशलेम के सब रहनेवालो, यह जान लो और कान लगाकर मेरी बातें सुनो।

14. But, taking his stand, Peter with the eleven lifted up his voice, and sounded out unto them Ye men of Judaea, and all ye who are sojourning in Jerusalem! Let, this, unto you be known, and give ear unto my declarations;

15. जैसा तुम समझ रहे हो, ये नशें में नहीं, क्योंकि अभी तो पहर ही दिन चढ़ा है।

15. For not, as, ye, suppose, are these men drunken, for it is the third hour of the day;

16. परन्तु यह वह बात है, जो योएल भविष्यद्वक्ता के द्वारा कही गई है।

16. But this is that which hath been spoken through the prophet Joel

17. कि परमेश्वर कहता है, कि अन्त कि दिनों में ऐसा होगा, कि मैं अपना आत्मा सब मनुष्यों पर उंडेलूंगा और तुम्हारे बेटे और तुम्हारी बेटियां भविष्यद्वाणी करेंगी और तुम्हारे जवान दर्शन देखेंगे, और तुम्हारे पुरनिए स्वप्त देखेंगे।
योएल 2:28-32

17. And it shall be, in the last days saith God, I will pour out of my Spirit upon all flesh; and your sons and your daughters shall prophesy, and, your young men, visions shall see and, your elders, in dreams shall dream,

18. बरन मैं अपने दासों और अपनी दासियों पर भी उन दिनों में अपने आत्मा में से उंडेलूंगा, और वे भविष्यद्वाणी करेंगे।

18. And, even upon my men-servants and upon my maid-servants in those days, will I pour out of my Spirit, and they shall prophesy;

19. और मैं ऊपर आकाश में अद्भुत काम, और नीचे धरती पर चिन्ह, अर्थात् लोहू, और आग और धूएं का बादल दिखाऊंगा।

19. And I will set forth wonders in the heaven above, and signs upon the earth beneath, blood and fire and vapour of smoke:

20. प्रभु के महान और प्रसिद्ध दिन के आने से पहिले सूर्य अन्धेरा और चान्द लोहू हो जाएगा।

20. The sun, shall be turned into darkness and, the moon, into blood, before the coming of the day of the Lord, the great and manifest day ;

21. और जो कोई प्रभु का नाम लेगा, वही उद्धार पाएगा।

21. And it shall be Whosoever shall call upon the name of the Lord, shall be saved.

22. हे इस्त्राएलियों, ये बातें सुनो: कि यीशु नासरी एक मनुष्य था जिस का परमेश्वर की ओर से होने का प्रमाण उन सामर्थ के कामों और आश्चर्य के कामों और चिन्हों से प्रगट है, जो परमेश्वर ने तुम्हारे बीच उसके द्वारा कर दिखलाए जिसे तुम आप ही जानते हो।

22. Ye men of Israel! hear these words: Jesus the Nazarene, a man pointed out of God unto you by mighty works and wonders and signs, which God did through him in your midst, just as ye yourselves know,

23. उसी को, जब वह परमेश्वर की ठहराई हुई मनसा और होनहार के ज्ञान के अनुसार पकड़वाया गया, तो तुम ने अधर्मियों के हाथ से उसे क्रूस पर चढ़वाकर मार डाला।

23. The same, by the marked out counsel and foreknowledge of God given up, through the hands of lawless men, suspending, ye slew,

24. परन्तु उसी को परमेश्वर ने मृत्यु के बन्धनों से छुड़ाकर जिलाया: क्योंकि यह अनहोना था कि वह उसके वश में रहता।
2 शमूएल 22:6, भजन संहिता 18:4, भजन संहिता 116:3

24. Whom, God, raised up, loosing the pangs of death, inasmuch as it was, not possible, for him to continue held fast by it.

25. क्योंकि दाऊद उसके विषय में कहता है, कि मैं प्रभु को सर्वदा अपने साम्हने देखता रहा क्योंकि वह मेरी दहिनी ओर है, ताकि मैं डिग न जाऊं।
भजन संहिता 16:8-11

25. For, David, saith concerning him I foresaw the Lord before me continually, because he is, on my right hand, that I may not be shaken;

26. इसी कारण मेरा मन आनन्द हुआ, और मेरी जीभ मगन हुई; बरन मेरा श्रीर भी आशा में बसा रहेगा।

26. For this reason, was my heart made glad and my tongue exulted, ye further, even my flesh, shall encamp on hope:

27. क्योंकि तू मेरे प्राणों को अधोलोक में न छोड़ेगा; और न अपने पवित्रा जन को सड़ने ही देगा!

27. Because thou wilt not abandon my soul unto hades, neither wilt thou give thy man of lovingkindness to see corruption;

28. तू ने मुझे जीवन का मार्ग बताया हे; तू मुझे अपने दर्शन के द्वारा आनन्द से भर देगा।

28. Thou madest known unto me paths of life, thou wilt make me full of gladness with thy countenance.

29. हे भाइयो, मैं उस कुलपति दाऊद के विषय में तुम से साहस के साथ कह सकता हूं कि वह तो मर गया और गाड़ा भी गया और उस की कब्र आज तक हमारे यहां वर्तमान है।
1 राजाओं 2:10

29. Brethren! it is, allowable, to say with freedom of speech unto you, concerning the patriarch David, that he both died and was buried, and, his tomb, is among us until this day.

30. सो भविष्यद्वक्ता होकर और यह जानकर कि परमेश्वर ने मुझ से शपथ खाई है, कि परमेश्वर ने मुझ से शपथ खाई है, कि मैं तेरे वंश में से एक व्यक्ति को तेरे सिंहासन पर बैठाऊंगा।
2 शमूएल 7:12-13, भजन संहिता 132:11, यिर्मयाह 30:9

30. Being then, a prophet, and knowing that, with an oath, God had sworn unto him, of the fruit of his loins, to seat on his throne,

31. उस ने होनहार को पहिले ही से देखकर मसीह के जी उठने के विषय में भविष्यद्वाणी की कि न तो उसका प्राण अधोलोक में छोड़ा गया, और न उस की देह सड़ने पाई।
भजन संहिता 16:10

31. With foresight, spake he concerning the resurrection of the Christ that neither was he abandoned unto hades, nor did his flesh see corruption.

32. इसी यीशु को परमेश्वर ने जिलाया, जिस के हम सब गवाह हैं।

32. The same Jesus, hath God raised up, whereof, all we, are witnesses!

33. इस प्रकार परमेश्वर के दहिने हाथ से सर्वोच्च पद पाकर, और पिता से वह पवित्रा आत्मा प्राप्त करके जिस की प्रतिज्ञा की गई थी, उस ने यह उंडेल दिया है जो तुम देखते और सनते हो।

33. By the right hand of God, therefore, having been exalted, also, the promise of the Holy Spirit, having received from the Father, He hath poured out this which, yourselves, do see and hear.

34. क्योंकि दाऊद तो स्वर्ग पर नहीं चढ़ा; परन्तु वह आप कहता है, कि प्रभु ने मेरे प्रभु से कहा;
भजन संहिता 110:1

34. For, David, hath not ascended into the heavens; but he saith, himself, Said the Lord unto my Lord, Sit thou at my right hand,

35. मेरे दहिने बैठ, जब तक कि मैं तेरे बैरियों को तेरे पांवों तले की चौकी न कर दूं।
भजन संहिता 110:1

35. Until I make thy foes thy footstool.

36. सो अब इस्त्राएल का सारा घराना निश्चय जान ले कि परमेश्वर ने उसी यीशु को जिसे तुम ने क्रूस पर चढ़ाया, प्रभु भी ठहराया और मसीह भी।।

36. Assuredly, then, let all the house of Israel know: that, both Lord and Christ, hath God made him, even the same Jesus whom, ye, crucified!

37. तब सुननेवालों के हृदय छिद गए, और वे पतरस और शेष प्रेरितों से पूछने लगे, कि हे भाइयो, हम क्या करें?

37. And, when they heard this, they were pricked to the heart, and said unto Peter and the rest of the apostles What are we to do, brethren?

38. पतरस ने उन से कहा, मन फिराओ, और तुम में से हर एक अपने अपने पापों की क्षमा के लिये यीशु मसीह के नाम से बपतिस्मा ले; तो तुम पवित्रा आत्मा का दान पाओगे।

38. And Peter said unto them Repent ye, and let each one of you be immersed, in the name of Jesus Christ, into the remission of your sins, and ye shall receive the free-gift of the Holy Spirit;

39. क्योंकि यह प्रतिज्ञा तुम, और तुम्हारी सन्तानों, और उन सब दूर दूर के लोगों के लिये भी है जिनको प्रभु हमारा परमेश्वर अपने पास बुलाएगा।
योएल 2:32

39. For, unto you, is the promise, and unto your children, and unto all them who are afar off: as many soever as the Lord our God shall call unto him.

40. उस ने बहुत ओर बातों में भी गवाही दे देकर समझाया कि अपने आप को इस टेढ़ी जाति से बचाओ।
व्यवस्थाविवरण 32:5, भजन संहिता 78:8, भजन संहिता 89:3-4

40. And, with many different words, bare he frail witness, and went on exhorting them saying Be saved from this perverse generation!

41. सो जिन्हों ने उसका वचन ग्रहण किया उन्हों ने बपतिस्मा लिया; और उसी दिन तीन हजार मनुष्यों के लगभग उन में मिल गए।

41. They, therefore, who welcomed his word, were immersed; and there were added, on that day, about three thousand souls.

42. और वे प्ररितों से शिक्षा पाने, और संगति रखने में और रोटी तोड़ने में और प्रार्थना करने में लौलीन रहे।।

42. And they went on to give constant attention unto the teaching of the apostles, and unto the fellowship, unto the breaking of bread, and unto the prayers.

43. और सब लोगों पर भय छा गया, और बहुत से अद्भुत काम और चिन्ह प्रेरितों के द्वारा प्रगट होते थे।

43. And there came on every soul, fear, and, many wonders and signs, through means of the apostles, were coming to pass.

44. और वे सब विश्वास करनेवाले इकट्ठे रहते थे, और उन की सब वस्तुएं साझे की थी।

44. And, all who believed, with one accord, began to hold all things common;

45. और वे अपनी अपनी सम्पत्ति और सामान बेच बेचकर जैसी जिस की आवश्यकता होती थी बांट दिया करते थे।

45. and, their possessions and goods, were they selling and distributing them unto all, in so far as anyone had need.

46. और वे प्रति दिन एक मन होकर मन्दिर में इकट्ठे होते थे, और घर घर रोटी तोड़ते हुए आनन्द और मन की सीधाई से भोजन किया करते थे।

46. And, daily giving attendance with one intent in the temple and, at home, breaking bread, they were partaking of food with exultation and singleness of heart;

47. और परमेश्वर की स्तुति करते थे, और सब लोग उन से प्रसन्न थे: और जो उद्धार पाते थे, उनको प्रभु प्रति दिन उन में मिला देता था।।

47. Praising God, and having favour with all the people. And, the Lord, was adding them who were being saved, daily, together.



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