6. इसलिये आ, और उन लोगों को मेरे निमित्त शाप दे, क्योंकि वे मुझ से अधिक बलवन्त हैं, तब सम्भव है कि हम उन पर जयवन्त हों, और हम सब इनको अपने देश से मारकर निकाल दें; क्योंकि यह तो मैं जानता हूं कि जिसको तू आशीर्वाद देता है वह धन्य होता है, और जिसको तू शाप देता है वह स्रापित होता है।
6. Come now therfore, and curse me this people, for they are to mightie for me, yf peraduenture I might be able to smyte them, and to dryue them out of the lande. For I wote, that whom thou blessest, he is blessed: and whom thou cursest, he is cursed.