Luke - लूका 22 | View All

1. अखमीरी रोटी का पर्व्व जो फसह कहलाता है, निकट था।

1. তখন তাড়ীশূন্য রুটীর পর্ব্ব, যাহাকে নিস্তারপর্ব্ব বলে, নিকটবর্ত্তী হইতেছিল;

2. और महायाजक और शास्त्री इस बात की खोज में थे कि उस को क्योंकर मार डालें, पर वे लोगों से डरते थे।।

2. আর প্রধান যাজকগণ ও অধ্যাপকেরা কি প্রকারে তাঁহাকে বধ করিতে পারে, তাহারই চেষ্টা করিতেছিল, কেননা তাহারা লোকদিগকে ভয় করিত।

3. और शैतान यहूदा में समाया, जो इस्करियोती कहलाता और बारह चेलों में गिना जाता था।

3. আর শয়তান ঈষ্করিয়োতীয় নামক যিহূদার ভিতরে প্রবেশ করিল, এ সেই বারো জনের এক জন।

4. उस ने जाकर महायाजकों और पहरूओं के सरदारों के साथ बातचीत की, कि उस को किस प्रकार उन के हाथ पकड़वाए।

4. তখন সে গিয়া প্রধান যাজকদের ও সেনাপতিদের সহিত কথোপকথন করিল, কিরূপে তাঁহাকে তাহাদের হস্তে সমর্পণ করিতে পারিবে।

5. वे आनन्दित हुए, और उसे रूपये देने का वचन दिया।

5. তখন তাহারা আনন্দিত হইল, ও তাহাকে টাকা দিতে প্রতিজ্ঞা করিল।

6. उस ने मान लिया, और अवसर ढूंढ़ने लगा, कि बिना उपद्रव के उसे उन के हाथ पकड़वा दे।।

6. তাহাতে সে সম্মত হইল, এবং জনতার অগোচরে তাঁহাকে তাহাদের হস্তে সমর্পণ করিবার সুযোগ অন্বেষণ করিতে লাগিল।

7. तब अखमीरी रोटी के पर्व्व का दिन आया, जिस में फसह का मेम्ना बली करना अवश्य था।
निर्गमन 12:6, निर्गमन 12:14, निर्गमन 12:15

7. পরে তাড়ীশূন্য রুটীর দিন, অর্থাৎ যে দিন নিস্তারপর্ব্বের মেষশাবক বলিদান করিতে হইত, সেই দিন আসিল।

8. और यीशु ने पतरस और यूहन्ना को यह कहकर भेजा, कि जाकर हमारे खाने के लिये फसह तैयार करो।
निर्गमन 12:8-11

8. তখন তিনি পিতর ও যোহনকে প্রেরণ করিয়া কহিলেন, তোমরা গিয়া আমাদের জন্য নিস্তারপর্ব্বের ভোজ প্রস্তুত কর, আমরা ভোজন করিব।

9. उन्हों ने उस से पूछा, तू कहां चाहता है, कि हम तैयार करें?

9. তাঁহারা বলিলেন, কোথায় প্রস্তুত করিব? আপনার ইচ্ছা কি?

10. उस ने उन से कहा; देखो, नगर में प्रवेश करते ही एक मनुष्य जल का घड़ा उठाए हुए तुम्हें मिलेगा, जिस घर में वह जाए; तुम उसके पीछे चले जाना।

10. তিনি তাঁহাদিগকে কহিলেন, দেখ, তোমরা নগরে প্রবেশ করিলে এমন এক ব্যক্তি তোমাদের সম্মুখে পড়িবে, যে ব্যক্তি এক কলশী জল লইয়া আসিতেছে; তোমরা তাহার পশ্চাৎ পশ্চাৎ, যে বাটীতে সে প্রবেশ করিবে, তথায় যাইবে।

11. और उस घर के स्वामी से कहो, कि गुरू तुझ से कहता है; कि वह पाहुनशाला कहां है जिस में मैं अपने चेलों के साथ फसह खाऊं?

11. আর তোমরা বাটীর কর্ত্তাকে বলিবে, গুরু আপনাকে বলিতেছেন, যেখানে আমি আমার শিষ্যগণের সহিত নিস্তারপর্ব্বের ভোজ ভোজন করিতে পারি, সেই অতিথিশালা কোথায়?

12. वह तुम्हें एक सजी सजाई बड़ी अटारी दिखा देगा; वहां तैयारी करना।

12. তাহাতে সে তোমাদিগকে সাজান একটী উপরের বড় কুঠরী দেখাইয়া দিবে; সেই স্থানে প্রস্তুত করিও।

13. उन्हों ने जाकर, जैसा उस ने उन से कहा था, वैसा ही पाया, और फसह तैयार किया।।

13. তাঁহারা গিয়া, তিনি যেরূপ বলিয়াছিলেন, সেইরূপ দেখিতে পাইলেন; আর নিস্তারপর্ব্বের ভোজ প্রস্তুত করিলেন।

14. जब घड़ी पहुंची, तो वह प्रेरितों के साथ भोजन करने बैठा।

14. পরে সময় উপস্থিত হইতে তিনি ও তাঁহার সঙ্গে প্রেরিতগণ ভোজনে বসিলেন।

15. और उस ने उन से कहा; मुझे बड़ी लालसा थी, कि दुख- भोगने से पहिले यह फसह तुम्हारे साथ खाऊं।

15. তখন তিনি তাঁহাদিগকে কহিলেন, আমার দুঃখভোগের পূর্ব্বে তোমাদের সহিত আমি এই নিস্তারপর্ব্বের ভোজ ভোজন করিতে একান্তই বাঞ্ছা করিয়াছি;

16. क्योंकि मैं तुम से कहता हूं, कि जब तक वह परमेश्वर के राज्य में पूरा न हो तब तक मैं उसे कभी न खाऊंगा।

16. কেননা আমি তোমাদিগকে বলিতেছি, যে পর্য্যন্ত ঈশ্বরের রাজ্যে ইহা পূর্ণ না হয়, সেই পর্য্যন্ত আমি ইহা আর ভোজন করিব না।

17. तब उस ने कटोरा लेकर धन्यवाद किया, और कहा, इस को लो और आपस में बांट लो।

17. পরে তিনি পানপাত্র গ্রহণ করিয়া ধন্যবাদপূর্ব্বক কহিলেন, ইহা লও, এবং আপনাদের মধ্যে বিভাগ কর;

18. क्योंकि मैं तुम से कहता हूं, कि जब तक परमेश्वर का राज्य न आए तब तक मैं दाख रस अब से कभी न पीऊंगा।

18. কেননা আমি তোমাদিগকে বলিতেছি, যে পর্য্যন্ত ঈশ্বরের রাজ্যের আগমন না হয়, এখন অবধি সেই পর্য্যন্ত আমি দ্রাক্ষাফলের রস আর পান করিব না।

19. फिर उस ने रोटी ली, और धन्यवाद करके तोड़ी, और उन को यह कहते हुए दी, कि यह मेरी देह है, जो तुम्हारे लिये दी जाती है: मेरे स्मरण के लिये यही किया करो।

19. পরে তিনি রুটী লইয়া ধন্যবাদপূর্ব্বক ভাঙ্গিলেন, এবং তাঁহাদিগকে দিলেন, বলিলেন, ইহা আমার শরীর, যাহা তোমাদের নিমিত্ত দেওয়া যায়, ইহা আমার স্মরণার্থে করিও।

20. इसी रीति से उस ने बियारी के बाद कटोरा मेरे उस लोहू में जो तुम्हारे लिये बहाया जाता है नई वाचा है।
निर्गमन 24:8, यिर्मयाह 31:31, यिर्मयाह 32:40, जकर्याह 9:11

20. আর সেইরূপে তিনি ভোজন শেষ হইলে পানপাত্রটী লইয়া কহিলেন, এই পানপাত্র আমার রক্তে নূতন নিয়ম, যে রক্ত তোমাদের নিমিত্ত পাতিত হয় ।

21. पर देखो, मेरे पकड़वानेवाले का हाथ मेरे साथ मेज पर है।
भजन संहिता 41:9

21. কিন্তু দেখ, যে ব্যক্তি আমাকে সমর্পণ করিতেছে তাহার হস্ত আমার সহিত মেজের উপরে রহিয়াছে।

22. क्योंकि मनुष्य का पुत्रा तो जैसा उसके लिये ठहराया गया जाता ही है, पर हाय उस मनुष्य पर, जिस के द्वारा वह पकड़वाया जाता है!

22. কেননা যেমন নিরূপিত হইয়াছে, তদনুসারে মনুষ্যপুত্র যাইতেছেন, কিন্তু ধিক্‌ সেই ব্যক্তিকে, যাহার দ্বারা তিনি সমর্পিত হন।

23. तब वे आपस में पूछ पाछ करने लगे, कि हम में से कौन है, जो यह काम करेगा?

23. তখন তাঁহারা পরস্পর জিজ্ঞাসা করিতে লাগিলেন, তবে আমাদের মধ্যে এ কাজ কে করিবে?

24. उन में यह वाद- विवाद भी हुआ; कि हम में से कौन बड़ा समझा जाता है?

24. আর তাঁহাদের মধ্যে এই বিবাদও উৎপন্ন হইল যে, তাঁহাদের মধ্যে কে শ্রেষ্ঠ বলিয়া গণ্য।

25. उस ने उन से कहा, अन्यजातियों के राजा उन पर प्रभुता करते हैं; और जो उन पर अधिकार रखते हैं, वे उपकारक कहलाते हैं।

25. কিন্তু তিনি তাঁহাদিগকে কহিলেন, জাতিগণের রাজারাই তাহাদের উপরে প্রভুত্ব করে, এবং তাহাদের শাসনকর্ত্তারাই ‘হিতকারী’ বলিয়া আখ্যাত হয়।

26. परन्तु तुम ऐसे न होना; वरन जो तुम में बड़ा है, वह छोटे की नाई और जो प्रधान है, वह सेवक की नाई बने।

26. কিন্তু তোমরা সেইরূপ হইও না; বরং তোমাদের মধ্যে যে শ্রেষ্ঠ, সে কনিষ্ঠের ন্যায় হউক; এবং যে প্রধান, সে পরিচারকের ন্যায় হউক।

27. क्योंकि बड़ा कौन है; वह जो भोजन पर बैठा या वह जो सेवा करता है? क्या वह नहीं जो भोजन पर बैठा है? पर मैं तुम्हारे बीच में सेवक की नाईं हूं।

27. কারণ, কে শ্রেষ্ঠ? যে ভোজনে বসে, না যে পরিচর্য্যা করে? যে ভোজনে বসে, সেই কি নয়? কিন্তু আমি তোমাদের মধ্যে পরিচারকের ন্যায় রহিয়াছি।

28. परन्तु तुम वह हो, जो मेरी परीक्षाओं में लगातार मेरे साथ रहे।

28. তোমরাই আমার সকল পরীক্ষার মধ্যে আমার সঙ্গে সঙ্গে বরাবর রহিয়াছ;

29. और जैसे मेरे पिता ने मेरे लिये एक राज्य ठहराया है,

29. আর আমার পিতা যেমন আমার জন্য নিরূপণ করিয়াছেন, আমিও তেমনি তোমাদের জন্য এক রাজ্য নিরূপণ করিতেছি,

30. वैसे ही मैं भी तुम्हारे लिये ठहराता हूं, ताकि तुम मेरे राज्य में मेरी मेज पर खाओ- पिओ; बरन सिंहासनों पर बैठकर इस्त्राएल के बारह गोत्रों का न्याय करो।

30. যেন তোমরা আমার রাজ্যে আমার মেজে ভোজন পান কর; আর তোমরা সিংহাসনে বসিয়া ইস্রায়েলের দ্বাদশ বংশের বিচার করিবে।

31. शमौन, हे शमौन, देख, शैतान ने तुम लोगों को मांग लिया है कि गेंहूं की नाई फटके।
आमोस 9:9

31. শিমোন, শিমোন, দেখ, গোমের ন্যায় চালিবার জন্য শয়তান তোমাদিগকে আপনার বলিয়া চাহিয়াছে;

32. परन्तु मैं ने तेरे लिये बिनती की, कि तेरा विश्वास जाता न रहे: और जब तू फिरे, तो अपने भाइयों को स्थिर करना।

32. কিন্তু আমি তোমার নিমিত্ত বিনতি করিয়াছি, যেন তোমার বিশ্বাসের লোপ না হয়; আর তুমিও একবার ফিরিলে পর তোমার ভ্রাতৃগণকে সুস্থির করিও।

33. उस ने उस से कहा; हे प्रभु, मैं तेरे साथ बन्दीगृह जाने, वरन मरने को भी तैयार हूं।

33. তিনি তাঁহাকে কহিলেন, প্রভু, আপনার সঙ্গে আমি কারাগারে যাইতে এবং মরিতেও প্রস্তুত আছি।

34. उस ने कहा; हे पतरस मैं तुझ से कहता हूं, कि आज मुर्ग बांग देगा जब तक तू तीन बार मेरा इन्कार न कर लेगा कि मैं उसे नहीं जानता।।

34. তিনি কহিলেন, পিতর, আমি তোমাকে বলিতেছি, যে পর্য্যন্ত তুমি আমাকে চিন না বলিয়া তিন বার অস্বীকার না করিবে, সেই পর্য্যন্ত আজ কুকুড়া ডাকিবে না।

35. और उस ने उन से कहा, कि जब मैं ने तुम्हें बटुए, और झोली, और जूते बिना भेजा था, तो क्या तुम को किसी वस्तु की घटी हुई थी? उन्हों ने कहा; किसी वस्तु की नहीं।

35. আর তিনি তাঁহাদিগকে কহিলেন, আমি যখন থলী, ঝুলি ও জুতা ছাড়া তোমাদিগকে পাঠাইয়াছিলাম, তখন তোমাদের কি কিছুর অভাব হইয়াছিল? তাঁহারা কহিলেন, কিছুরই নয়।

36. उस ने उन से कहा, परन्तु अब जिस के पास बटुआ हो वह उसे ले, और वैसे ही झोली थी, और जिस के पास तलवार न हो वह अपने कपड़े बेचकर एक मोल ले।

36. তখন তিনি তাঁহাদিগকে কহিলেন, কিন্তু এখন যাহার থলী আছে, সে তাহা গ্রহণ করুক, সেইরূপ ঝুলিও গ্রহণ করুক; এবং যাহার নাই, সে আপন চোগা বিক্রয় করিয়া খড়্গ ক্রয় করুক।

37. क्योंकि मैं तुम से कहता हूं, कि यह जो लिखा है, कि वह अपराधियों के साथ गिना गया, उसका मुझ में पूरा होना अवश्य है; क्योंकि मेरे विषय की बातें पूरी होन पर हैं।
यशायाह 53:12

37. কেননা আমি তোমাদিগকে বলিতেছি, এই যে বচন লিখিত আছে, “আর তিনি অধর্ম্মীদের সহিত গণিত হইলেন,” তাহা আমাতে সিদ্ধ হইতে হইবে; কারণ আমার সম্বন্ধীয় যাহা, তাহা সিদ্ধি পাইতেছে।

38. उन्हों ने कहा; हे प्रभु, देख, यहां दो तलवारें हैं: उस ने उन से कहा; बहुत हैं।।

38. তখন তাঁহারা কহিলেন, প্রভু, দেখুন, দুইখান খড়্গ আছে। তিনি তাঁহাদিগকে কহিলেন, এই যথেষ্ট।

39. तब वह बाहर निकलकर अपनी रीति के अनुसार जैतून के पहाड़ पर गया, और चेले उसके पीछे हो लिए।

39. পরে তিনি বাহির হইয়া আপন রীতি অনুসারে জৈতুন পর্ব্বতে গেলেন, এবং শিষ্যগণও তাঁহার পশ্চাৎ পশ্চাৎ চলিলেন।

40. उस जगह पहुंचकर उस ने उन से कहा; प्रार्थना करो, कि तुम परीक्षा में न पड़ो।

40. সেই স্থানে উপস্থিত হইলে পর তিনি তাঁহাদিগকে বলিলেন, তোমরা প্রার্থনা কর, যেন পরীক্ষায় না পড়।

41. और वह आप उन से अलग एक ढेला फेंकने के टप्पे भर गया, और घुटने टेककर प्रार्थना करने लगा।

41. পরে তিনি তাঁহাদের হইতে কমবেশ এক ঢেলার পথ অন্তরে গেলেন, এবং জানু পাতিয়া প্রার্থনা করিতে লাগিলেন, বলিলেন,

42. कि हे पिता यदि तू चाहे तो इस कटोरे को मेरे पास से हटा ले, तौभी मेरी नहीं परन्तु तेरी ही इच्छा पूरी हो।

42. পিতঃ, যদি তোমার অভিমত হয়, আমা হইতে এই পানপাত্র দূর কর; তথাপি আমার ইচ্ছা নয়, তোমারই ইচ্ছা সিদ্ধ হউক;

43. तब स्वर्ग से एक दूत उस को दिखाई दिया जो उसे सामर्थ देता था।

43. তখন স্বর্গ হইতে এক দূত দেখা দিয়া তাঁহাকে সবল করিলেন।

44. और वह अत्यन्त संकट में व्याकुल होकर और भी हृदय वेदना से प्रार्थना करने लगा; और उसका पसीना मानो लोहू की बड़ी बड़ी बून्दों की नाई भूमि पर गिर रहा था।

44. পরে তিনি মর্ম্মভেদী দুঃখে মগ্ন হইয়া আরও একাগ্র ভাবে প্রার্থনা করিলেন; আর তাঁহার ঘর্ম্ম যেন রক্তের ঘনীভূত বড় বড় ফোঁটা হইয়া ভূমিতে পড়িতে লাগিল।

45. तब वह प्रार्थना से उठा और अपने चेलों के पास आकर उन्हें उदासी के मारे सोता पाया; और उन से कहा, क्यों सोते हो?

45. পরে তিনি প্রার্থনা করিয়া উঠিলে পর শিষ্যদের নিকটে আসিয়া দেখিলেন, তাঁহারা দুঃখ হেতু ঘুমাইয়া পড়িয়াছেন,

46. उठो, प्रार्थना करो, कि परीक्षा में न पड़ो।।

46. আর তাঁহাদিগকে বলিলেন, কেন ঘুমাইতেছ? উঠ, প্রার্থনা কর, যেন পরীক্ষায় না পড়।

47. वह यह कह ही रहा था, कि देखो एक भीड़ आई, और उन बारहों में से एक जिस का नाम यहूदा था उनके आगे आगे आ रहा था, वह यीशु के पास आया, कि उसका चूमा ले।

47. তিনি কথা কহিতেছেন, এমন সময়ে দেখ, অনেক লোক, এবং যাহার নাম যিহূদা,—সেই বারো জনের মধ্যে এক জন—সে তাহাদের আগে আগে আসিতেছে; সে যীশুকে চুম্বন করিবার জন্য তাঁহার নিকটে আসিল।

48. यीशु ने उस से कहा, हे यहूदा, क्या तू चूमा लेकर मनुष्य के पुत्रा को पकड़वाता है?

48. কিন্তু যীশু তাহাকে কহিলেন, যিহূদা, চুম্বন দ্বারা কি মনুষ্যপুত্রকে সমর্পণ করিতেছ?

49. उसके साथियों ने जब देखा कि क्या होनेवाला है, तो क्हा; हे प्रभु, क्या हम तलवार चलाएं?

49. তখন কি কি ঘটিবে, তাহা দেখিয়া যাঁহারা তাঁহার কাছে ছিলেন, তাঁহারা কহিলেন, প্রভু, আমরা কি খড়্গ দ্বারা আঘাত করিব?

50. और उन में से एक ने महायाजक के दास पर चलाकर उसका दहिना कान उड़ा दिया।

50. আর তাঁহাদের মধ্যে এক ব্যক্তি মহাযাজকের দাসকে আঘাত করিয়া তাহার দক্ষিণ কর্ণ কাটিয়া ফেলিলেন।

51. इस पर यीशु ने कहा; अब बस करो : और उसका कान छूकर उसे अच्छा किया।

51. কিন্তু যীশু উত্তর করিলেন, এই পর্য্যন্ত ক্ষান্ত হও। পরে তিনি তাহার কর্ণ স্পর্শ করিয়া তাহাকে সুস্থ করিলেন।

52. तब यीशु ने महायाजकों; और मन्दिर के पहरूओं के सरदरों और पुरनियों से, जो उस पर चढ़ आए थे, कहा; क्या तुम मुझे डाकू जानकर तलवारें और लाठियां लिए हुए निकले हो?

52. আর তাঁহার বিরুদ্ধে যে প্রধান যাজকগণ, ধর্ম্মধামের সেনাপতিগণ ও প্রাচীনবর্গ আসিয়াছিল, যীশু তাহাদিগকে কহিলেন, লোকে যেমন দস্যুর বিরুদ্ধে যায়, তেমনি খড়্গ ও লাঠি লইয়া কি তোমরা আসিলে?

53. जब मैं मन्दिर में हर दिन तुम्हारे साथ था, तो तुम ने मुझ पर हाथ न डाला; पर यह तुम्हारी घड़ी है, और अन्धकार का अधिकार है।।

53. আমি যখন প্রতিদিন ধর্ম্মধামে তোমাদের সঙ্গে ছিলাম, তখন আমার বিরুদ্ধে হস্ত বিস্তার কর নাই; কিন্তু এই তোমাদের সময় এবং অন্ধকারের অধিকার।

54. फिर वे उसे पकड़कर ले चले, और महायाजक के घर में लाए और पतरस दूर ही दूर उसके पीछे पीछे चलता था।

54. পরে তাহারা তাঁহাকে ধরিয়া লইয়া গেল, এবং মহাযাজকের বাটীতে আনিল; আর পিতর দূরে থাকিয়া পশ্চাৎ পশ্চাৎ চলিলেন।

55. और जब वे आंगन में आग सुलगाकर इकट्ठे बैठे, तो पतरस भी उन के बीच में बैठ गया।

55. পরে লোকেরা প্রাঙ্গণের মধ্যে আগুন জ্বালিয়া একত্র বসিলে পিতর তাহাদের মধ্যে বসিলেন।

56. और एक लौंडी उसे आग के उजियाले में बैठे देखकर और उस की ओर ताककर कहने लगी, यह भी तो उसके साथ था।

56. তিনি সেই আলোর কাছে বসিলে এক দাসী তাঁহাকে দেখিয়া তাঁহার দিকে একদৃষ্টে চাহিয়া বলিল, এ ব্যক্তিও উহার সঙ্গে ছিল।

57. परनतु उस ने यह कहकर इन्कार किया, कि हे नारी, मैं उसे नहीं जानता।

57. কিন্তু তিনি অস্বীকার করিয়া কহিলেন, না নারি! আমি তাহাকে চিনি না।

58. थोड़ी देर बाद किसी और ने उसे देखकर कहा, तू भी तो उन्हीं में से है: पतरस ने कहा; हे मनुष्य मैं नहीं हूं।

58. একটু পরে আর এক জন তাঁহাকে দেখিয়া বলিল, তুমিও তাহাদের এক জন। পিতর কহিলেন, ওহে আমি নই।

59. कोई घंटे भर के बाद एक और मनुष्य दृढ़ता से कहने लगा, निश्चय यह भी तो उसके साथ था; क्योंकि यह गलीली है।

59. ঘন্টা খানেক পরে আর এক জন দৃঢ়রূপে বলিল, সত্য, এ ব্যক্তিও তাহার সঙ্গে ছিল, কেননা এ গালীলীয় লোক।

60. पतरस ने कहा, हे मनुष्य, मैं नहीं जानता कि तू क्या कहता है? वह कह ही रहा था कि तुरन्त मुर्ग ने बांग दी।

60. তখন পিতর কহিলেন, ওহে, তুমি কি বলিতেছ, আমি বুঝিতে পারি না। তিনি কথা বলিতেছিলেন, আর অমনি কুকুড়া ডাকিয়া উঠিল।

61. तब प्रभु ने घूमकर पतरस की ओर देखा, और पतरस को प्रभु की वह बात याद आई जो उस ने कही थी, कि आज मुर्ग के बांग देने से पहिले, तू तीन बार मेरा इन्कार करेगा।

61. আর প্রভু মুখ ফিরাইয়া পিতরের দিকে দৃষ্টিপাত করিলেন; তাহাতে প্রভু এই যে বাক্য বলিয়াছিলেন, ‘অদ্য কুকুড়া ডাকিবার পূর্ব্বে তুমি তিন বার আমাকে অস্বীকার করিবে,’ তাহা পিতরের মনে পড়িল।

62. और वह बाहर निकलकर फूट फूट कर रोने लगा।।

62. আর তিনি বাহিরে গিয়া অত্যন্ত রোদন করিলেন।

63. जो मनुष्य यीशु को पकड़े हुए थे, वे उसे ठट्ठों में उड़ाकर पीटने लगे।

63. আর যে লোকেরা যীশুকে ধরিয়াছিল, তাহারা তাঁহাকে বিদ্রূপ ও প্রহার করিতে লাগিল।

64. और उस की आंखे ढांपकर उस से पूछा, कि भविष्यद्वाणी करके बता कि तुझे किसने मारा।

64. আর তাঁহার চক্ষু ঢাকিয়া জিজ্ঞাসা করিল, ভাববাণী বল্‌ দেখি, কে তোকে মারিল?

65. और उन्हों ने बहुत सी और भी निन्दा की बातें उसके विरोध में कहीं।।

65. আর তাহারা নিন্দা করিয়া তাঁহার বিরুদ্ধে আরও অনেক কথা কহিতে লাগিল।

66. जब दिन हुआ तो लोगों के पुरनिए और महायाजक और शास्त्री इकट्ठे हुए, और उसे अपनी महासथा में लाकर पूछा,

66. যখন দিন হইল, তখন লোকদের প্রাচীনবর্গের সমাজ, প্রধান যাজকেরা ও অধ্যাপকগণ একত্র হইল, এবং আপনাদের সভার মধ্যে তাঁহাকে আনাইল, আর বলিল, তুমি যদি সেই খ্রীষ্ট হও, তবে আমাদিগকে বল।

67. यदि तू मसीह है, तो हम से कह दे! उस ने उन से कहा, यदि मैं तुम से कहूं तो प्रतीति न करोगे।

67. তিনি তাহাদিগকে কহিলেন, যদি তোমাদিগকে বলি, তোমরা বিশ্বাস করিবে না;

68. और यदि पूंछूं, तो उत्तर न दोगे।

68. আর যদি তোমাদিগকে জিজ্ঞাসা করি, কোন উত্তর দিবে না;

69. परनतु अब से मनुष्य का पुत्रा सर्वशक्तिमान परमेश्वर की दहिनी और बैठा रहेगा।
भजन संहिता 110:1, दानिय्येल 7:13

69. কিন্তু এখন অবধি মনুষ্যপুত্র ঈশ্বরের পরাক্রমের দক্ষিণ পার্শ্বে উপবিষ্ট থাকিবেন।

70. इस पर सब ने कहा, तो क्या तू परमेश्वर का पुत्रा है? उस ने उन से कहा; तुम आप ही कहते हो, क्योंकि मैं हूं।

70. তখন সকলে বলিল, তবে তুমি কি ঈশ্বরের পুত্র? তিনি তাহাদিগকে কহিলেন, তোমরাই বলিতেছ যে, আমি সেই।

71. तब उन्हों ने कहा; अब हमें गवाही का क्या प्रयोजन है; क्योंकि हम ने आप ही उसके मुंह से सुन लिया है।।

71. তখন তাহারা বলিল, আর সাক্ষ্যে আমাদের কি প্রয়োজন? আমরা আপনারাই ত ইহার মুখে শুনিলাম।



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