15. हम भी तो तुम्हारे समान दु:ख- सुख भोगी मनुष्य हैं, और तुम्हें सुसमाचार सुनाते हैं, कि तुम इन व्यर्थ वस्तुओं से अलग होकर जीवते परमेश्वर की ओर फिरो, जिस ने स्वर्ग और पृथ्वी और समुद्र और जो कुछ उन में है बनाया।
निर्गमन 20:11, भजन संहिता 146:6
15. and saying, Sirs, why do ye these things? We also are men of like passions with you, and bring you good tidings, that ye should turn from these vain things unto the living God, who made the heaven and the earth and the sea, and all that in them is: