Matthew - मत्ती 26 | View All

1. जब यीशु ये सब बातें कह चुका, तो अपने चेलों से कहने लगा।

1. WHEN JESUS had ended this discourse, He said to His disciples,

2. तुम जानते हो, कि दो दिन के बाद फसह का पर्व्व होगा; और मनुष्य का पुत्रा क्रूस पर चढ़ाए जाने के लिये पकड़वाया जाएगा।
निर्गमन 12:1-27

2. You know that the Passover is in two days--and the Son of Man will be delivered up treacherously to be crucified.

3. तब महायाजक और प्रजा के पुरनिए काइफा नाम महायाजक के आंगन में इकट्ठे हुए।

3. Then the chief priests and the elders of the people gathered in the [open] court of the palace of the high priest, whose name was Caiaphas,

4. और आपस में विचार करने लगे कि यीशु को छत से पकड़कर मार डालें।

4. And consulted together in order to arrest Jesus by stratagem secretly and put Him to death.

5. परन्तु वे कहते थे, कि पर्व्व के समय नहीं; कहीं ऐसा न हो कि लोगों में बलवा मच जाए।

5. But they said, It must not be during the Feast, for fear that there will be a riot among the people.

6. जब यीशु बैतनिरयाह में शमौन कोढ़ी के घर में था।

6. Now when Jesus came back to Bethany and was in the house of Simon the leper,

7. तो एक स्त्री संगमरमर के पात्रा में बहुमोल इत्रा लेकर उसके पास आई, और जब वह भोजन करने बैठा था, तो उसके सिर पर उण्डेल दिया।

7. A woman came up to Him with an alabaster flask of very precious perfume, and she poured it on His head as He reclined at table.

8. यह देखकर, उसके चेले रिसयाए और कहने लगे, इस का क्यों सत्यनाश किया गया?

8. And when the disciples saw it, they were indignant, saying, For what purpose is all this waste?

9. यह तो अच्छे दाम पर बिककर कंगालों को बांटा जा सकता था।

9. For this perfume might have been sold for a large sum and the money given to the poor.

10. यह जानकर यीशु ने उन से कहा, स्त्री को क्यों सताते हो? उस ने मेरे साथ भलाई की है।

10. But Jesus, fully aware of this, said to them, Why do you bother the woman? She has done a noble (praiseworthy and beautiful) thing to Me.

11. कंगाल तुम्हारे साथ सदा रहते हैं, परन्तु मैं तुम्हारे साथ सदैव न रहूंगा।
व्यवस्थाविवरण 15:11

11. For you always have the poor among you, but you will not always have Me. [Deut. 15:11.]

12. उस ने मेरी देह पर जो यह इत्रा उण्डेला है, वह मेरे गाढ़े जाने के लिये किया है

12. In pouring this perfume on My body she has done something to prepare Me for My burial.

13. मैं तुम से सच कहता हूं, कि सारे जगत में जहां कहीं यह सुसमाचार प्रचार किया जाएगा, वहां उसके इस काम का वर्णन भी उसके स्मरण में किया जाएगा।

13. Truly I tell you, wherever this good news (the Gospel) is preached in the whole world, what this woman has done will be told also, in memory of her.

14. तब यहूदा इस्करियोती नाम बारह चेलों में से एक ने महायाजकों के पास जाकर कहा।

14. Then one of the Twelve [apostles], who was called Judas Iscariot, went to the chief priests

15. यदि मैं उसे तुम्हारे हाथ पकड़वा दूं, तो मुझे क्या दोगे? उन्हों ने उसे तीस चान्दी के सिक्के तौलकर दे दिए।
निर्गमन 21:32, जकर्याह 11:12

15. And said, What are you willing to give me if I hand Him over to you? And they weighed out for and paid to him thirty pieces of silver [about twenty-one dollars and sixty cents]. [Exod. 21:32; Zech. 11:12.]

16. और वह उसी समय से उसे पकड़वाने का अवसर ढूंढ़ने लगा।।

16. And from that moment he sought a fitting opportunity to betray Him.

17. अखमीरी रोटी के पर्व्व के पहिले दिन, चेले यीशु के पास आकर पूछने लगे; तू कहां चाहता है कि हम तेरे लिये फसह खाने की तैयारी करें?
निर्गमन 12:14-20

17. Now on the first day of Unleavened Bread [Passover week], the disciples came to Jesus and said to Him, Where do You wish us to prepare for You to eat the Passover supper?

18. उस ने कहा, नगर में फुलाने के पास जाकर उस से कहो, कि गुरू कहता है, कि मेरा समय निकट है, मैं अपने चेलों के साथ तेरे यहां पर्व्व मनाऊंगा।

18. He said, Go into the city to a certain man and say to him, The Master says: My time is near; I will keep the Passover at your house with My disciples.

19. सो चेलों ने यीशु की आज्ञा मानी, और फसह तैयार किया।

19. And accordingly the disciples did as Jesus had directed them, and they made ready the Passover supper. [Deut. 16:5-8.]

20. जब सांझ हुई, तो वह बारहों के साथ भोजन करने के लिये बैठा।

20. When it was evening, He was reclining at table with the twelve disciples.

21. जब वे खा रहे थे, तो उस ने कहा, मैं तुम से सच कहता हूं, कि तुम में से एक मुझे पकड़वाएगा।

21. And as they were eating, He said, Solemnly I say to you, one of you will betray Me!

22. इस पर वे बहुत उदास हुए, और हर एक उस से पूछने लगा, हे गुरू, क्या वह मैं हूं?

22. They were exceedingly pained and distressed and deeply hurt and sorrowful and began to say to Him one after another, Surely it cannot be I, Lord, can it?

23. उस ने उत्तर दिया, कि जिस ने मेरे साथ थाली में हाथ डाला है, वही मुझे पकड़वाएगा।
भजन संहिता 41:9

23. He replied, He who has [just] dipped his hand in the same dish with Me will betray Me!

24. मनुष्य का पुत्रा तो जैसा उसके विषय में लिखा है, जाता ही है; परन्तु उस मनुष्य के लिये शोक है जिस के द्वारा मनुष्य का पुत्रा पकड़वाया जाता है: यदि उस मनुष्य का जन्म न होता, तो उसके लिये भला होता।
भजन संहिता 22:7-8, भजन संहिता 22:16-18, यशायाह 53:9

24. The Son of Man is going just as it is written of Him; but woe to that man by whom the Son of Man is betrayed! It would have been better (more profitable and wholesome) for that man if he had never been born! [Ps. 41:9.]

25. तब उसके पकड़वानेवाले यहूदा ने कहा कि हे रब्बी, क्या वह मैं हूं?

25. Judas, the betrayer, said, Surely it is not I, is it, Master? He said to him, You have stated [the fact].

26. उस ने उस से कहा, तू कह चुका: जब वे खा रहे थे, तो यीशु ने रोटी ली, और आशीष मांगकर तोड़ी, और चेलों को देकर कहा, लो, खाओ; यह मेरी देह है।

26. Now as they were eating, Jesus took bread and, praising God, gave thanks and asked Him to bless it to their use, and when He had broken it, He gave it to the disciples and said, Take, eat; this is My body.

27. फिर उस ने कटोरा लेकर, धन्यवाद किया, और उन्हें देकर कहा, तुम सब इस में से पीओ।

27. And He took a cup, and when He had given thanks, He gave it to them, saying, Drink of it, all of you;

28. क्योंकि यह वाचा का मेरा वह लोहू है, जो बहुतों के लिये पापों की क्षमा के निमित्त बहाया जाता है।
निर्गमन 24:8, यिर्मयाह 31:31, जकर्याह 9:11

28. For this is My blood of the new covenant, which [ratifies the agreement and] is being poured out for many for the forgiveness of sins. [Exod. 24:6-8.]

29. मैं तुम से कहता हूं, कि दाख का यह रस उस दिन तक कभी न पीऊंगा, जब तक तुम्हारे साथ अपने पिता के राज्य में नया न पीऊं।।

29. I say to you, I shall not drink again of this fruit of the vine until that day when I drink it with you new and of superior quality in My Father's kingdom.

30. फिर वे भजन गाकर जैतून पहाड़ पर गए।।
भजन संहिता 113:8

30. And when they had sung a hymn, they went out to the Mount of Olives.

31. तब यीशु ने उन से कहा; तुम सब आज ही रात को मेरे विषय में ठोकर खाओगे; क्योंकि लिखा है, कि मैं चरवाहे को मारूंगा; और झुण्ड की भेड़ें तित्तर बित्तर हो जाएंगी।
जकर्याह 13:7

31. Then Jesus said to them, You will all be offended and stumble and fall away because of Me this night [distrusting and deserting Me], for it is written, I will strike the Shepherd, and the sheep of the flock will be scattered. [Zech. 13:7.]

32. परन्तु मैं अपने जी उठने के बाद तुम से पहले गलील को जाऊंगा।

32. But after I am raised up [to life again], I will go ahead of you to Galilee.

33. इस पर पतरस ने उस से कहा, यदि सब तेरे विषय में ठोकर खाएं तो खाएं, परन्तु मैं कभी भी ठोकर न खाऊंगा।

33. Peter declared to Him, Though they all are offended and stumble and fall away because of You [and distrust and desert You], I will never do so.

34. यीशु ने उस से कहा, मैं तुम से सच कहता हूं, कि आज ही राज को मुर्गे के बांग देने से पहिले, तू तीन बार मुझ से मुकर जाएगा।

34. Jesus said to him, Solemnly I declare to you, this very night, before a single rooster crows, you will deny and disown Me three times.

35. पतरस ने उस से कहा, यदि मुझे तेरे साथ मरना भी हो, तौभी, मैं तुझ से कभी न मुकरूंगा: और ऐसा ही सब चेलों ने भी कहा।।

35. Peter said to Him, Even if I must die with You, I will not deny or disown You! And all the disciples said the same thing.

36. तब यीशु ने अपने चेलों के साथ गतसमनी नाम एक स्थान में आया और अपने चेलों से कहने लगा कि यहीं बैठे रहना, जब तक कि मैं वहां जाकर प्रार्थना करूं।

36. Then Jesus went with them to a place called Gethsemane, and He told His disciples, Sit down here while I go over yonder and pray.

37. और वह पतरस और जब्दी के दोनों पुत्रों को साथ ले गया, और उदास और व्याकुल होने लगा।

37. And taking with Him Peter and the two sons of Zebedee, He began to show grief and distress of mind and was deeply depressed.

38. तब उस ने उन से कहा; मेरा जी बहुत उदास है, यहां तक कि मेरे प्राण निकला चाहते: तुम यहीं ठहरो, और मेरे साथ जागते रहो।
भजन संहिता 42:5, भजन संहिता 42:11, भजन संहिता 43:5, योना 4:9

38. Then He said to them, My soul is very sad and deeply grieved, so that I am almost dying of sorrow. Stay here and keep awake and keep watch with Me.

39. फिर वह थोड़ा और आगे बढ़कर मुंह के बल गिरा, और यह प्रार्थना करने लगा, कि हे मेरे पिता, यदि हो सके, तो यह कटोरा मुझ से टल जाए; तौभी जैसा मैं चाहता हूं वैसा नहीं, परन्तु जैसा तू चाहता है वैसा ही हो।

39. And going a little farther, He threw Himself upon the ground on His face and prayed saying, My Father, if it is possible, let this cup pass away from Me; nevertheless, not what I will [not what I desire], but as You will and desire.

40. फिर चेलों के पास आकर उन्हें सोते पाया, और पतरस से कहा; क्या तुम मेरे साथ एक घड़ी भी न जाग सके?

40. And He came to the disciples and found them sleeping, and He said to Peter, What! Are you so utterly unable to stay awake and keep watch with Me for one hour?

41. जागते रहो, और प्रार्थना करते रहो, कि तुम परीक्षा में न पड़ो: आत्मा तो तैयार है, परन्तु शरीर दुर्बल है।

41. All of you must keep awake (give strict attention, be cautious and active) and watch and pray, that you may not come into temptation. The spirit indeed is willing, but the flesh is weak.

42. फिर उस ने दूसरी बार जाकर यह प्रार्थना की; कि हे मेरे पिता, यदि यह मेरे पीए बिना नहीं हट सकता तो तेरी इच्छा पूरी हो।

42. Again a second time He went away and prayed, My Father, if this cannot pass by unless I drink it, Your will be done.

43. तब उस ने आकर उन्हें फिर सोते पाया, क्योंकि उन की आंखें नींद से भरी थीं।

43. And again He came and found them sleeping, for their eyes were weighed down with sleep.

44. और उन्हें छोड़कर फिर चला गया, और वही बात फिर कहकर, तीसरी बार प्रार्थना की।

44. So, leaving them again, He went away and prayed for the third time, using the same words.

45. तब उस ने चेलों के पास आकर उन से कहा; अब सोते रहो, और विश्राम करो: देखो, घड़ी आ पहुंची है, और मनुष्य का पुत्रा पापियों के हाथ पकड़वाया जाता है।

45. Then He returned to the disciples and said to them, Are you still sleeping and taking your rest? Behold, the hour is at hand, and the Son of Man is betrayed into the hands of especially wicked sinners [whose way or nature it is to act in opposition to God].

46. उठो, चलें; देखो, मेरा पकड़वानेवाला निकट आ पहुंचा है।।

46. Get up, let us be going! See, My betrayer is at hand!

47. वह यह कह ही रहा था, कि देखो यहूदा जो बारहों में से एक था, आया, और उसके साथ महायाजकों और लोगों के पुरनियों की ओर से बड़ी भीड़, तलवारें और लाठियां लिए हुए आई।

47. As He was still speaking, Judas, one of the Twelve [apostles], came up, and with him a great crowd with swords and clubs, from the chief priests and elders of the people.

48. उसके पकड़वानेवाले ने उन्हें यह पता दिया था कि जिस को मैं चूम लूं वही है; उसे पकड़ लेना।

48. Now the betrayer had given them a sign, saying, The One I shall kiss is the Man; seize Him.

49. और तुरन्त यीशु के पास आकर कहा; हे रब्बी नमस्कार; और उस को बहुत चूमा।

49. And he came up to Jesus at once and said, Hail (greetings, good health to You, long life to You), Master! And he embraced Him and kissed Him with [pretended] warmth and devotion.

50. यीशु ने उस से कहा; हे मित्रा, जिस काम के लिये तू आया है, उसे कर ले। तब उन्हों ने पास आकर यीशु पर हाथ डाले, और उसे पकड़ लिया।

50. Jesus said to him, Friend, for what are you here? Then they came up and laid hands on Jesus and arrested Him.

51. और देखो, यीशु के साथियों में से एक ने हाथ बढ़ाकर अपनी तलवार खींच ली और महायाजक के दास पर चलाकर उस का कान उड़ा दिया।

51. And behold, one of those who were with Jesus reached out his hand and drew his sword and, striking the body servant of the high priest, cut off his ear.

52. तब यीशु ने उस से कहा; अपनी तलवार काठी में रख ले क्योंकि जो तलवार चलाते हैं, वे सब तलवार से नाश किए जाएंगे।
उत्पत्ति 9:6

52. Then Jesus said to him, Put your sword back into its place, for all who draw the sword will die by the sword. [Gen. 9:6.]

53. क्या तू नहीं समझता, कि मैं अपने पिता से बिनती कर सकता हूं, और वह स्वर्गदूतों की बारह पलटन से अधिक मेरे पास अभी उपस्थित कर देगा?

53. Do you suppose that I cannot appeal to My Father, and He will immediately provide Me with more than twelve legions [more than 80,000] of angels?

54. परन्तु पवित्रा शास्त्रा की बातें कि ऐसा ही होना अवश्य है, क्योंकर पूरी होंगी?

54. But how then would the Scriptures be fulfilled, that it must come about this way?

55. उसी घड़ी यीशु ने भीड़ से कहा; क्या तुम तलवारें और लाठियां लेकर मुझे डाकू के समान पकड़ने के लिये निकले हो? मैं हर दिन मन्दिर में बैठकर उपदेश दिया करता था, और तुम ने मुझे नहीं पकड़ा।

55. At that moment Jesus said to the crowds, Have you come out with swords and clubs as [you would] against a robber to capture Me? Day after day I was accustomed to sit in the porches and courts of the temple teaching, and you did not arrest Me.

56. परन्तु यह सब इसलिये हुआ है, कि भविष्यद्वक्ताओं के वचन के पूरे हों: तब सब चेलें उसे छोड़कर भाग गए।।
जकर्याह 13:7

56. But all this has taken place in order that the Scriptures of the prophets might be fulfilled. Then all the disciples deserted Him and, fleeing, escaped.

57. और यीशु के पकड़नेवाले उस को काइफा नाम महायाजक के पास ले गए, जहां शास्त्री और पुरनिए इकट्ठे हुए थे।

57. But those who had seized Jesus took Him away to Caiaphas, the high priest, where the scribes and the elders had assembled.

58. और पतरस दूर से उसके पीछे पीछे महायाजक के आंगन तक गया, और भीतर जाकर अन्त देखने को प्यादों के साथ बैठ गया।

58. But Peter followed Him at a distance, as far as the courtyard of the high priest's home; he even went inside and sat with the guards to see the end.

59. महायाजक और सारी महासभा यीशु को मार डालने के लिये उसके विरोध में झूठी गवाही की खोज में थे।

59. Now the chief priests and the whole council (the Sanhedrin) sought to get false witnesses to testify against Jesus, so that they might put Him to death;

60. परन्तु बहुत से झूठे गवाहों के आने पर भी न पाई।

60. But they found none, though many witnesses came forward [to testify]. At last two men came forward

61. अन्त में दो जनों ने आकर कहा, कि उस ने कहा है; कि मैं परमेश्वर के मन्दिर को ढा सकता हूं और उसे तीन दिन में बना सकता हूं।

61. And testified, This Fellow said, I am able to tear down the sanctuary of the temple of God and to build it up again in three days.

62. तब महायाजक ने खड़े होकर उस से कहा, क्या तू कोई उत्तर नहीं देता? ये लोग तेरे विरोध में क्या गवाही देते हैं? परन्तु यीशु चुप रहा: महायाजक ने उस से कहा।

62. And the high priest stood up and said, Have You no answer to make? What about this that these men testify against You?

63. मैं तुझे जीवते परमेश्वर की शपथ देता हूं, कि यदि तू परमेश्वर का पुत्रा मसीह है, तो हम से कह दे।
यशायाह 53:7

63. But Jesus kept silent. And the high priest said to Him, I call upon you to swear by the living God, and tell us whether you are the Christ, the Son of God.

64. यीशु ने उस से कहा; तू ने आप ही कह दिया: बरन मैं तुम से यह भी कहता हूं, कि अब से तुम मनुष्य के पुत्रा को सर्वशक्तिमान की दहिनी ओर बैठे, और आकाश के बादलों पर आते देखोगे।
भजन संहिता 110:1-2, दानिय्येल 7:13

64. Jesus said to him, You have stated [the fact]. More than that, I tell you: You will in the future see the Son of Man seated at the right hand of the Almighty and coming on the clouds of the sky. [Ps. 110:1; Dan. 7:13.]

65. तब महायाजक ने अपने वस्त्रा फाड़कर कहा, इस ने परमेश्वर की निन्दा की है, अब हमें गवाहों का क्या प्रयोजन?
लैव्यव्यवस्था 24:16, गिनती 14:6, 2 शमूएल 13:19, एज्रा 9:3, अय्यूब 1:20, अय्यूब 2:12, यिर्मयाह 36:24

65. Then the high priest tore his clothes and exclaimed, He has uttered blasphemy! What need have we of further evidence? You have now heard His blasphemy. [Lev. 24:16; Num. 14:6.]

66. देखो, तुम ने अभी यह निन्दा सुनी है! तुम क्या समझते हो? उन्हों ने उत्तर दिया, यह वध होने के योग्य है।
लैव्यव्यवस्था 24:16

66. What do you think now? They answered, He deserves to be put to death.

67. तब उन्हों ने उस से मुंह पर थूका, और उसे घूंसे मारे, औरों ने थप्पड़ मार के कहा।
यशायाह 50:6, यशायाह 53:5

67. Then they spat in His face and struck Him with their fists; and some slapped Him in the face, [Isa. 50:6.]

68. हे मसीह, हम से भविष्यद्ववाणी करके कह: कि किस ने तुझे मारा?

68. Saying, Prophesy to us, You Christ (the Messiah)! Who was it that struck You?

69. और पतरस बाहर आंगन में बैठा हुआ था: कि एक लौंड़ी ने उसके पास आकर कहा; तू भी यीशु गलीली के साथ था।

69. Now Peter was sitting outside in the courtyard, and one maid came up to him and said, You were also with Jesus the Galilean!

70. उस ने सब के साम्हने यह कह कर इन्कार किया और कहा, मैं नहीं जानता तू क्या कह रही है।

70. But he denied it falsely before them all, saying, I do not know what you mean.

71. जब वह बाहर डेवढ़ी में चला गया, तो दूसरी ने उसे देखकर उन से जो वहां थे कहा; यह भी तो यीशु नासरी के साथ था।

71. And when he had gone out to the porch, another maid saw him, and she said to the bystanders, This fellow was with Jesus the Nazarene!

72. उस ने शपथ खाकर फिर इन्कार किया कि मैं उस मनुष्य को नहीं जानता।

72. And again he denied it and disowned Him with an oath, saying, I do not know the Man!

73. थोड़ी देर के बाद, जो वहां खड़े थे, उन्हों ने पतरस के पास आकर उस से कहा, सचमुच तू भी उन में से एक है; क्योंकि तेरी बोली तेरा भेद खोल देती है।

73. After a little while, the bystanders came up and said to Peter, You certainly are one of them too, for even your accent betrays you.

74. तब वह धिक्कार देने और शपथ खाने लगा, कि मैं उस मनुष्य को नहीं जानता; और तुरन्त मुर्ग ने बांग दी।

74. Then Peter began to invoke a curse on himself and to swear, I do not even know the Man! And at that moment a rooster crowed.

75. तब पतरस को यीशु की कही हुई बात स्मरण आई की मुर्ग के बांग देने से पहिले तू तीन बार मेरा इन्कार करेगा और वह बाहर जाकर फूट फूट कर रोने लगा।।

75. And Peter remembered Jesus' words, when He had said, Before a single rooster crows, you will deny and disown Me three times. And he went outside and wept bitterly.



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