Matthew - मत्ती 26 | View All

1. जब यीशु ये सब बातें कह चुका, तो अपने चेलों से कहने लगा।

1. [1] যখন যীশু এই সকল কথা শেষ করিলেন, তিনি আপন শিষ্যদিগকে কহিলেন,

2. तुम जानते हो, कि दो दिन के बाद फसह का पर्व्व होगा; और मनुष्य का पुत्रा क्रूस पर चढ़ाए जाने के लिये पकड़वाया जाएगा।
निर्गमन 12:1-27

2. তোমরা জান, দুই দিন পরে নিস্তারপর্ব্ব আসিতেছে, আর মনুষ্যপুত্র ক্রুশে বিদ্ধ হইবার জন্য সমর্পিত হইতেছেন।

3. तब महायाजक और प्रजा के पुरनिए काइफा नाम महायाजक के आंगन में इकट्ठे हुए।

3. তখন প্রধান যাজকেরা ও লোকদের প্রাচীনবর্গ কায়াফা নামক মহাযাজকের প্রাঙ্গণে একত্র হইল;

4. और आपस में विचार करने लगे कि यीशु को छत से पकड़कर मार डालें।

4. আর এই মন্ত্রণা করিল, যেন ছলে যীশুকে ধরিয়া বধ করিতে পারে।

5. परन्तु वे कहते थे, कि पर्व्व के समय नहीं; कहीं ऐसा न हो कि लोगों में बलवा मच जाए।

5. কিন্তু তাহারা কহিল, পর্ব্বের সময়ে নয়, পাছে লোকদের মধ্যে গণ্ডগোল বাধে।

6. जब यीशु बैतनिरयाह में शमौन कोढ़ी के घर में था।

6. যীশু যখন বৈথনিয়ায় কুষ্ঠী শিমোনের বাটীতে ছিলেন,

7. तो एक स्त्री संगमरमर के पात्रा में बहुमोल इत्रा लेकर उसके पास आई, और जब वह भोजन करने बैठा था, तो उसके सिर पर उण्डेल दिया।

7. তখন একটী স্ত্রীলোক শ্বেত প্রস্তরের পাত্রে বহুমূল্য সুগন্ধি তৈল লইয়া তাঁহার নিকটে আসিল, এবং তিনি ভোজনে বসিলে তাঁহার মস্তকে ঢালিয়া দিল।

8. यह देखकर, उसके चेले रिसयाए और कहने लगे, इस का क्यों सत्यनाश किया गया?

8. কিন্তু তাহা দেখিয়া শিষ্যেরা বিরক্ত হইয়া কহিলেন, এ অপব্যয় কেন?

9. यह तो अच्छे दाम पर बिककर कंगालों को बांटा जा सकता था।

9. ইহা ত অনেক টাকায় বিক্রয় করিয়া তাহা দরিদ্রদিগকে দিতে পারা যাইত।

10. यह जानकर यीशु ने उन से कहा, स्त्री को क्यों सताते हो? उस ने मेरे साथ भलाई की है।

10. কিন্তু যীশু তাহা বুঝিয়া তাঁহাদিগকে কহিলেন, স্ত্রীলোকটীকে কেন দুঃখ দিতেছ? এ ত আমার প্রতি সৎকার্য্য করিল।

11. कंगाल तुम्हारे साथ सदा रहते हैं, परन्तु मैं तुम्हारे साथ सदैव न रहूंगा।
व्यवस्थाविवरण 15:11

11. কেননা দরিদ্রেরা তোমাদের কাছে সর্ব্বদাই আছে, কিন্তু তোমরা আমাকে সর্ব্বদা পাইবে না।

12. उस ने मेरी देह पर जो यह इत्रा उण्डेला है, वह मेरे गाढ़े जाने के लिये किया है

12. বস্তুতঃ আমার দেহের উপরে এই সুগন্ধি তৈল ঢালিয়া দেওয়াতে এ আমার সমাধির উপযোগী কর্ম্ম করিল।

13. मैं तुम से सच कहता हूं, कि सारे जगत में जहां कहीं यह सुसमाचार प्रचार किया जाएगा, वहां उसके इस काम का वर्णन भी उसके स्मरण में किया जाएगा।

13. আমি তোমাদিগকে সত্য কহিতেছি, সমুদয় জগতে যে কোন স্থানে এই সুসমাচার প্রচারিত হইবে, সেই স্থানে ইহার এই কর্ম্মের কথাও ইহার স্মরণার্থে বলা যাইবে।

14. तब यहूदा इस्करियोती नाम बारह चेलों में से एक ने महायाजकों के पास जाकर कहा।

14. তখন বারো জনের মধ্যে এক জন, যাহাকে ঈষ্করিয়োতীয় যিহূদা বলা যায়, সে প্রধান যাজকদের নিকটে গিয়া কহিল,

15. यदि मैं उसे तुम्हारे हाथ पकड़वा दूं, तो मुझे क्या दोगे? उन्हों ने उसे तीस चान्दी के सिक्के तौलकर दे दिए।
निर्गमन 21:32, जकर्याह 11:12

15. আমাকে কি দিতে চান, বলুন, আমি তাহাকে আপনাদের হস্তে সমর্পণ করিব। তাহারা তাহাকে ত্রিশ রৌপ্যখণ্ড তৌল করিয়া দিল।

16. और वह उसी समय से उसे पकड़वाने का अवसर ढूंढ़ने लगा।।

16. আর সেই সময় অবধি সে তাঁহাকে সমর্পণ করিবার জন্য সুযোগ অন্বেষণ করিতে লাগিল।

17. अखमीरी रोटी के पर्व्व के पहिले दिन, चेले यीशु के पास आकर पूछने लगे; तू कहां चाहता है कि हम तेरे लिये फसह खाने की तैयारी करें?
निर्गमन 12:14-20

17. পরে তাড়ীশূন্য রুটীর পর্ব্বের প্রথম দিন শিষ্যেরা যীশুর নিকটে আসিয়া জিজ্ঞাসা করিলেন, আপনার নিমিত্ত আমরা কোথায় নিস্তারপর্ব্বের ভোজ প্রস্তুত করিব? আপনার ইচ্ছা কি?

18. उस ने कहा, नगर में फुलाने के पास जाकर उस से कहो, कि गुरू कहता है, कि मेरा समय निकट है, मैं अपने चेलों के साथ तेरे यहां पर्व्व मनाऊंगा।

18. তিনি কহিলেন, তোমরা নগরে অমুক ব্যক্তির নিকট যাও, আর তাহাকে বল, গুরু কহিতেছেন, আমার সময় সন্নিকট; আমি তোমারই গৃহে আমার শিষ্যগণের সহিত নিস্তারপর্ব্ব পালন করিব।

19. सो चेलों ने यीशु की आज्ञा मानी, और फसह तैयार किया।

19. তাহাতে শিষ্যেরা যীশুর আদেশ অনুসারে কর্ম্ম করিলেন, ও নিস্তারপর্ব্বের ভোজ প্রস্তুত করিলেন।

20. जब सांझ हुई, तो वह बारहों के साथ भोजन करने के लिये बैठा।

20. পরে সন্ধ্যা হইলে তিনি সেই বারো জন শিষ্যের সহিত ভোজনে বসিলেন।

21. जब वे खा रहे थे, तो उस ने कहा, मैं तुम से सच कहता हूं, कि तुम में से एक मुझे पकड़वाएगा।

21. আর তাঁহাদের ভোজন সময়ে কহিলেন, আমি তোমাদিগকে সত্য কহিতেছি, তোমাদের মধ্যে এক জন আমাকে সমর্পণ করিবে।

22. इस पर वे बहुत उदास हुए, और हर एक उस से पूछने लगा, हे गुरू, क्या वह मैं हूं?

22. তখন তাঁহারা অত্যন্ত দুঃখিত হইয়া প্রত্যেক জন তাঁহাকে বলিতে লাগিলেন, প্রভু, সে কি আমি?

23. उस ने उत्तर दिया, कि जिस ने मेरे साथ थाली में हाथ डाला है, वही मुझे पकड़वाएगा।
भजन संहिता 41:9

23. তিনি উত্তর করিলেন, যে আমার সঙ্গে ভোজনপাত্রে হাত ডুবাইল, সেই আমাকে সমর্পণ করিবে।

24. मनुष्य का पुत्रा तो जैसा उसके विषय में लिखा है, जाता ही है; परन्तु उस मनुष्य के लिये शोक है जिस के द्वारा मनुष्य का पुत्रा पकड़वाया जाता है: यदि उस मनुष्य का जन्म न होता, तो उसके लिये भला होता।
भजन संहिता 22:7-8, भजन संहिता 22:16-18, यशायाह 53:9

24. মনুষ্যপুত্রের বিষয়ে যেমন লিখিত আছে, তেমনি তিনি যাইতেছেন; কিন্তু ধিক্‌ সেই ব্যক্তিকে, যাহার দ্বারা মনুষ্যপুত্র সমর্পিত হন; সেই মানুষের জন্ম না হইলে তাহার পক্ষে ভাল ছিল।

25. तब उसके पकड़वानेवाले यहूदा ने कहा कि हे रब्बी, क्या वह मैं हूं?

25. তখন যে তাঁহাকে সমর্পণ করিবে, সেই যিহূদা কহিল, রব্বি, সে কি আমি? তিনি তাহাকে কহিলেন, তুমিই বলিলে।

26. उस ने उस से कहा, तू कह चुका: जब वे खा रहे थे, तो यीशु ने रोटी ली, और आशीष मांगकर तोड़ी, और चेलों को देकर कहा, लो, खाओ; यह मेरी देह है।

26. পরে তাঁহারা ভোজন করিতেছেন, এমন সময়ে যীশু রুটী লইয়া আশীর্ব্বাদপূর্ব্বক ভাঙ্গিলেন, এবং শিষ্যদিগকে দিলেন, আর কহিলেন, লও, ভোজন কর, ইহা আমার শরীর।

27. फिर उस ने कटोरा लेकर, धन्यवाद किया, और उन्हें देकर कहा, तुम सब इस में से पीओ।

27. পরে তিনি পানপাত্র লইয়া ধন্যবাদপূর্ব্বক তাঁহাদিগকে দিয়া কহিলেন, তোমরা সকলে ইহা হইতে পান কর;

28. क्योंकि यह वाचा का मेरा वह लोहू है, जो बहुतों के लिये पापों की क्षमा के निमित्त बहाया जाता है।
निर्गमन 24:8, यिर्मयाह 31:31, जकर्याह 9:11

28. কারণ ইহা আমার রক্ত, নূতন নিয়মের রক্ত, যাহা অনেকের জন্য, পাপমোচনের নিমিত্ত, পাতিত হয় ।

29. मैं तुम से कहता हूं, कि दाख का यह रस उस दिन तक कभी न पीऊंगा, जब तक तुम्हारे साथ अपने पिता के राज्य में नया न पीऊं।।

29. আর আমি তোমাদিগকে কহিতেছি, এখন অবধি আমি এই দ্রাক্ষাফলের রস আর কখনও পান করিব না, সেই দিন পর্য্যন্ত, যখন আমি আপন পিতার রাজ্যে তোমাদের সঙ্গে ইহা নূতন পান করিব।

30. फिर वे भजन गाकर जैतून पहाड़ पर गए।।
भजन संहिता 113:8

30. পরে তাঁহারা গীত গান করিয়া বাহির হইয়া জৈতুন পর্ব্বতে গেলেন।

31. तब यीशु ने उन से कहा; तुम सब आज ही रात को मेरे विषय में ठोकर खाओगे; क्योंकि लिखा है, कि मैं चरवाहे को मारूंगा; और झुण्ड की भेड़ें तित्तर बित्तर हो जाएंगी।
जकर्याह 13:7

31. তখন যীশু তাঁহাদিগকে কহিলেন, এই রাত্রিতে তোমরা সকলে আমাতে বিঘ্ন পাইবে; কেননা লেখা আছে, “আমি পালরক্ষককে আঘাত করিব, তাহাতে পালের মেষেরা ছিন্নভিন্ন হইয়া যাইবে।”

32. परन्तु मैं अपने जी उठने के बाद तुम से पहले गलील को जाऊंगा।

32. কিন্তু উত্থিত হইলে পর আমি তোমাদের অগ্রে গালীলে যাইব।

33. इस पर पतरस ने उस से कहा, यदि सब तेरे विषय में ठोकर खाएं तो खाएं, परन्तु मैं कभी भी ठोकर न खाऊंगा।

33. পিতর উত্তর করিয়া তাঁহাকে কহিলেন, যদি সকলে আপনাতে বিঘ্ন পায়, আমি কখনও বিঘ্ন পাইব না।

34. यीशु ने उस से कहा, मैं तुम से सच कहता हूं, कि आज ही राज को मुर्गे के बांग देने से पहिले, तू तीन बार मुझ से मुकर जाएगा।

34. যীশু তাঁহাকে কহিলেন, আমি তোমাকে সত্য কহিতেছি, এই রাত্রিতে কুকুড়া ডাকিবার পূর্ব্বে তুমি তিন বার আমাকে অস্বীকার করিবে।

35. पतरस ने उस से कहा, यदि मुझे तेरे साथ मरना भी हो, तौभी, मैं तुझ से कभी न मुकरूंगा: और ऐसा ही सब चेलों ने भी कहा।।

35. পিতর তাঁহাকে কহিলেন, যদি আপনার সহিত মরিতেও হয়, কোন মতে আপনাকে অস্বীকার করিব না। সেইরূপ সকল শিষ্যই কহিলেন।

36. तब यीशु ने अपने चेलों के साथ गतसमनी नाम एक स्थान में आया और अपने चेलों से कहने लगा कि यहीं बैठे रहना, जब तक कि मैं वहां जाकर प्रार्थना करूं।

36. তখন যীশু তাঁহাদের সহিত গেৎশিমানী নামক এক স্থানে গেলেন, আর আপন শিষ্যদিগকে কহিলেন, আমি যতক্ষণ ওখানে গিয়া প্রার্থনা করি, ততক্ষণ তোমরা এখানে বসিয়া থাক।

37. और वह पतरस और जब्दी के दोनों पुत्रों को साथ ले गया, और उदास और व्याकुल होने लगा।

37. পরে তিনি পিতরকে এবং সিবদিয়ের দুই পুত্রকে সঙ্গে লইয়া গেলেন, আর দুঃখার্ত্ত ও ব্যাকুল হইতে লাগিলেন।

38. तब उस ने उन से कहा; मेरा जी बहुत उदास है, यहां तक कि मेरे प्राण निकला चाहते: तुम यहीं ठहरो, और मेरे साथ जागते रहो।
भजन संहिता 42:5, भजन संहिता 42:11, भजन संहिता 43:5, योना 4:9

38. তখন তিনি তাঁহাদিগকে কহিলেন, আমার প্রাণ মরণ পর্য্যন্ত দুঃখার্ত্ত হইয়াছে; তোমরা এখানে থাক, আমার সঙ্গে জাগিয়া থাক।

39. फिर वह थोड़ा और आगे बढ़कर मुंह के बल गिरा, और यह प्रार्थना करने लगा, कि हे मेरे पिता, यदि हो सके, तो यह कटोरा मुझ से टल जाए; तौभी जैसा मैं चाहता हूं वैसा नहीं, परन्तु जैसा तू चाहता है वैसा ही हो।

39. পরে তিনি কিঞ্চিৎ অগ্রে গিয়া উবুড় হইয়া পড়িয়া প্রার্থনা করিয়া কহিলেন, হে আমার পিতঃ, যদি হইতে পারে, তবে এই পানপাত্র আমার নিকট হইতে দূরে যাউক; তথাপি আমার ইচ্ছামত না হউক, তোমার ইচ্ছামত হউক।

40. फिर चेलों के पास आकर उन्हें सोते पाया, और पतरस से कहा; क्या तुम मेरे साथ एक घड़ी भी न जाग सके?

40. পরে তিনি সেই শিষ্যদের নিকটে আসিয়া দেখিলেন, তাঁহারা ঘুমাইয়া পড়িয়াছেন, আর তিনি পিতরকে কহিলেন, এ কি? এক ঘন্টাও কি আমার সঙ্গে জাগিয়া থাকিতে তোমাদের শক্তি হইল না?

41. जागते रहो, और प्रार्थना करते रहो, कि तुम परीक्षा में न पड़ो: आत्मा तो तैयार है, परन्तु शरीर दुर्बल है।

41. জাগিয়া থাক, ও প্রার্থনা কর, যেন পরীক্ষায় না পড়; আত্মা ইচ্ছুক বটে, কিন্তু মাংস দুর্ব্বল।

42. फिर उस ने दूसरी बार जाकर यह प्रार्थना की; कि हे मेरे पिता, यदि यह मेरे पीए बिना नहीं हट सकता तो तेरी इच्छा पूरी हो।

42. পুনশ্চ তিনি দ্বিতীয় বার গিয়া এই প্রার্থনা করিলেন, হে আমার পিতঃ, আমি পান না করিলে যদি ইহা দূরে যাইতে না পারে, তবে তোমার ইচ্ছা সিদ্ধ হউক।

43. तब उस ने आकर उन्हें फिर सोते पाया, क्योंकि उन की आंखें नींद से भरी थीं।

43. পরে তিনি আবার আসিয়া দেখিলেন, তাঁহারা ঘুমাইয়া পড়িয়াছেন, কেননা তাঁহাদের চক্ষু ভারী হইয়া পড়িয়াছিল।

44. और उन्हें छोड़कर फिर चला गया, और वही बात फिर कहकर, तीसरी बार प्रार्थना की।

44. আর তিনি পুনরায় তাঁহাদিগকে ছাড়িয়া গিয়া তৃতীয় বার পূর্ব্বমত কথা বলিয়া প্রার্থনা করিলেন।

45. तब उस ने चेलों के पास आकर उन से कहा; अब सोते रहो, और विश्राम करो: देखो, घड़ी आ पहुंची है, और मनुष्य का पुत्रा पापियों के हाथ पकड़वाया जाता है।

45. তখন তিনি শিষ্যদের কাছে আসিয়া কহিলেন, এখন তোমরা নিদ্রা যাও, বিশ্রাম কর, দেখ, সময় উপস্থিত, মনুষ্যপুত্র পাপীদের হস্তে সমর্পিত হন।

46. उठो, चलें; देखो, मेरा पकड़वानेवाला निकट आ पहुंचा है।।

46. উঠ, আমরা যাই; এই দেখ, যে ব্যক্তি আমাকে সমর্পণ করিতেছে, সে নিকটে আসিয়াছে।

47. वह यह कह ही रहा था, कि देखो यहूदा जो बारहों में से एक था, आया, और उसके साथ महायाजकों और लोगों के पुरनियों की ओर से बड़ी भीड़, तलवारें और लाठियां लिए हुए आई।

47. তিনি যখন কথা কহিতেছেন, দেখ, যিহূদা, সেই বারো জনের এক জন, আসিল, এবং তাহার সঙ্গে বিস্তর লোক, খড়গ ও যষ্টি লইয়া প্রধান যাজকদের ও লোকদের প্রাচীনবর্গের নিকট হইতে আসিল।

48. उसके पकड़वानेवाले ने उन्हें यह पता दिया था कि जिस को मैं चूम लूं वही है; उसे पकड़ लेना।

48. যে তাঁহাকে সমর্পণ করিতেছিল, সে তাহাদিগকে এই সঙ্কেত বলিয়াছিল, আমি যাহাকে চুম্বন করিব, সে ঐ ব্যক্তি, তোমরা তাহাকে ধরিবে।

49. और तुरन्त यीशु के पास आकर कहा; हे रब्बी नमस्कार; और उस को बहुत चूमा।

49. সে তখনই যীশুর নিকট গিয়া বলিল, রব্বি, নমস্কার, আর তাঁহাকে আগ্রহপূর্ব্বক চুম্বন করিল।

50. यीशु ने उस से कहा; हे मित्रा, जिस काम के लिये तू आया है, उसे कर ले। तब उन्हों ने पास आकर यीशु पर हाथ डाले, और उसे पकड़ लिया।

50. যীশু তাহাকে কহিলেন, মিত্র, যাহা করিতে আসিয়াছ, কর। তখন তাহারা নিকটে আসিয়া যীশুর উপরে হস্তক্ষেপ করিয়া তাঁহাকে ধরিল।

51. और देखो, यीशु के साथियों में से एक ने हाथ बढ़ाकर अपनी तलवार खींच ली और महायाजक के दास पर चलाकर उस का कान उड़ा दिया।

51. আর দেখ, যীশুর সঙ্গীদের মধ্যে এক ব্যক্তি হাত বাড়াইয়া খড়গ বাহির করিলেন, এবং মহাযাজকের দাসকে আঘাত করিয়া তাহার একটা কাণ কাটিয়া ফেলিলেন।

52. तब यीशु ने उस से कहा; अपनी तलवार काठी में रख ले क्योंकि जो तलवार चलाते हैं, वे सब तलवार से नाश किए जाएंगे।
उत्पत्ति 9:6

52. তখন যীশু তাঁহাকে কহিলেন, তোমার খড়গ পুনরায় স্বস্থানে রাখ, কেননা যে সকল লোক খড়গ ধারণ করে, তাহারা খড়গ দ্বারা বিনষ্ট হইবে।

53. क्या तू नहीं समझता, कि मैं अपने पिता से बिनती कर सकता हूं, और वह स्वर्गदूतों की बारह पलटन से अधिक मेरे पास अभी उपस्थित कर देगा?

53. আর তুমি কি মনে কর যে, আমি আমার পিতার কাছে বিনতি করিলে তিনি এখনই আমার জন্য দ্বাদশ বাহিনী অপেক্ষা অধিক দূত পাঠাইয়া দিবেন না?

54. परन्तु पवित्रा शास्त्रा की बातें कि ऐसा ही होना अवश्य है, क्योंकर पूरी होंगी?

54. কিন্তু তাহা করিলে কেমন করিয়া শাস্ত্রীয় এই বচন সকল পূর্ণ হইবে যে, এরূপ হওয়া আবশ্যক?

55. उसी घड़ी यीशु ने भीड़ से कहा; क्या तुम तलवारें और लाठियां लेकर मुझे डाकू के समान पकड़ने के लिये निकले हो? मैं हर दिन मन्दिर में बैठकर उपदेश दिया करता था, और तुम ने मुझे नहीं पकड़ा।

55. সেই সময়ে যীশু লোকসমূহকে কহিলেন, লোকে যেমন দস্যু ধরিতে যায়, তেমনি কি তোমরা খড়গ ও যষ্টি লইয়া আমাকে ধরিতে আসিলে? আমি প্রতিদিন ধর্ম্মধামে বসিয়া উপদেশ দিয়াছি, তখন ত আমাকে ধরিলে না।

56. परन्तु यह सब इसलिये हुआ है, कि भविष्यद्वक्ताओं के वचन के पूरे हों: तब सब चेलें उसे छोड़कर भाग गए।।
जकर्याह 13:7

56. কিন্তু এ সমস্ত ঘটিল, যেন ভাববাদিগণের লিখিত বচনগুলি পূর্ণ হয়। তখন শিষ্যেরা সকলে তাঁহাকে ছাড়িয়া পলাইয়া গেলেন।

57. और यीशु के पकड़नेवाले उस को काइफा नाम महायाजक के पास ले गए, जहां शास्त्री और पुरनिए इकट्ठे हुए थे।

57. আর যাহারা যীশুকে ধরিয়াছিল, তাহারা তাঁহাকে মহাযাজক কায়াফার কাছে লইয়া গেল; সেই স্থানে অধ্যাপকেরা ও প্রাচীনবর্গ সমবেত হইয়াছিল।

58. और पतरस दूर से उसके पीछे पीछे महायाजक के आंगन तक गया, और भीतर जाकर अन्त देखने को प्यादों के साथ बैठ गया।

58. আর পিতর দূরে থাকিয়া তাঁহার পশ্চাৎ পশ্চাৎ মহাযাজকের প্রাঙ্গণ পর্য্যন্ত গমন করিলেন, এবং শেষে কি হয়, তাহা দেখিবার জন্য ভিতরে গিয়া পদাতিকগণের সঙ্গে বসিলেন।

59. महायाजक और सारी महासभा यीशु को मार डालने के लिये उसके विरोध में झूठी गवाही की खोज में थे।

59. তখন প্রধান যাজকগণ এবং সমস্ত মহাসভা যীশুকে বধ করিবার জন্য তাঁহার বিরুদ্ধে মিথ্যাসাক্ষ্য অন্বেষণ করিল,

60. परन्तु बहुत से झूठे गवाहों के आने पर भी न पाई।

60. কিন্তু অনেক মিথ্যাসাক্ষী আসিয়া যুটিলেও তাহা পাইল না।

61. अन्त में दो जनों ने आकर कहा, कि उस ने कहा है; कि मैं परमेश्वर के मन्दिर को ढा सकता हूं और उसे तीन दिन में बना सकता हूं।

61. অবশেষে দুই জন আসিয়া বলিল, এই ব্যক্তি বলিয়াছিল, আমি ঈশ্বরের মন্দির ভাঙ্গিয়া ফেলিতে, আবার তিন দিনের মধ্যে গাঁথিয়া তুলিতে পারি।

62. तब महायाजक ने खड़े होकर उस से कहा, क्या तू कोई उत्तर नहीं देता? ये लोग तेरे विरोध में क्या गवाही देते हैं? परन्तु यीशु चुप रहा: महायाजक ने उस से कहा।

62. তখন মহাযাজক উঠিয়া দাঁড়াইয়া তাঁহাকে কহিলেন, তুমি কি কিছুই উত্তর দিবে না? তোমার বিরুদ্ধে ইহারা কি সাক্ষ্য দিতেছে?

63. मैं तुझे जीवते परमेश्वर की शपथ देता हूं, कि यदि तू परमेश्वर का पुत्रा मसीह है, तो हम से कह दे।
यशायाह 53:7

63. কিন্তু যীশু নীরব রহিলেন। মহাযাজক তাঁহাকে কহিলেন, আমি তোমাকে জীবন্ত ঈশ্বরের নামে দিব্য দিতেছি, আমাদিগকে বল দেখি, তুমি কি সেই খ্রীষ্ট, ঈশ্বরের পুত্র?

64. यीशु ने उस से कहा; तू ने आप ही कह दिया: बरन मैं तुम से यह भी कहता हूं, कि अब से तुम मनुष्य के पुत्रा को सर्वशक्तिमान की दहिनी ओर बैठे, और आकाश के बादलों पर आते देखोगे।
भजन संहिता 110:1-2, दानिय्येल 7:13

64. যীশু উত্তর করিলেন, তুমিই বলিলে; আরও আমি তোমাদিগকে কহিতেছি, এখন অবধি তোমরা মনুষ্যপুত্রকে পরাক্রমের দক্ষিণ পার্শ্বে বসিয়া থাকিতে এবং আকাশের মেঘরথে আসিতে দেখিবে ।

65. तब महायाजक ने अपने वस्त्रा फाड़कर कहा, इस ने परमेश्वर की निन्दा की है, अब हमें गवाहों का क्या प्रयोजन?
लैव्यव्यवस्था 24:16, गिनती 14:6, 2 शमूएल 13:19, एज्रा 9:3, अय्यूब 1:20, अय्यूब 2:12, यिर्मयाह 36:24

65. তখন মহাযাজক আপন বস্ত্র ছিঁড়িয়া কহিলেন, এ ঈশ্বরনিন্দা করিল, আর সাক্ষীতে আমাদের কি প্রয়োজন? দেখ, এখন তোমরা ঈশ্বর-নিন্দা শুনিলে;

66. देखो, तुम ने अभी यह निन्दा सुनी है! तुम क्या समझते हो? उन्हों ने उत्तर दिया, यह वध होने के योग्य है।
लैव्यव्यवस्था 24:16

66. তোমাদের কি বিবেচনা হয়? তাহারা উত্তর করিয়া কহিল, এ মরিবার যোগ্য।

67. तब उन्हों ने उस से मुंह पर थूका, और उसे घूंसे मारे, औरों ने थप्पड़ मार के कहा।
यशायाह 50:6, यशायाह 53:5

67. তখন তাহারা তাঁহার মুখে থুথু দিল ও তাঁহাকে ঘুসি মারিল;

68. हे मसीह, हम से भविष्यद्ववाणी करके कह: कि किस ने तुझे मारा?

68. আর কেহ কেহ তাঁহাকে প্রহার করিয়া কহিল, রে খ্রীষ্ট, আমাদের কাছে ভাববাণী বল্‌, কে তোকে মারিল?

69. और पतरस बाहर आंगन में बैठा हुआ था: कि एक लौंड़ी ने उसके पास आकर कहा; तू भी यीशु गलीली के साथ था।

69. ইতিমধ্যে পিতর বাহিরে প্রাঙ্গণে বসিয়াছিলেন; আর এক জন দাসী তাঁহার নিকটে আসিয়া কহিল, তুমিও সেই গালীলীয় যীশুর সঙ্গে ছিলে।

70. उस ने सब के साम्हने यह कह कर इन्कार किया और कहा, मैं नहीं जानता तू क्या कह रही है।

70. কিন্তু তিনি সকলের সাক্ষাতে অস্বীকার করিয়া কহিলেন, তুমি কি বলিতেছ, আমি বুঝিতে পারিলাম না।

71. जब वह बाहर डेवढ़ी में चला गया, तो दूसरी ने उसे देखकर उन से जो वहां थे कहा; यह भी तो यीशु नासरी के साथ था।

71. তিনি ফটকের নিকটে গেলে আর এক দাসী তাঁহাকে দেখিয়া সে স্থানের লোকদিগকে কহিল, এ ব্যক্তি সেই নাসরতীয় যীশুর সঙ্গে ছিল।

72. उस ने शपथ खाकर फिर इन्कार किया कि मैं उस मनुष्य को नहीं जानता।

72. তিনি আবার অস্বীকার করিলেন, দিব্য করিয়া কহিলেন, আমি সে ব্যক্তিকে চিনি না।

73. थोड़ी देर के बाद, जो वहां खड़े थे, उन्हों ने पतरस के पास आकर उस से कहा, सचमुच तू भी उन में से एक है; क्योंकि तेरी बोली तेरा भेद खोल देती है।

73. আর অল্পক্ষণ পরে, যাহারা নিকটে দাঁড়াইয়াছিল, তাহারা আসিয়া পিতরকে কহিল, সত্যই তুমিও তাহাদের এক জন, কেননা তোমার ভাষা তোমার পরিচয় দিতেছে।

74. तब वह धिक्कार देने और शपथ खाने लगा, कि मैं उस मनुष्य को नहीं जानता; और तुरन्त मुर्ग ने बांग दी।

74. তখন তিনি অভিশাপপূর্ব্বক শপথ করিয়া বলিতে লাগিলেন, আমি সে ব্যক্তিকে চিনি না। তখনই কুকুড়া ডাকিয়া উঠিল।

75. तब पतरस को यीशु की कही हुई बात स्मरण आई की मुर्ग के बांग देने से पहिले तू तीन बार मेरा इन्कार करेगा और वह बाहर जाकर फूट फूट कर रोने लगा।।

75. তাহাতে যীশু এই যে কথা বলিয়াছিলেন, ‘কুকুড়া ডাকিবার পূর্ব্বে তুমি তিন বার আমাকে অস্বীকার করবে,’ তাহা পিতরের মনে পড়িল; এবং তিনি বাহিরে গিয়া অত্যন্ত রোদন করিলেন।



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