18. हे अश्शूर के राजा, तेरे ठहराए हुए चरवाहे ऊंघते हैं; तेरे शूरवीर भारी नींद में पड़ गए हैं। तेरी प्रजा पहाड़ों पर तितर- बितर हो गई है, और कोई उनको फिर इकट्ठे नहीं करता।
18. Emperor of Assyria, your governors are dead, and your noblemen are asleep forever! Your people are scattered on the mountains, and there is no one to bring them home again.