19. फिर उस ने रोटी ली, और धन्यवाद करके तोड़ी, और उन को यह कहते हुए दी, कि यह मेरी देह है, जो तुम्हारे लिये दी जाती है: मेरे स्मरण के लिये यही किया करो।
19. Also, taking a piece of [matzah], he made the [b'rakhah], broke it, gave it to them and said, 'This is my body, which is being given for you; do this in memory of me.'