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1. जब पिन्तेकुस का दिन आया, तो वे सब एक जगह इकट्ठे थे।लैव्यव्यवस्था 23:15-21, व्यवस्थाविवरण 16:9-11
1. And when the day of Pentecost was fully come, they were all with one accord in one place.
2. और एकाएक आकाश से बड़ी आंधी की सी सनसनाहट का शब्द हुआ, और उस से सारा घर जहां वे बैठे थे, गूंज गया।
2. And suddenly there came a sound from heaven as of a rushing mighty wind, and it filled all the house where they were sitting.
3. और उन्हें आग की सी जीभें फटती हुई दिखाई दीं; और उन में से हर एक पर आ ठहरीं।
3. And there appeared to them cloven tongues like as of fire, and it sat on each of them.
4. और वे सब पवित्रा आत्मा से भर गए, और जिस प्रकार आत्मा ने उन्हें बोलने की सामर्थ दी, वे अन्य अन्य भाषा बोलने लगे।।
4. And they were all filled with the Holy Ghost, and began to speak with other tongues, as the Spirit gave them utterance.
5. और आकाश के नीचे की हर एक जाति में से भक्त यहूदी यरूशलेम में रहते थे।
5. And there were dwelling at Jerusalem Jews, devout men, out of every nation under heaven.
6. जब वह शब्द हुआ तो भीड़ लग गई और लोग घबरा गए, क्योंकि हर एक को यही सुनाई देता था, कि ये मेरी ही भाषा में बोल रहे हैं।
6. Now when this was noised abroad, the multitude came together, and were confounded, because that every man heard them speak in his own language.
7. और वे सब चकित और अचम्भित होकर कहने लगे; देखो, ये जो बोल रहे हैं क्या सब गलीली नहीं?
7. And they were all amazed and marveled, saying one to another, Behold, are not all these which speak Galilaeans?
8. तो फिर क्यों हम में से हर एक अपनी अपनी जन्म भूमि की भाषा सुनता है?
8. And how hear we every man in our own tongue, wherein we were born?
9. हम जो पारथी और मेदी और एलामी लोग और मिसुपुतामिया और यहूदिया और कप्पदूकिया और पुन्तुस और आसिया।
9. Parthians, and Medes, and Elamites, and the dwellers in Mesopotamia, and in Judaea, and Cappadocia, in Pontus, and Asia,
10. और फ्रूगिया और पमफूलिया और मिसर और लिबूआ देश जो कुरेने के आस पास है, इन सब देशों के रहनेवाले और रोमी प्रवासी, क्या यहूदी क्या यहूदी मत धारण करनेवाले, क्रेती और अरबी भी हैं।
10. Phrygia, and Pamphylia, in Egypt, and in the parts of Libya about Cyrene, and strangers of Rome, Jews and proselytes,
11. परन्तु अपनी अपनी भाषा में उन से परमेश्वर के बड़े बड़े कामों की चर्चा सुनते हैं।
11. Cretes and Arabians, we do hear them speak in our tongues the wonderful works of God.
12. और वे सब चकित हुए, और घबराकर एक दूसरे से कहने लगे कि यह क्या हुआ चाहता है?
12. And they were all amazed, and were in doubt, saying one to another, What means this?
13. परन्तु औरों ने ठट्ठा करके कहा, कि वे तो नई मदिरा के नशे में हैं।।
13. Others mocking said, These men are full of new wine.
14. पतरस उन ग्यारह के साथ खड़ा हुआ और ऊंचे शब्द से कहने लगा, कि हे यहूदियो, और हे यरूशलेम के सब रहनेवालो, यह जान लो और कान लगाकर मेरी बातें सुनो।
14. But Peter, standing up with the eleven, lifted up his voice, and said to them, You men of Judaea, and all you that dwell at Jerusalem, be this known to you, and listen to my words:
15. जैसा तुम समझ रहे हो, ये नशें में नहीं, क्योंकि अभी तो पहर ही दिन चढ़ा है।
15. For these are not drunken, as you suppose, seeing it is but the third hour of the day.
16. परन्तु यह वह बात है, जो योएल भविष्यद्वक्ता के द्वारा कही गई है।
16. But this is that which was spoken by the prophet Joel;
17. कि परमेश्वर कहता है, कि अन्त कि दिनों में ऐसा होगा, कि मैं अपना आत्मा सब मनुष्यों पर उंडेलूंगा और तुम्हारे बेटे और तुम्हारी बेटियां भविष्यद्वाणी करेंगी और तुम्हारे जवान दर्शन देखेंगे, और तुम्हारे पुरनिए स्वप्त देखेंगे।योएल 2:28-32
17. And it shall come to pass in the last days, said God, I will pour out of my Spirit on all flesh: and your sons and your daughters shall prophesy, and your young men shall see visions, and your old men shall dream dreams:
18. बरन मैं अपने दासों और अपनी दासियों पर भी उन दिनों में अपने आत्मा में से उंडेलूंगा, और वे भविष्यद्वाणी करेंगे।
18. And on my servants and on my handmaidens I will pour out in those days of my Spirit; and they shall prophesy:
19. और मैं ऊपर आकाश में अद्भुत काम, और नीचे धरती पर चिन्ह, अर्थात् लोहू, और आग और धूएं का बादल दिखाऊंगा।
19. And I will show wonders in heaven above, and signs in the earth beneath; blood, and fire, and vapor of smoke:
20. प्रभु के महान और प्रसिद्ध दिन के आने से पहिले सूर्य अन्धेरा और चान्द लोहू हो जाएगा।
20. The sun shall be turned into darkness, and the moon into blood, before the great and notable day of the Lord come:
21. और जो कोई प्रभु का नाम लेगा, वही उद्धार पाएगा।
21. And it shall come to pass, that whoever shall call on the name of the Lord shall be saved.
22. हे इस्त्राएलियों, ये बातें सुनो: कि यीशु नासरी एक मनुष्य था जिस का परमेश्वर की ओर से होने का प्रमाण उन सामर्थ के कामों और आश्चर्य के कामों और चिन्हों से प्रगट है, जो परमेश्वर ने तुम्हारे बीच उसके द्वारा कर दिखलाए जिसे तुम आप ही जानते हो।
22. You men of Israel, hear these words; Jesus of Nazareth, a man approved of God among you by miracles and wonders and signs, which God did by him in the middle of you, as you yourselves also know:
23. उसी को, जब वह परमेश्वर की ठहराई हुई मनसा और होनहार के ज्ञान के अनुसार पकड़वाया गया, तो तुम ने अधर्मियों के हाथ से उसे क्रूस पर चढ़वाकर मार डाला।
23. Him, being delivered by the determinate counsel and foreknowledge of God, you have taken, and by wicked hands have crucified and slain:
24. परन्तु उसी को परमेश्वर ने मृत्यु के बन्धनों से छुड़ाकर जिलाया: क्योंकि यह अनहोना था कि वह उसके वश में रहता।2 शमूएल 22:6, भजन संहिता 18:4, भजन संहिता 116:3
24. Whom God has raised up, having loosed the pains of death: because it was not possible that he should be held of it.
25. क्योंकि दाऊद उसके विषय में कहता है, कि मैं प्रभु को सर्वदा अपने साम्हने देखता रहा क्योंकि वह मेरी दहिनी ओर है, ताकि मैं डिग न जाऊं।भजन संहिता 16:8-11
25. For David speaks concerning him, I foresaw the Lord always before my face, for he is on my right hand, that I should not be moved:
26. इसी कारण मेरा मन आनन्द हुआ, और मेरी जीभ मगन हुई; बरन मेरा श्रीर भी आशा में बसा रहेगा।
26. Therefore did my heart rejoice, and my tongue was glad; moreover also my flesh shall rest in hope:
27. क्योंकि तू मेरे प्राणों को अधोलोक में न छोड़ेगा; और न अपने पवित्रा जन को सड़ने ही देगा!
27. Because you will not leave my soul in hell, neither will you suffer your Holy One to see corruption.
28. तू ने मुझे जीवन का मार्ग बताया हे; तू मुझे अपने दर्शन के द्वारा आनन्द से भर देगा।
28. You have made known to me the ways of life; you shall make me full of joy with your countenance.
29. हे भाइयो, मैं उस कुलपति दाऊद के विषय में तुम से साहस के साथ कह सकता हूं कि वह तो मर गया और गाड़ा भी गया और उस की कब्र आज तक हमारे यहां वर्तमान है।1 राजाओं 2:10
29. Men and brothers, let me freely speak to you of the patriarch David, that he is both dead and buried, and his sepulcher is with us to this day.
30. सो भविष्यद्वक्ता होकर और यह जानकर कि परमेश्वर ने मुझ से शपथ खाई है, कि परमेश्वर ने मुझ से शपथ खाई है, कि मैं तेरे वंश में से एक व्यक्ति को तेरे सिंहासन पर बैठाऊंगा।2 शमूएल 7:12-13, भजन संहिता 132:11, यिर्मयाह 30:9
30. Therefore being a prophet, and knowing that God had sworn with an oath to him, that of the fruit of his loins, according to the flesh, he would raise up Christ to sit on his throne;
31. उस ने होनहार को पहिले ही से देखकर मसीह के जी उठने के विषय में भविष्यद्वाणी की कि न तो उसका प्राण अधोलोक में छोड़ा गया, और न उस की देह सड़ने पाई।भजन संहिता 16:10
31. He seeing this before spoke of the resurrection of Christ, that his soul was not left in hell, neither his flesh did see corruption.
32. इसी यीशु को परमेश्वर ने जिलाया, जिस के हम सब गवाह हैं।
32. This Jesus has God raised up, whereof we all are witnesses.
33. इस प्रकार परमेश्वर के दहिने हाथ से सर्वोच्च पद पाकर, और पिता से वह पवित्रा आत्मा प्राप्त करके जिस की प्रतिज्ञा की गई थी, उस ने यह उंडेल दिया है जो तुम देखते और सनते हो।
33. Therefore being by the right hand of God exalted, and having received of the Father the promise of the Holy Ghost, he has shed forth this, which you now see and hear.
34. क्योंकि दाऊद तो स्वर्ग पर नहीं चढ़ा; परन्तु वह आप कहता है, कि प्रभु ने मेरे प्रभु से कहा;भजन संहिता 110:1
34. For David is not ascended into the heavens: but he said himself, The Lord said to my Lord, Sit you on my right hand,
35. मेरे दहिने बैठ, जब तक कि मैं तेरे बैरियों को तेरे पांवों तले की चौकी न कर दूं।भजन संहिता 110:1
35. Until I make your foes your footstool.
36. सो अब इस्त्राएल का सारा घराना निश्चय जान ले कि परमेश्वर ने उसी यीशु को जिसे तुम ने क्रूस पर चढ़ाया, प्रभु भी ठहराया और मसीह भी।।
36. Therefore let all the house of Israel know assuredly, that God has made the same Jesus, whom you have crucified, both Lord and Christ.
37. तब सुननेवालों के हृदय छिद गए, और वे पतरस और शेष प्रेरितों से पूछने लगे, कि हे भाइयो, हम क्या करें?
37. Now when they heard this, they were pricked in their heart, and said to Peter and to the rest of the apostles, Men and brothers, what shall we do?
38. पतरस ने उन से कहा, मन फिराओ, और तुम में से हर एक अपने अपने पापों की क्षमा के लिये यीशु मसीह के नाम से बपतिस्मा ले; तो तुम पवित्रा आत्मा का दान पाओगे।
38. Then Peter said to them, Repent, and be baptized every one of you in the name of Jesus Christ for the remission of sins, and you shall receive the gift of the Holy Ghost.
39. क्योंकि यह प्रतिज्ञा तुम, और तुम्हारी सन्तानों, और उन सब दूर दूर के लोगों के लिये भी है जिनको प्रभु हमारा परमेश्वर अपने पास बुलाएगा।योएल 2:32
39. For the promise is to you, and to your children, and to all that are afar off, even as many as the LORD our God shall call.
40. उस ने बहुत ओर बातों में भी गवाही दे देकर समझाया कि अपने आप को इस टेढ़ी जाति से बचाओ।व्यवस्थाविवरण 32:5, भजन संहिता 78:8, भजन संहिता 89:3-4
40. And with many other words did he testify and exhort, saying, Save yourselves from this untoward generation.
41. सो जिन्हों ने उसका वचन ग्रहण किया उन्हों ने बपतिस्मा लिया; और उसी दिन तीन हजार मनुष्यों के लगभग उन में मिल गए।
41. Then they that gladly received his word were baptized: and the same day there were added to them about three thousand souls.
42. और वे प्ररितों से शिक्षा पाने, और संगति रखने में और रोटी तोड़ने में और प्रार्थना करने में लौलीन रहे।।
42. And they continued steadfastly in the apostles' doctrine and fellowship, and in breaking of bread, and in prayers.
43. और सब लोगों पर भय छा गया, और बहुत से अद्भुत काम और चिन्ह प्रेरितों के द्वारा प्रगट होते थे।
43. And fear came on every soul: and many wonders and signs were done by the apostles.
44. और वे सब विश्वास करनेवाले इकट्ठे रहते थे, और उन की सब वस्तुएं साझे की थी।
44. And all that believed were together, and had all things common;
45. और वे अपनी अपनी सम्पत्ति और सामान बेच बेचकर जैसी जिस की आवश्यकता होती थी बांट दिया करते थे।
45. And sold their possessions and goods, and parted them to all men, as every man had need.
46. और वे प्रति दिन एक मन होकर मन्दिर में इकट्ठे होते थे, और घर घर रोटी तोड़ते हुए आनन्द और मन की सीधाई से भोजन किया करते थे।
46. And they, continuing daily with one accord in the temple, and breaking bread from house to house, did eat their meat with gladness and singleness of heart,
47. और परमेश्वर की स्तुति करते थे, और सब लोग उन से प्रसन्न थे: और जो उद्धार पाते थे, उनको प्रभु प्रति दिन उन में मिला देता था।।
47. Praising God, and having favor with all the people. And the Lord added to the church daily such as should be saved.