17. तेरे मुकुटधारी लोग टिडि्डयों के समान, और सेनापति टिडि्डयों के दलों सरीखे ठहरेंगे जो जाड़े के दिन में बाड़ों पर टिकते हैं, परन्तु जब सूर्य दिखाई देता है तब भाग जाते हैं; और कोई नहीं जानता कि वे कहां गए।।
17. Thy princes [are] as the locusts, and thy captains as the great grasshoppers, which settle in the hedges in the cold day, [but] when the sun ariseth they flee away, and their place is not known where they [are].