32. और इन में से किसी की लोथ जिस किसी वस्तु पर पड़ जाए वह भी अशुद्ध ठहरे, चाहे वह काठ का कोई पात्रा हो, चाहे वस्त्रा, चाहे खाल, चाहे बोरा, चाहे किसी काम का कैसा ही पात्रादि क्यों न हो; वह जल में डाला जाए, और सांझ तक अशुद्ध रहे, तब शुद्ध समझा जाए।
32. And on whatever any of them when they are dead doth fall, it shall be unclean; all vessels of wood, or garment, or skin, or sack, every vessel wherewith work is done -- it shall be put into water, and be unclean until the even; then shall it be clean.