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1. फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
1. And the LORD spoke unto Moses, saying,
2. हारून और उसके पुत्रों से कह, कि इस्त्राएलियों की पवित्रा की हुई वस्तुओं से जिनको वे मेरे लिये पवित्रा करते हैं न्यारे रहें, और मेरे पवित्रा नाम को अपवित्रा न करें, मैं यहोवा हूं।
2. Speak unto Aaron and to his sons that they abstain from the holy things of the sons of Israel and that they not profane my holy name [in those things] which they sanctify unto me. I [am] the LORD.
3. और उन से कह, कि तुम्हारी पीढ़ी- पीढ़ी में तुम्हारे सारे वंश में से जो कोई अपनी अशुद्धता की दशा में उन पवित्रा की हुई वस्तुओं के पास जाए, जिन्हें इस्त्राएली यहोवा के लिये पवित्रा करते हैं, वह प्राणी मेरे साम्हने से नाश किया जाएगा; मैं यहोवा हूं।
3. Say unto them, Any man of all your seed among your generations that goes in unto the holy things, which the children of Israel sanctify unto the LORD, having his uncleanness upon him, that soul shall be cut off from my presence. I [am] the LORD.
4. हारून के वंश में से कोई क्यों न हो जो कोढ़ी हो, वा उसके प्रमेह हो, वह मनुष्य जब तक शुद्ध न हो जाए तब तक पवित्रा की हुई वस्तुओं में से कुछ न खाए। और जो लोथ के कारण अशुद्ध हुआ हो, वा वीरर्य स्खलित हुआ हो, ऐसे मनुष्य को जो कोई छूए,
4. Whatever man of the seed of Aaron who [is] a leper or has a running issue shall not eat of the holy things until he is clean. And whosoever touches any thing [that is] unclean [by] the dead or a man whose seed has gone out from him
5. और जो कोई किसी ऐसे रेंगनेहारे जन्तु को छूए जिस से लोग अशुद्ध हो सकते हैं, वा किसी ऐसे मनुष्य को छूए जिस में किसी प्रकार की अशुद्धता हो जो उसको भी लग सकती है।
5. or the man who has touched any reptile, by which he shall be unclean, or a man of whom he shall become unclean, according to whatever uncleanness he has,
6. तो वह प्राणी जो इन में से किसी को छूए सांझ तक अशुद्ध ठहरा रहे, और जब तक जल से स्नान न कर ले तब तक पवित्रा वस्तुओं में से कुछ न खाए।
6. the person who has touched any such shall be unclean until evening and shall not eat of the holy things until he has washed his flesh with water.
7. तब सूर्य अस्त होने पर वह शुद्ध ठहरेगा; और तब वह पवित्रा वस्तुओं में से खा सकेगा, क्योंकि उसका भोजन वही है।
7. And when the sun is down, he shall be clean and shall afterward eat of the holy things, because it is his bread.
8. जो जानवर आप से मरा हो वा पशु से फाड़ा गया हो उसे खाकर वह अपने आप को अशुद्ध न करे; मैं यहोवा हूं।
8. That which dies of itself or is torn [by beasts], he shall not eat to defile himself therewith. I [am] the LORD.
9. इसलिये याजक लोग मेरी सौपी हुई वस्तुओं की रक्षा करें, ऐसा न हो कि वे उनको अपवित्रा करके पाप का भार उठाएं, और इसके कारण मर भी जाएं; मैं उनका पवित्रा करनेवाला यहोवा हूं।
9. They shall therefore keep my ordinance lest they bear sin for it and die therefore, if they profane it. I AM he who sanctifies them.
10. पराए कुल का जन किसी पवित्रा वस्तु को न खाने पाए, चाहे वह याजक का पाहुन हो वा मजदूर हो, तौभी वह कोई पवित्रा वस्तु न खाए।
10. No stranger shall eat [of] the holy thing; a guest of the priest or a hired servant shall not eat [of] the holy thing.
11. यदि याजक किसी प्राणी को रूपया देकर मोल ले, तो वह प्राणी उस में से खा सकता है; और जो याजक के घर में उत्पन्न हुए हों वे भी उसके भोजन में से खाएं।
11. But when the priest shall buy [any] soul with his money, he shall eat of it, and he that is born in his house, they shall eat of his bread.
12. और यदि याजक की बेटी पराए कुल के किसी पुरूष से ब्याही गई हो, तो वह भेंट की हुई पवित्रा वस्तुओं में से न खाए।
12. If the priest's daughter becomes married unto a stranger, she may not eat of that which is set apart of the holy things.
13. यदि याजक की बेटी विधवा वा त्यागी हुई हो, और उसकी सन्तान न हो, और वह अपनी बाल्यावस्था की रीति के अनुसार अपने पिता के घर में रहती हो, तो वह अपने पिता के भोजन में से खाए; पर पराए कुल का कोई उस में से न खाने पाए।
13. But if the priest's daughter becomes a widow or divorced and has no child and is returned unto her father's house as in her youth, she shall eat of her father's bread; but no stranger shall eat thereof.
14. और यदि कोई मनुष्य किसी पवित्रा वस्तु में से कुछ भूल से खा जाए, तो वह उसका पांचवां भाग बढ़ाकर उसे याजक को भर दे।
14. And if a man eats [of] the holy thing by error, then he shall add the fifth [part] thereof unto it and shall give [it] unto the priest with the offering that he ate.
15. और वे इस्त्राएलियों की पवित्रा की हुई वस्तुओं को, जिन्हें वे यहोवा के लिये चढ़ाएं, अपवित्रा न करें।
15. And they shall not profane the holy things of the sons of Israel, which they set apart unto the LORD,
16. वे उनको अपनी पवित्रा वस्तुओं में से खिलाकर उन से अपराध का दोष न उठवाएं; मैं उनका पवित्रा करनेवाला यहोवा हूं।।
16. or suffer them to bear the iniquity of their guilt, when they eat their holy things. For I AM he who sanctifies them.
17. फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
17. And the LORD spoke unto Moses, saying,
18. हारून और उसके पुत्रों से और इस्त्राएल के घराने वा इस्त्राएलियों में रहनेवाले परदेशियों में से कोई क्यों न हो जो मन्नत वा स्वेच्छाबलि करने के लिये यहोवा को कोई होमबलि चढ़ाए,
18. Speak unto Aaron and to his sons and unto all the sons of Israel and say unto them, Any man of the house of Israel or of the strangers in Israel that will offer his oblation for all his vows and for all his freewill offerings, which they will offer unto the LORD for a burnt offering,
19. तो अपने निमित्त ग्रहणयोग्य ठहरने के लिये बैलों वा भेड़ों वा बकरियों में से निर्दोष नर चढ़ाया जाए।
19. [ye shall offer] of your own free will a male without blemish of the bovine cattle of the sheep or of the goats.
20. जिस में कोई भी दोष हो उसे न चढ़ाना; क्योंकि वह तुम्हारे निमित्त ग्रहणयोग्य न ठहरेगा।
20. [But ye] shall not offer any thing that has a blemish, for it shall not be acceptable for you.
21. और जो कोई बैलों वा भेड़- बकरियों में से विशेष वस्तु संकल्प करने के लिये वा स्वेच्छाबलि के लिये यहोवा को मेलबलि चढ़ाए, तो ग्रहण होने के लिये अवश्य है कि वह निर्दोष हो, उस में कोई भी दोष न हो।
21. Likewise when anyone offers a sacrifice of peace unto the LORD to present [his] vow or a freewill offering in bovine cattle or sheep, it must be perfect to be accepted; there shall be no blemish therein.
22. जो अन्धा वा अंग का टूटा वा लूला हो, वा उस में रसौली वा खौरा वा खुजली हो, ऐसों को यहोवा के लिये न चढ़ाना, उनको वेदी पर यहोवा के लिये हव्य न चढ़ाना।
22. Blind or broken or maimed or having a running sore or scurvy or scabbed, ye shall not offer these unto the LORD, nor make an offering on fire of them upon the altar of the LORD.
23. जिस किसी बैल वा भेड़ वा बकरे का कोई अंग अधिक वा कम हो उसको स्वेच्छाबलि कि लिये चढ़ा सकते हो, परन्तु मन्नत पूरी करने के लिये वह ग्रहण न होगा।
23. A bullock or a lamb that has any thing superfluous or lacking in his parts, [thou may] offer for a freewill offering; but for a vow it shall not be accepted.
24. जिसके अंड दबे वा कुचले वा टूटे वा कट गए हों उसको यहोवा के लिये न चढ़ाना, और अपने देश में भी ऐसा काम न करना।
24. Ye shall not offer unto the LORD that which is bruised or crushed or broken or cut; neither shall ye do thus in [all] your land.
25. फिर इन में से किसी को तुम अपने परमेश्वर का भोजन जानकर किसी परदेशी से लेकर न चढ़ाओ; क्योंकि उन में उनका बिगाड़ वर्तमान है, उन में दोष है, इसलिये वे तुम्हारे निमित्त ग्रहण न होंगे।।
25. Neither from the son of a stranger's hand shall ye offer the bread of your God of any of these because their corruption [is] in them [and] blemishes [are] in them; they shall not be accepted for you.
26. फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
26. And the LORD spoke unto Moses, saying,
27. जब बछड़ा वा भेड़ वा बकरी का बच्चा उत्पन्न हो, तो वह सात दिन तक अपनी मां के साथ रहे; फिर आठवें दिन से आगे को वह यहोवा के हव्यवाह चढ़ावे के लिये ग्रहणयोग्य ठहरेगा।
27. When a bullock or a sheep or a goat is born, then it shall be seven days under the dam; and from the eighth day and thenceforth it shall be accepted for an offering on fire unto the LORD.
28. चाहे गाय, चाहे भेड़ी वा बकरी हो, उसको और उसके बच्चे को एक ही दिन में बलि न करना।
28. And [whether it is] cow or ewe, ye shall not kill it and her young both in one day.
29. और जब तुम यहोवा के लिये धन्यवाद का मेलबलि चढ़ाओ, तो उसे इसी प्रकार से करना जिस से वह ग्रहणयोग्य ठहरे।।
29. And when ye will offer a sacrifice of thanksgiving unto the LORD, offer [it] of your own free will.
30. वह उसी दिन खाया जाए, उस में से कुछ भी बिहान तक रहने न पाए; मैं यहोवा हूं।
30. On the same day it shall be eaten up; ye shall leave none of it until the morrow. I [am] the LORD.
31. और तुम मेरी आज्ञाओं को मानना और उनका पालन करना; मैं यहोवा हूं।
31. Keep, therefore, my commandments and do them. I am the LORD.
32. और मेरे पवित्रा नाम को अपवित्रा न ठहराना, क्योंकि मैं इस्त्राएलियों के बीच अवश्य ही पवित्रा माना जाऊंगा; मैं तुम्हारा पवित्रा करनेवाला यहोवा हूं।
32. Profane ye not my holy name, and I will sanctify myself in the midst of the sons of Israel. I AM he who sanctifies you
33. जो तुम को मि देश से निकाल लाया हूं जिस से तुम्हारा परमेश्वर बना रहूं; मैं यहोवा हूं।।
33. and who brought you out of the land of Egypt to be your God. I [am] the LORD.: