Numbers - गिनती 15 | View All

1. फिर यहोवा ने मूसा से कहा,

1. And LORD spoke to Moses, saying,

2. इस्त्राएलियों से कह, कि जब तुम अपने निवास के देश में पहुंचों, जो मैं तुम्हे देता हूं,

2. Speak to the sons of Israel, and say to them, When ye come into the land of your habitations, which I give to you,

3. और यहोवा के लिये क्या होमबलि, क्या मेलबलि, कोई हव्य चढ़ावो, चाहे वह विशेष मन्नत पूरी करने का हो चाहे स्वेच्छाबलि का हो, चाहे तुम्हारे नियत समयों में का हो, या वह चाहे गाय- बैल चाहे भेड़- बकरियों में का हो, जिस से यहोवा के लिये सुखदायक सुगन्ध हो;

3. and will make an offering by fire to LORD, a burnt-offering, or a sacrifice, to accomplish a vow, or as a freewill-offering, or in your set feasts, to make a sweet savor to LORD, of the herd, or of the flock,

4. तब उस होमबलि वा मेलबलि के संग भेड़ के बच्चे पीछे यहोवा के लिये चौथाई हिन तेल से सना हुआ एपा का दसवां अंश मैदा अन्नबलि करके चढ़ाना,

4. then he who offers his oblation shall offer to LORD a meal-offering of a tenth part of an ephah of fine flour mingled with the fourth part of a hin of oil.

5. और चौथाई हिन दाखमधु अर्घ करके देना।

5. And wine for the drink-offering, the fourth part of a hin, thou shall prepare with the burnt-offering, or for the sacrifice, for each lamb.

6. और मेढ़े पीछे तिहाई हिन तेल से सना हुआ एपा का दो दसवां अंश मैदा अन्नबलि करके चढ़ाना;

6. Or for a ram, thou shall prepare for a meal-offering two tenth parts of an ephah of fine flour mingled with the third part of a hin of oil.

7. और उसका अर्घ यहोवा को सुखदायक सुगन्ध देनेवाला तिहाई दिन दाखमधु देना।

7. And for the drink-offering thou shall offer the third part of a hin of wine, of a sweet savor to LORD.

8. और जब तू यहोवा को होमबलि वा किसी विशेष मन्नत पूरी करने के लिये बलि वा मेलबलि करके बछड़ा चढ़ाए,

8. And when thou prepare a bullock for a burnt-offering, or for a sacrifice, to accomplish a vow, or for peace-offerings to LORD;

9. तब बछड़े का चढ़ानेवाला उसके संग आध हिन तेल से सना हुआ एपा का तीन दसवां अंश मैदा अन्नबलि करके चढ़ाए।

9. then he shall offer with the bullock a meal-offering of three tenth parts of an ephah of fine flour mingled with half a hin of oil.

10. और उसका अर्घ आध हिन दाखमधु चढ़ाए, वह यहोवा को सुखदायक सुगन्ध देनेवाला हव्य होगा।

10. And thou shall offer for the drink-offering half a hin of wine, for an offering made by fire, of a sweet savor to LORD.

11. एक एक बछड़े, वा मेढ़े, वा भेड़ के बच्चे, वा बकरी के बच्चे के साथ इसी रीति चढ़ावा चढ़ाया जाए।

11. Thus shall it be done for each bullock, or for each ram, or for each of the he-lambs, or of the kids.

12. तुम्हारे बलिपशुओं की जितनी गिनती हो, उसी गिनती के अनुसार एक एक के साथ ऐसा ही किया करना।

12. According to the number that ye shall prepare, so shall ye do to every one according to their number.

13. जितने देशी हों वे यहोवा को सुखदायक सुगन्ध देनेवाला हव्य चढ़ाते समय ये काम इसी रीति से किया करें।

13. All who are home-born shall do these things after this manner, in offering an offering made by fire, of a sweet savor to LORD.

14. और यदि कोई परदेशी तुम्हारे संग रहता हो, वा तुम्हारी किसी पीढ़ी में तुम्हारे बीच कोई रहनेवाला हो, और वह यहोवा को सुखदायक सुगन्ध देनेवाला हव्य चढ़ाना चाहे, तो जिस प्रकार तुम करोगे उसी प्रकार वह भी करे।

14. And if a stranger sojourns with you, or whoever may be among you throughout your generations, and will offer an offering made by fire, of a sweet savor to LORD; as ye do, so he shall do.

15. मण्डली के लिये, अर्थात् तुम्हारे और तुम्हारे संग रहनेवाले परदेशी दोनों के लिये एक ही विधि हो; तुम्हारी पीढ़ी पीढ़ी में यह सदा की विधि ठहरे, कि जैसे तुम हो वैसे ही परदेशी भी यहोवा के लिये ठहरता है।

15. For the assembly, there shall be one statute for you, and for the stranger who sojourns with you, a statute forever throughout your generations. As ye are, so shall the sojourner be before LORD.

16. तुम्हारे और तुम्हारे संग रहनेवाले परदेशियों के लिये एक ही व्यवस्था और एक ही नियम है।।

16. One law and one ordinance shall be for you, and for the stranger who sojourns with you.

17. फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
रोमियों 11:16

17. And LORD spoke to Moses, saying,

18. इस्त्राएलियों को मेरा यह वचन सुना, कि जब तुम उस देश में पहुंचो जहां मैं तुम को लिये जाता हूं,

18. Speak to the sons of Israel, and say to them, When ye come into the land where I bring you,

19. और उस देश की उपज का अन्न खाओ, तब यहोवा के लिये उठाई हुई भेंट चढ़ाया करो।

19. then it shall be, that, when ye eat of the bread of the land, ye shall offer up a heave-offering to LORD.

20. अपने पहिले गूंधे हुए आटे की एक पपड़ी उठाई हुई भेंट करके यहोवा के लिये चढ़ाना; जैसे तुम खलिहान में से उठाई हुई भेंट चढ़ाओगे वैसे ही उसको भी उठाया करना।

20. Of the first of your dough ye shall offer up a cake for a heave-offering, as the heave-offering of the threshing-floor, so shall ye heave it.

21. अपनी पीढ़ी पीढ़ी में अपने पहिले गूंधे हुए आटे में से यहोवा को उठाई हुई भेंट दिया करना।।

21. Of the first of your dough ye shall give to LORD a heave-offering throughout your generations.

22. फिर जब तुम इन सब आज्ञाओं में से जिन्हें यहोवा ने मूसा को दिया है किसी का उल्लंघन भूल से करो,

22. And when ye shall err, and not observe all these commandments, which LORD has spoken to Moses,

23. अर्थात् जिस दिन से यहोवा आज्ञा देने लगा, और आगे की तुम्हारी पीढ़ी पीढ़ी में उस दिन से उस ने जितनी आज्ञाएं मूसा के द्वारा दी हैं,

23. even all that LORD has commanded you by Moses, from the day that LORD gave commandment, and onward throughout your generations,

24. उस में यदि भूल से किया हुआ पाप मण्डली के बिना जाने हुआ हो, तो सारी मण्डली यहोवा को सुखदायक सुगन्ध देनेवाला होमबलि करके एक बछड़ा, और उसके संग नियम के अनुसार उसका अन्नबलि और अर्घ चढ़ाए, और पापबलि करके एक बकरा चढ़ाए।

24. then it shall be, if it be done unwittingly, without the knowledge of the congregation, that all the congregation shall offer one young bullock for a burnt-offering, for a sweet savor to LORD, with the meal-offering of it, and the drink-offering of it, according to the ordinance, and one he-goat for a sin-offering.

25. जब याजक इस्त्राएलियों की सारी मण्डली के लिये प्रायश्चित्त करे, और उनकी क्षमा की जाएगी; क्योंकि उनका पाप भूल से हुआ, और उन्हों ने अपनी भूल के लिये अपना चढ़ावा, अर्थात् यहोवा के लिये हव्य और अपना पापबलि उसके साम्हने चढ़ाया।

25. And the priest shall make atonement for all the congregation of the sons of Israel, and they shall be forgiven, for it was an error, and they have brought their oblation, an offering made by fire to LORD, and their sin-offering before LORD, for their error.

26. सो इस्त्राएलियों की सारी मण्डली का, और उसके बीच रहनेवाले परदेशी का भी, वह पाप क्षमा किया जाएगा, क्योंकि वह सब लोगों के अनजान में हुआ।

26. And all the congregation of the sons of Israel shall be forgiven, and the stranger who sojourns among them, for in respect of all the people it was done unwittingly.

27. फिर यदि कोई प्राणी भूल से पाप करे, तो वह एक वर्ष की एक बकरी पापबलि करके चढ़ाए।

27. And if one soul sins unwittingly, then he shall offer a she-goat a year old for a sin-offering.

28. और याजक भूल से पाप करनेवाले प्राणी के लिये यहोवा के साम्हने प्रायश्चित्त करे; सो इस प्रायश्चित्त के कारण उसका वह पाप क्षमा किया जाएगा।

28. And the priest shall make atonement for the soul that errs, when he sins unwittingly, before LORD, to make atonement for him, and he shall be forgiven.

29. जो कोई भूल से कुछ करे, चाहे वह परदेशी होकर रहता हो, सब के लिये तुम्हारी एक ही व्यवस्था हो।

29. Ye shall have one law for him who does anything unwittingly, for him who is home-born among the sons of Israel, and for the stranger who sojourns among them.

30. परन्तु क्या देशी क्या परदेशी, जो प्राणी ढिठाई से कुछ करे, वह यहोवा का अनादर करनेवाला ठहरेगा, और वह प्राणी अपने लोगों में से नाश किया जाए।

30. But the soul that does anything with a high hand, whether he be home-born or a sojourner, the same blasphemes LORD, and that soul shall be cut off from among his people.

31. वह जो यहोवा का वचन तुच्छ जानता है, और उसकी आज्ञा का टालनेवाला है, इसलिये वह प्राणी निश्चय नाश किया जाए; उसका अधर्म उसी के सिर पड़ेगा।।

31. Because he has despised the word of LORD, and has broken his commandment, that soul shall utterly be cut off; his iniquity shall be upon him.

32. जब इस्त्राएली जंगल में रहते थे, उन दिनों एक मनुष्य विश्राम के दिन लकड़ी बीनता हुआ मिला।

32. And while the sons of Israel were in the wilderness, they found a man gathering sticks upon the Sabbath day.

33. और जिनको वह लकड़ी बीनता हुआ मिला, वे उसको मूसा और हारून, और सारी मण्डली के पास ले गए।

33. And those who found him gathering sticks brought him to Moses and Aaron, and to all the congregation.

34. उन्हों ने उसको हवालात में रखा, क्योंकि ऐसे मनुष्य से क्या करना चाहिये वह प्रकट नहीं किया गया था।

34. And they put him in ward, because it had not been declared what should be done to him.

35. तब यहोवा ने मूसा से कहा, वह मनुष्य निश्चय मार डाला जाए; सारी मण्डली के लोग छावनी के बाहर उस पर पत्थरवाह करें।

35. And LORD said to Moses, The man shall surely be put to death. All the congregation shall stone him with stones outside the camp.

36. सो जैसा यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी उसी के अनुसार सारी मण्डली के लोगों ने उसको छावनी से बाहर ले जाकर पत्थरवाह किया, और वह मर गया।

36. And all the congregation brought him outside the camp, and stoned him to death with stones, as LORD commanded Moses.

37. फिर यहोवा ने मूसा से कहा,

37. And LORD spoke to Moses, saying,

38. इस्त्राएलियों से कह, कि अपनी पीढ़ी पीढ़ी में अपने वस्त्रों के कोर पर झालर लगाया करना, और एक एक कोर की झालर पर एक नीला फीता लगाया करना;
मत्ती 23:5

38. Speak to the sons of Israel, and bid them that they make for them fringes in the borders of their garments throughout their generations, and that they put upon the fringe of each border a cord of blue.

39. और वह तुम्हारे लिये ऐसी झालर ठहरे, जिस से जब जब तुम उसे देखो तब तब यहोवा की सारी आज्ञाएं तुम हो स्मरण आ जाएं; और तुम उनका पालन करो, और तुम अपने अपने मन और अपनी अपनी दृष्टि के वश में होकर व्यभिचार न करते फिरो जैसे करते आए हो।
मत्ती 23:5

39. And it shall be to you for a fringe, that ye may look upon it, and remember all the commandments of LORD, and do them, and that ye not follow after your own heart and your own eyes, after which ye use to play the harlot,

40. परन्तु तुम यहोवा की सब आज्ञाओं को स्मरण करके उनका पालन करो, और अपने परमेश्वर के लिये पवित्रा बनो।

40. that ye may remember and do all my commandments, and be holy to your God.

41. मैं यहोवा तुम्हारा परमेश्वर हूं, जो तुम्हे मि देश से निकाल ले आया कि तुम्हारा परमेश्वर ठहरूं; मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूं।।

41. I am LORD your God, who brought you out of the land of Egypt, to be your God. I am LORD your God.



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