3. तब उस ने मुझ से कहा, यह वह शाप है जो इस सारे देश पर पड़नेवाला है; क्योंकि जो कोई चोरी करता है, वह उसकी एक ओर लिखे हुए के अनुसार मैल की नाईं निकाल दिया जाएगा; और जो कोई शपथ खाता है, वह उसकी दूसरी ओर लिखे हुए के अनुसार मैल की नाईं निकाल दिया जाएगा।
3. তিনি আমাকে কহিলেন, উহা সমস্ত দেশের উপরে নির্গত অভিশাপ; বস্তুতঃ যে কেহ চুরি করে, সে উহার এক পৃষ্ঠের বিধান অনুসারে উচ্ছিন্ন হইবে, এবং যে কেহ শপথ করে, সে উহার অন্য পৃষ্ঠের বিধান অনুসারে উচ্ছিন্ন হইবে।