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1. फिर उस ने इस के विषय में कि नित्य प्रार्थना करना और हियाव न छोड़ना चाहिए उन से यह दृष्टान्त कहा।
1. Then Jesus used this story to teach his followers that they should always pray and never lose hope.
2. कि किसी नगर में एक न्यायी रहता था; जो न परमेश्वर से डरता थ और न किसी मनुष्य की परवाह करता था।
2. In a certain town there was a judge who did not respect God or care about people.
3. और उसी नगर में एक विधवा भी रहती थी: जो उसके पास आ आकर कहा करती थी, कि मेरा न्याय चुकाकर मुझे मु ई से बचा।
3. In that same town there was a widow who kept coming to this judge, saying, 'Give me my rights against my enemy.'
4. उस ने कितने समय तक तो न माना परन्तु अन्त में मन में विचारकर कहा, यद्यपि मैं न परमेश्वर से डरता, और न मनुष्यों की कुछ परवाह करता हूं।
4. For a while the judge refused to help her. But afterwards, he thought to himself, 'Even though I don't respect God or care about people,
5. तौभी यह विधवा मुझे सताती रहती है, इसलिये मैं उसका न्याय चुकाऊंगा कहीं ऐसा न हो कि घड़ी घड़ी आकर अन्त को मेरा नाक में दम करे।
5. I will see that she gets her rights. Otherwise she will continue to bother me until I am worn out.''
6. प्रभु ने कहा, सुनो, कि यह अधर्मी न्यायी क्या कहता है?
6. The Lord said, 'Listen to what the unfair judge said.
7. सो क्या परमेश्र अपने चुने हुओं का न्याय न चुकाएगा, जो रात- दिन उस की दुहाई देते रहते; और क्या वह उन के विषय में देन करेगा?
7. God will always give what is right to his people who cry to him night and day, and he will not be slow to answer them.
8. मैं तुम से कहता हूं; वह तुरन्त उन का न्याय चुकाएगा; तौभी मनुष्य का पुत्रा जब आएगा, तो क्या वह पृथ्वी पर विश्वास पाएगा?
8. I tell you, God will help his people quickly. But when the Son of Man comes again, will he find those on earth who believe in him?'
9. और उस ने कितनो से जो अपने ऊपर भरोसा रखते थे, कि हम धर्मी हैं, और औरों को तुच्छ जानते थे, यह दृष्टान्त कहा।
9. Jesus told this story to some people who thought they were very good and looked down on everyone else:
10. कि दो मनुष्य मन्दिर में प्रार्थना करने के लिये गए; एक फरीसी था और दूसरा चुंगी लेनेवाला।
10. A Pharisee and a tax collector both went to the Temple to pray.
11. फरीसी खड़ा होकर अपने मन में यों प्रार्थना करने लगा, कि हे परमेश्वर, मैं तेरा धन्यवाद करता हूं, कि मैं और मनुष्यों की नाई अन्धेर करनेवाला, अन्यायी और व्यभिचारी नहीं, और न इस चुंगी लेनेवाले के समान हूं।
11. The Pharisee stood alone and prayed, 'God, I thank you that I am not like other people who steal, cheat, or take part in adultery, or even like this tax collector.
12. मैं सप्ताह में दो बार उपवास करता हूं; मैं अपनी सब कमाई का दसवां अंश भी देता हूं।उत्पत्ति 14:20
12. I give up eatingn twice a week, and I give one-tenth of everything I get!'
13. परन्तु चुंगी लेनेवाले ने दूर खड़े होकर, स्वर्ग की ओर आंख उठाना भी न चाहा, बरन अपनी छाती पीट- पीटकर कहा; हे परमेश्वर मुझ पापी पर दया कर।भजन संहिता 51:1
13. The tax collector, standing at a distance, would not even look up to heaven. But he beat on his chest because he was so sad. He said, 'God, have mercy on me, a sinner.'
14. मैं तुम से कहता हूं, कि वह दूसरा नहीं; परन्तु यही मनुष्य धर्मी ठहराया जाकर अपने घर गया; क्योंकि जो कोई अपने आप को बड़ा बनाएगा, वह छोटा किया जाएगा; और जो अपने आप को छोटा बनाएगा, वह बड़ा किया जाएगा।।
14. I tell you, when this man went home, he was right with God, but the Pharisee was not. All who make themselves great will be made humble, but all who make themselves humble will be made great.'
15. फिर लोग अपने बच्चों को भी उसके पास लाने लगे, कि वह उन पर हाथ रखे; और चेलों ने देखकर उन्हें डांटा।
15. Some people brought even their babies to Jesus so he could touch them. When the followers saw this, they told them to stop.
16. यीशु न बच्चों को पास बुलाकर कहा, बालकों को मेरे पास आने दो, और उन्हें मना न करो: क्योंकि परमेश्वर का राज्य ऐसों की का है।
16. But Jesus called for the children, saying, 'Let the little children come to me. Don't stop them, because the kingdom of God belongs to people who are like these children.
17. मैं तुम से सच कहता हूं, कि जो कोई परमशॆवर के राज्य को बालक की नाई ग्रहण न करेगा वह उस में कभी प्रवेश करने न पाएगा।।
17. I tell you the truth, you must accept the kingdom of God as if you were a child, or you will never enter it.'
18. किसी सरदार ने उस से पूछा, हे उत्तम गुरू, अनन्तजीवन का अधिकारी होने के लिये मैं क्या करूं?
18. A certain leader asked Jesus, 'Good Teacher, what must I do to have life forever?'
19. यीशु ने उस से कहा; तू मुझे उत्तम क्यों कहता है? कोई उत्तम नहीं, केवल एक, अर्थात् परमेश्वर।
19. Jesus said to him, 'Why do you call me good? Only God is good.
20. तू आज्ञाओं को तो जानता है, कि व्यभिचार न करना, झूठी गवाही न देना, अपने पिता और अपनी माता का आदर करना।निर्गमन 20:12-16, व्यवस्थाविवरण 5:16-20
20. You know the commands: 'You must not be guilty of adultery. You must not murder anyone. You must not steal. You must not tell lies about your neighbor. Honor your father and mother.''
21. उस ने कहा, मैं तो इन सब को लड़कपन ही से मानता आया हूं।
21. But the leader said, 'I have obeyed all these commands since I was a boy.'
22. यह सुन, यीशु ने उस से कहा, तुझ में अब भी एक बात की घटी है, अपना सब कुछ बेचकर कंगालों को बांट दे; और तुझे स्वर्ग में धन मिलेगा, और आकर मेरे पीछे हो ले।
22. When Jesus heard this, he said to him, 'There is still one more thing you need to do. Sell everything you have and give it to the poor, and you will have treasure in heaven. Then come and follow me.'
23. वह यह सुनकर बहुत उदास हुआ, क्योंकि वह बड़ा धनी था।
23. But when the man heard this, he became very sad, because he was very rich.
24. यीशु ने उसे देखकर कहा; धनवानों का परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना कैसा कठिन है?
24. Jesus looked at him and said, 'It is very hard for rich people to enter the kingdom of God.
25. परमेश्वर के राज्य में धनवान के प्रवेश करने से ऊंट का सूई के नाके में से निकल जाना सहज है।
25. It is easier for a camel to go through the eye of a needle than for a rich person to enter the kingdom of God.'
26. और सुननेवालों ने कहा, तो फिर किस का उद्धार हो सकता है?
26. When the people heard this, they asked, 'Then who can be saved?'
27. उस ने कहा; जो मनुष्य से नहीं हो सकता, वह परमेश्वर से हो सकता है।
27. Jesus answered, 'God can do things that are not possible for people to do.'
28. पतरस ने कहा; देख, हम तो घर बार छोड़कर तेरे पीछे हो लिये हैं।
28. Peter said, 'Look, we have left everything and followed you.'
29. उस ने उन से कहा; मैं तुम से सच कहता हूं, कि ऐसा कोई नहीं जिस ने परमेश्वर के राज्य के लिये घर या पत्नी या भाइयों या माता पिता या लड़के- बालों को छोड़ दिया हो।
29. Jesus said, 'I tell you the truth, all those who have left houses, wives, brothers, parents, or children for the kingdom of God
30. और इस समय कई गुणा अधिक न पाए; और परलोक में अनन्त जीवन।।
30. will get much more in this life. And in the age that is coming, they will have life forever.'
31. फिर उस ने बारहों को साथ लेकर उन से कहा; देखो, हम यरूशलेम को जाते हैं, और जितनी बातें मनुष्य के पुत्रा के लिये भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा लिखी गई हैं वे सब पूरी होंगी।
31. Then Jesus took the twelve apostles aside and said to them, 'We are going to Jerusalem. Everything the prophets wrote about the Son of Man will happen.
32. क्योंकि वह अन्यजातियों के हाथ में सौंपा जाएगा, और वे उसे ठट्ठों में उड़ाएंगे; और उसका अपमान करेंगे, और उस पर थूकेंगे।
32. He will be turned over to those who are not Jews. They will laugh at him, insult him, spit on him,
33. और उसे कोड़े मारेंगे, और घात करेंगे, और वह तीसरे दिन जी उठेगा।
33. beat him with whips, and kill him. But on the third day, he will rise to life again.'
34. और उन्हों ने इन बातों में से कोई बात न समझी: और यह बात उन में छिपी रही, और जो कहा गया था वह उन की समझ में न आया।।
34. The apostles did not understand this; the meaning was hidden from them, and they did not realize what was said.
35. जब वह यरीहो के निकट पहुंचा, तो एक अन्धा सड़क के किनारे बैठा हुआ भीख मांग रहा था।
35. As Jesus came near the city of Jericho, a blind man was sitting beside the road, begging.
36. और वह भीड़ के चलने की आहट सुनकर पूछने लगा, यह क्या हो रहा है?
36. When he heard the people coming down the road, he asked, 'What is happening?'
37. उन्हों ने उस को बताया, कि यीशु नासरी जा रहा है।
37. They told him, 'Jesus, from Nazareth, is going by.'
38. तब उस ने पुकार के कहा, हे यीशु दाऊद की सन्तान, मुझ पर दया कर।
38. The blind man cried out, 'Jesus, Son of David, have mercy on me!'
39. जो आगे जाते थे, वे उसे डांटने लगे कि चुप रहे: परन्तु वह और भी चिल्लाने लगा, कि हे दाऊद की सन्तान, मुझ पर दया कर।
39. The people leading the group warned the blind man to be quiet. But the blind man shouted even more, 'Son of David, have mercy on me!'
40. तब यीशु ने खड़े होकर आज्ञा दी कि उसे मेरे पास लाओ, और जब वह निकट आया, तो उस ने उस से यह पूछा।
40. Jesus stopped and ordered the blind man to be brought to him. When he came near, Jesus asked him,
41. तू क्या चाहता है, कि मैं तेरे लिये करूं? उस ने कहा; हे प्रभु यह कि मैं देखने लगूं।
41. 'What do you want me to do for you?' He said, 'Lord, I want to see.'
42. यीशु ने कहा; देखने लग, तेरे विश्वास ने तुझे अच्छा कर दिया है।
42. Jesus said to him, 'Then see. You are healed because you believed.'
43. और वह तुरन्त देखने लगा; और परमेश्वर की बड़ाई करता हुआ उसके पीछे हो लिया, और सब लोगों ने देखकर परमेश्वर की स्तुति की।।
43. At once the man was able to see, and he followed Jesus, thanking God. All the people who saw this praised God.