49. परन्तु जो सुनकर नहीं मानता, वह उस मनुष्य के समान है, जिस ने मिट्टी पर बिना नेव का घर बनाया। जब उस पर धारा लगी, तो वह तुरन्त गिर पड़ा, और वह गिरकर सत्यानाश हो गया।।
49. But, he that hath heard and not done, is like unto a man having built a house upon the earth, without a foundation, against which the stream burst, and, straightway, it fell in; and it came to pass, that, the crash of that house, was, great.