17. याजक जो यहोवा के टहलुए हैं, वे आंगल और वेदी के बीच में रो रोकर कहें, हे यहोवा अपनी प्रजा पर तरस खा; और अपने निज भाग की नामधराई न होने दे; न अन्यजातियां उसकी उपमा देने पाएं। जाति जाति के लोग आपस में क्यां कहने पाएं, कि उनका परमेश्वर कहां रहा?
17. Between Sanctuary entrance and altar, let the priests, GOD's servants, weep tears of repentance. Let them intercede: 'Have mercy, GOD, on your people! Don't abandon your heritage to contempt. Don't let the pagans take over and rule them and sneer, 'And so where is this God of theirs?''