23. जो अच्छी भूमि में बोया गया, यह वह है, जो वचन को सुनकर समझता है, और फल लाता है कोई सौ गुना, कोई साठ गुना, कोई तीस गुना।
23. But as for the seed sown on good soil, this is the person who hears the word and understands. He bears fruit, yielding a hundred, sixty, or thirty times what was sown.'