15. क्योंकि इन लोगों का मन मोटा हो गया है, और वे कानों से ऊंचा सुनते हैं और उन्हों ने अपनी आंखें मूंद लीं हैं; कहीं ऐसा न हो कि वे आंखों से देखें, और कानों से सुनें और मन से समझें, और फिर जाएं, और मैं उन्हें चंगा करूं।
यशायाह 6:9-10
15. কেননা এই লোকদের হৃদয় অসাড় হইয়াছে, শুনিতে তাহাদের কর্ণ ভারী হইয়াছে, ও তাহারা চক্ষু মুদ্রিত করিয়াছে, পাছে তাহারা চক্ষে দেখে, আর কর্ণে শুনে, হৃদয়ে বুঝে, এবং ফিরিয়া আইসে, আর আমি তাহাদিগকে সুস্থ করি।”