9. वह दबका बैठा है, वह सिंह वा सिंहनी की नाई लेट गया है; अब उसको कौन छेड़े? जो कोई तुझे आशीर्वाद दे सो आशीष पाए, और जो कोई तुझे शाप दे वह स्रापित हो।।
9. সে শয়ন করিল, গুঁড়ি মারিল, সিংহের ন্যায়, ও সিংহীর ন্যায়; কে তাহাকে উঠাইবে? যে তোমাকে আশীর্ব্বাদ করে, সে আশীঃপ্রাপ্ত, যে তোমাকে শাপ দেয়, সে শাপগ্রস্ত।