11. फरीसी खड़ा होकर अपने मन में यों प्रार्थना करने लगा, कि हे परमेश्वर, मैं तेरा धन्यवाद करता हूं, कि मैं और मनुष्यों की नाई अन्धेर करनेवाला, अन्यायी और व्यभिचारी नहीं, और न इस चुंगी लेनेवाले के समान हूं।
11. The Pharisee stood alone, away from the tax collector. When the Pharisee prayed, he said, 'O God, I thank you that I am not as bad as other people. I am not like men who steal, cheat, or commit adultery. I thank you that I am better than this tax collector.