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1. फिर उस ने इस के विषय में कि नित्य प्रार्थना करना और हियाव न छोड़ना चाहिए उन से यह दृष्टान्त कहा।
1. He also spoke a parable to them that they must always pray, and not give up,
2. कि किसी नगर में एक न्यायी रहता था; जो न परमेश्वर से डरता थ और न किसी मनुष्य की परवाह करता था।
2. saying, 'There was a judge in a certain city who didn't fear God, and didn't respect man.
3. और उसी नगर में एक विधवा भी रहती थी: जो उसके पास आ आकर कहा करती थी, कि मेरा न्याय चुकाकर मुझे मु ई से बचा।
3. A widow was in that city, and she often came to him, saying, 'Defend me from my adversary!'
4. उस ने कितने समय तक तो न माना परन्तु अन्त में मन में विचारकर कहा, यद्यपि मैं न परमेश्वर से डरता, और न मनुष्यों की कुछ परवाह करता हूं।
4. He wouldn't for a while, but afterward he said to himself, 'Though I neither fear God, nor respect man,
5. तौभी यह विधवा मुझे सताती रहती है, इसलिये मैं उसका न्याय चुकाऊंगा कहीं ऐसा न हो कि घड़ी घड़ी आकर अन्त को मेरा नाक में दम करे।
5. yet because this widow bothers me, I will defend her, or else she will wear me out by her continual coming.''
6. प्रभु ने कहा, सुनो, कि यह अधर्मी न्यायी क्या कहता है?
6. The Lord said, 'Listen to what the unrighteous judge says.
7. सो क्या परमेश्र अपने चुने हुओं का न्याय न चुकाएगा, जो रात- दिन उस की दुहाई देते रहते; और क्या वह उन के विषय में देन करेगा?
7. Won't God avenge his chosen ones, who are crying out to him day and night, and yet he exercises patience with them?
8. मैं तुम से कहता हूं; वह तुरन्त उन का न्याय चुकाएगा; तौभी मनुष्य का पुत्रा जब आएगा, तो क्या वह पृथ्वी पर विश्वास पाएगा?
8. I tell you that he will avenge them quickly. Nevertheless, when the Son of Man comes, will he find faith on the eretz?'
9. और उस ने कितनो से जो अपने ऊपर भरोसा रखते थे, कि हम धर्मी हैं, और औरों को तुच्छ जानते थे, यह दृष्टान्त कहा।
9. He spoke also this parable to certain people who were convinced of their own righteousness, and who despised all others.
10. कि दो मनुष्य मन्दिर में प्रार्थना करने के लिये गए; एक फरीसी था और दूसरा चुंगी लेनेवाला।
10. 'Two men went up into the temple to pray; one was a Parush, and the other was a tax collector.
11. फरीसी खड़ा होकर अपने मन में यों प्रार्थना करने लगा, कि हे परमेश्वर, मैं तेरा धन्यवाद करता हूं, कि मैं और मनुष्यों की नाई अन्धेर करनेवाला, अन्यायी और व्यभिचारी नहीं, और न इस चुंगी लेनेवाले के समान हूं।
11. The Parush stood and prayed to himself like this: 'God, I thank you, that I am not like the rest of men, extortioners, unrighteous, adulterers, or even like this tax collector.
12. मैं सप्ताह में दो बार उपवास करता हूं; मैं अपनी सब कमाई का दसवां अंश भी देता हूं।उत्पत्ति 14:20
12. I fast twice a week. I give tithes of all that I get.'
13. परन्तु चुंगी लेनेवाले ने दूर खड़े होकर, स्वर्ग की ओर आंख उठाना भी न चाहा, बरन अपनी छाती पीट- पीटकर कहा; हे परमेश्वर मुझ पापी पर दया कर।भजन संहिता 51:1
13. But the tax collector, standing far away, wouldn't even lift up his eyes to heaven, but beat his breast, saying, 'God, be merciful to me, a sinner!'
14. मैं तुम से कहता हूं, कि वह दूसरा नहीं; परन्तु यही मनुष्य धर्मी ठहराया जाकर अपने घर गया; क्योंकि जो कोई अपने आप को बड़ा बनाएगा, वह छोटा किया जाएगा; और जो अपने आप को छोटा बनाएगा, वह बड़ा किया जाएगा।।
14. I tell you, this man went down to his house justified rather than the other; for everyone who exalts himself will be humbled, but he who humbles himself will be exalted.'
15. फिर लोग अपने बच्चों को भी उसके पास लाने लगे, कि वह उन पर हाथ रखे; और चेलों ने देखकर उन्हें डांटा।
15. They were also bringing their babies to him, that he might touch them. But when the talmidim saw it, they rebuked them.
16. यीशु न बच्चों को पास बुलाकर कहा, बालकों को मेरे पास आने दो, और उन्हें मना न करो: क्योंकि परमेश्वर का राज्य ऐसों की का है।
16. Yeshua summoned them, saying, 'Allow the little children to come to me, and don't hinder them, for the Kingdom of God belongs to such as these.
17. मैं तुम से सच कहता हूं, कि जो कोई परमशॆवर के राज्य को बालक की नाई ग्रहण न करेगा वह उस में कभी प्रवेश करने न पाएगा।।
17. Most assuredly, I tell you, whoever doesn't receive the Kingdom of God like a little child, he will in no way enter into it.'
18. किसी सरदार ने उस से पूछा, हे उत्तम गुरू, अनन्तजीवन का अधिकारी होने के लिये मैं क्या करूं?
18. A certain ruler asked him, saying, 'Good Teacher, what shall I do to inherit eternal life?'
19. यीशु ने उस से कहा; तू मुझे उत्तम क्यों कहता है? कोई उत्तम नहीं, केवल एक, अर्थात् परमेश्वर।
19. Yeshua asked him, 'Why do you call me good? No one is good, except one�God.
20. तू आज्ञाओं को तो जानता है, कि व्यभिचार न करना, झूठी गवाही न देना, अपने पिता और अपनी माता का आदर करना।निर्गमन 20:12-16, व्यवस्थाविवरण 5:16-20
20. You know the mitzvot: 'Don't commit adultery,' 'Don't murder,' 'Don't steal,' 'Don't give false testimony,' 'Honor your father and your mother.''
21. उस ने कहा, मैं तो इन सब को लड़कपन ही से मानता आया हूं।
21. He said, 'I have observed all these things from my youth up.'
22. यह सुन, यीशु ने उस से कहा, तुझ में अब भी एक बात की घटी है, अपना सब कुछ बेचकर कंगालों को बांट दे; और तुझे स्वर्ग में धन मिलेगा, और आकर मेरे पीछे हो ले।
22. When Yeshua heard these things, he said to him, 'You still lack one thing. Sell all that you have, and distribute it to the poor. You will have treasure in heaven. Come, follow me.'
23. वह यह सुनकर बहुत उदास हुआ, क्योंकि वह बड़ा धनी था।
23. But when he heard these things, he became very sad, for he was very rich.
24. यीशु ने उसे देखकर कहा; धनवानों का परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना कैसा कठिन है?
24. Yeshua, seeing that he became very sad, said, 'How hard it is for those who have riches to enter into the Kingdom of God!
25. परमेश्वर के राज्य में धनवान के प्रवेश करने से ऊंट का सूई के नाके में से निकल जाना सहज है।
25. For it is easier for a camel to enter in through a needle's eye, than for a rich man to enter into the Kingdom of God.'
26. और सुननेवालों ने कहा, तो फिर किस का उद्धार हो सकता है?
26. Those who heard it said, 'Then who can be saved?'
27. उस ने कहा; जो मनुष्य से नहीं हो सकता, वह परमेश्वर से हो सकता है।
27. But he said, 'The things which are impossible with men are possible with God.'
28. पतरस ने कहा; देख, हम तो घर बार छोड़कर तेरे पीछे हो लिये हैं।
28. Rock said, 'Look, we have left everything, and followed you.'
29. उस ने उन से कहा; मैं तुम से सच कहता हूं, कि ऐसा कोई नहीं जिस ने परमेश्वर के राज्य के लिये घर या पत्नी या भाइयों या माता पिता या लड़के- बालों को छोड़ दिया हो।
29. He said to them, 'Most assuredly I tell you, there is no one who has left house, or wife, or brothers, or parents, or children, for the Kingdom of God's sake,
30. और इस समय कई गुणा अधिक न पाए; और परलोक में अनन्त जीवन।।
30. who will not receive many times more in this time, and in the world to come, eternal life.'
31. फिर उस ने बारहों को साथ लेकर उन से कहा; देखो, हम यरूशलेम को जाते हैं, और जितनी बातें मनुष्य के पुत्रा के लिये भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा लिखी गई हैं वे सब पूरी होंगी।
31. He took the twelve aside, and said to them, 'Behold, we are going up to Yerushalayim, and all the things that are written through the prophets concerning the Son of Man will be completed.
32. क्योंकि वह अन्यजातियों के हाथ में सौंपा जाएगा, और वे उसे ठट्ठों में उड़ाएंगे; और उसका अपमान करेंगे, और उस पर थूकेंगे।
32. For he will be delivered up to the Goyim, will be mocked, treated shamefully, and spit on.
33. और उसे कोड़े मारेंगे, और घात करेंगे, और वह तीसरे दिन जी उठेगा।
33. They will scourge and kill him. On the third day, he will rise again.'
34. और उन्हों ने इन बातों में से कोई बात न समझी: और यह बात उन में छिपी रही, और जो कहा गया था वह उन की समझ में न आया।।
34. They understood none of these things. This saying was hidden from them, and they didn't understand the things that were said.
35. जब वह यरीहो के निकट पहुंचा, तो एक अन्धा सड़क के किनारे बैठा हुआ भीख मांग रहा था।
35. It happened, as he came near Yericho, a certain blind man sat by the road, begging.
36. और वह भीड़ के चलने की आहट सुनकर पूछने लगा, यह क्या हो रहा है?
36. Hearing a multitude going by, he asked what this meant.
37. उन्हों ने उस को बताया, कि यीशु नासरी जा रहा है।
37. They told him that Yeshua of Natzeret was passing by.
38. तब उस ने पुकार के कहा, हे यीशु दाऊद की सन्तान, मुझ पर दया कर।
38. He cried out, 'Yeshua, you son of David, have mercy on me!'
39. जो आगे जाते थे, वे उसे डांटने लगे कि चुप रहे: परन्तु वह और भी चिल्लाने लगा, कि हे दाऊद की सन्तान, मुझ पर दया कर।
39. Those who led the way rebuked him, that he should be quiet; but he cried out all the more, 'You son of David, have mercy on me!'
40. तब यीशु ने खड़े होकर आज्ञा दी कि उसे मेरे पास लाओ, और जब वह निकट आया, तो उस ने उस से यह पूछा।
40. Standing still, Yeshua commanded him to be brought to him. When he had come near, he asked him,
41. तू क्या चाहता है, कि मैं तेरे लिये करूं? उस ने कहा; हे प्रभु यह कि मैं देखने लगूं।
41. 'What do you want me to do?' He said, 'Lord, that I may see again.'
42. यीशु ने कहा; देखने लग, तेरे विश्वास ने तुझे अच्छा कर दिया है।
42. Yeshua said to him, 'Receive your sight. Your faith has healed you.'
43. और वह तुरन्त देखने लगा; और परमेश्वर की बड़ाई करता हुआ उसके पीछे हो लिया, और सब लोगों ने देखकर परमेश्वर की स्तुति की।।
43. Immediately he received his sight, and followed him, glorifying God. All the people, when they saw it, praised God.